भारत और पाकिस्तान का विभाजन हमारे इतिहास की सबसे मार्मिक घटनाओं में से एक है। एक तरफ हमारा देश सदियों की गुलामी के बाद आजाद हो रहा था, तो वहीं दूसरी तरफ देश दो टुकड़ों विभाजित होने जा रहा था। बड़े पैमाने में लोग अपना घर छोड़कर दूसरी जगह पलायन कर रहे थे। देश भर में भारी हिंसा का माहौल था, वहीं चारों तरफ सामाजिक दंगे भड़के हुए थे।
उस समय की कई दर्दनाक कहानियां हमें लोगों से सुनने को मिलती हैं। बंटवारे में हुई हिंसा के कारण कई लोगों की जानें गई, तो वहीं कई लोग अपने घरों से बेघर हो गए। देश के विभाजन को लेकर बॉलीवुड कई फिल्में बनाई गईं। जिन्हें देखकर हमें आज भी उस दौर के दृश्य नजर आते हैं, जब हमने आजादी की कीमत देश के बंटवारे के रूप में चुकाई थी।
आज के आर्टिकल में हम आपको उन भारतीय फिल्मों के बारे में बताएंगे, जो भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के उस दर्दनाक समय को परदे पर बखूबी दिखाती हैं। तो आइए जानते हैं कि आखिर कौन सी हैं वो फिल्में।
तमस-
1988 में आई फिल्म ‘तमस’ उपन्यासकार भीष्म साहनी के उपन्यास पर आधारित है। कहा जाता है कि यह फिल्म आज के पाकिस्तान में स्थित रावलपिंडी में हुए दंगों की सच्ची घटना पर बनाई गई है। इस फिल्म में विभाजन के दौरान होने वाले दंगों की कहानियां बताई गई हैं। इस फिल्म में भीष्म साहनी,एके हंगल, ओम पुरी, पंकज कपूर और सुरेखा सीकरी जैसे सितारों ने काम किया है।
ट्रेन टू पाकिस्तान-
आपने खुशवंत सिंह की नॉवल ‘ट्रेन टू पाकिस्तान’ का नाम जरूर सुना होगा। आपको बता दें की यह फिल्म उसी नॉवल पर आधारित है, जिसे 1998 में रिलीज किया गया था।
यह फिल्म पाकिस्तान में स्थित शहर मनो माजरा के पास स्थित एक रेलवे लाइन की कहानी पर बनी है। आजादी के पहले इस गांव में सिख बहुसंख्यक हुआ करते थे, वहीं मुस्लिमों की आबादी कम थी। इसके बावजूद भी लोग वहां मिलजुल कर रहते थे, पर बंटवारे के बाद उस शहर की स्थिति और जगहों की तरह ही बदल जाती है। लोगों के बीच दंगे होते हैं, जिसमें लोग एक दूसरे की जान के दुश्मन बन जाते हैं।
हे राम-
साल 2000 में फिल्म ‘हे राम’ को साउथ के जाने माने एक्टर, डायरेक्टर और फिल्म प्रोड्यूसर कमल हसन द्वारा बनाया गया। फिल्म में बंटवारे के समय की हिंसा को दिखाया है, जिसमें राम नाम के एक इंसान की पत्नी का दंगों के दौरान बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी है, इसके साथ ही फिल्म में नाथूराम गोडसे द्वारा गांधी जी की हत्या की कहानी को भी पर्दे पर दिखाया गया है। आपको बता दें की यह फिल्म ऑस्कर के लिए भी नॉमिनेट की गई थी।
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गदर:एक प्रेम कथा-
सनी देओल और अमीषा पटेल स्टारर फिल्म ‘गदर:एक प्रेम कथा’ साल 1999 में आई फिल्म ‘शहीद-ए-मोहब्बत बूटा सिंह’ पर आधारित है। फिल्म में बंटवारे के समय की एक प्रेम कहानी को दिखाया गया है।
कहानी में सरदार तारा सिंह दंगों के दौरान एक मुस्लिम महिला सकीना की जान बचाता है, जिसके बाद वो दोनों शादी कर लेते हैं। सालों बाद सकीना को पता चलता है कि उसके माता-पिता जिंदा हैं और वो उनसे मिलने पाकिस्तान जाती है। पर सकीना के माता-पिता उसे जबरन वहीं रोक लेते हैं और उसके पति के पास नहीं जाने देते हैं, जिसके बाद तारा सिंह अपनी पत्नी को वापस लाने के लिए पाकिस्तान जाता है।
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गरम हवा-
1973 में आई फिल्म ‘गरम हवा’ बंटवारे के समय पर बनी सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक है। फिल्म में उत्तर भारत में रहने वाले एक मुस्लिम परिवार की कहानी को दिखाया गया है, जो इस सोच में पड़ जाती है कि आखिर बंटवारे के बाद भारत में रहा जाए या पाकिस्तान पलायन किया जाया। यह उस समय सभी मुस्लिम परिवारों की चिंता थी कि आखिर वो पाकिस्तान जाएं या फिर भारत में ही रह जाएं।
धर्मपुत्र-
साल 1961 में आई फिल्म धर्मपुत्र भारत-पाकिस्तान के बंटवारे और धर्म पर आधारित दंगों को दिखाती है। फिल्म की कहानी में बंटवारे के दौरान एक हिंदू परिवार अपने साथ एक मुस्लिम बच्चे को भारत लेकर आता है। इस फिल्म का गाना ‘तु हिंदू न बनेगा न मुसलमान बनेगा,इंसान की औलाद है इंसान बनेगा’ हिंदू-मुस्लिम एकता को दर्शाता है।
तो ये थीं वो फिल्में जो भारत और पाकिस्तान बंटवारे की कहानियां बताती हैं। आपको हमारा यह आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें, साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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