स्कूल एक ऐसी जगह है, जहां पर बच्चे केवल पढ़ाई-लिखाई ही नहीं करते, बल्कि उन्हें वह सब कुछ सिखाया जाता है, जो जीवन में उन्हें एक बेहतर और सफल इंसान बनाए। स्कूल में वह किताबी दुनिया के साथ-साथ वास्तविक दुनिया से भी काफी हद तक रूबरू होते हैं। स्कूल टाइमिंग के दौरान बच्चे एक अनुशासित तरीके से अपना जीवन जीते हैं। इतना ही नहीं, उन्हें स्कूल के कई नियमों को भी मानना होता है। स्कूल अलग-अलग तरह के नियम बच्चों की भलाई के लिए ही बनाता है।
लेकिन दुनियाभर में ऐसे कई स्कूल्स भी हैं, जहां पर बेहद ही अजीबो-गरीब नियम बनाए गए हैं। इन नियमों का बच्चों के भविष्य या बेहतर इंसान बनने से क्या लेना-देना है, इसे कोई नहीं समझ सकता। आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही अजीबो-गरीब स्कूल रूल्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें पढ़कर आप भी एकदम दंग रह जाएंगे-
जब हम स्कूल जाते हैं तो सबसे पहले अपने क्लासमेट्स से दोस्ती करते हैं। यह एक ऐसा रिश्ता है, जिसे हम खुद चुनते हैं और बचपन से ही हमें यह रिश्ता बनाने की आजादी होती है। हम हमेशा अपने सबसे अच्छे दोस्तों के साथ उनके अच्छे और बुरे समय में खड़े रहते हैं। लेकिन ब्रिटेन में थॉमस के स्कूल में इसकी अनुमति नहीं है। वास्तव में, वहां पर छात्रों को बेस्ट फ्रेंड बनाने पाबंदी है। स्कूल के अनुसार, उन्हें उम्मीद है कि इस तरह वे बच्चों को करीबी दोस्तों के साथ ब्रेकअप के सदमे से बचाएंगे।
यूके काउंटी ऑफ कॉर्नवाल में एक एकेडमी में टीचर्स के रेड इंक कलर के पेन यूज करने पर पाबंदी है। एकेडमी में लोगों का मानना है कि रेड कलर एक नेगेटिव कलर है और इसलिए उन्हें बच्चों के पेपर्स आदि चेक करने के लिए ग्रीन कलर का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। इतना ही नहीं, इस एकेडमी में बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए टीचर्स उनके द्वारा सबमिट किए गए वर्क पर कुछ पॉजिटिव कमेंट्स भी लिखते हैं।
स्कूल में जब हम एक ग्रुप में बैठे होते हैं तो अक्सर बच्चे एक-दूसरे को हाई फाइव और हग करते हैं या हम लंबी छुट्टियों के बाद दोस्तों से मिलते हैं हम एक-दूसरे को गले लगाते हैं। लेकिन इंग्लैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका में, कुछ स्कूलों ने इन शारीरिक संपर्कों पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया। उन्हें लगता है कि यह छात्रों के एकेडमिक एक्सपीरियंस में हस्तक्षेप करता है। हालांकि, स्कूल के यह नियम कई पैरेंट्स को मंजूर नहीं थे। लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह पाबंदी कहीं ना कहीं बच्चों को लाभ ही पहुंचाएगी। (बच्चों की स्टडीज न हो डिस्टर्ब इसके लिए अपनाएं ये टिप्स)
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जब बच्चे धीरे-धीरे बड़े होते हैं और टीनएज में जाते हैं तो वह कुछ एक्सपेरिमेंट करना पसंद करते हैं। इसी क्रम में उन्हें बालों को कलर करना अच्छा लगता है। लेकिन, टोक्यो में स्कूलों ने छात्रों के बाल रंगने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यहां पर बच्चों को अपने नेचुरल कलर्स से किसी तरह की छेड़खानी करने की अनुमति नहीं है। इतना ही नहीं, स्कूल छात्रों को झूठ बोलने से रोकने और यह उनके नेचुरल हेयर कलर के बारे में जानने के लिए पैरेंट्स से बच्चों की बचपन की तस्वीर भी मंगवा सकते हैं।
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जब क्लॉस में टीचर सवाल पूछता है तो कुछ बच्चे जल्दी से हाथ उठाते हैं, क्योंकि उन्हें उम्मीद होती है कि सवाल का जवाब उनसे पूछा जाएगा। लेकिन नॉटिंघमशायर के एक स्कूल में एक प्रश्न का उत्तर देने के लिए हाथ उठाने की सदियों पुरानी प्रथा को प्रतिबंधित कर दिया गया है। स्कूल के प्रिंसिपल का मानना है कि यह कक्षा में दूसरों के सीखने को प्रोत्साहित और समर्थन नहीं करता है। अब एक शिक्षक प्रश्न का उत्तर देने के लिए किसी भी छात्र को चुन सकता है।
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