Women Inspiration: इंसाफ के लिए संघर्ष करने वाली बिलकिस बानो को 50 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने का आदेश

साल 2002 से इंसाफ के लिए लगातार संघर्ष करती आ रहीं बिलकिस बानो को लंबे संघर्ष के बाद मिली जीत। सुप्रीम कोर्ट ने गैंगरेप मामले में पीड़‍िता बिलकिस बानो को 50 लाख रुपये मुआवजा, सरकारी नौकरी और घर देने का आदेश दिया है। 

bilkis bano gangrape case main

गुजरात दंगों के दौरान 2002 में हुए गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने ताजा फैसले में पीड़‍िता बिलकिस बानो के पक्ष में फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह बिलकिस बानो को 50 लाख रुपये मुआवजा, सरकारी नौकरी और उनकी मर्जी की जगह पर घर दिलाए। यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने मामले से जुड़े सबूत मिटाने के लिए आईपीएस आरएस भगोरा को दोषी करार देते हुए उन्हें दो पद डिमोट करने की राज्‍य सरकार की सिफारिश को भी मान लिया है। गौरतलब है कि भगोरा 31 मई को रिटायर होने जा रहे हैं। इस मामले की सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कदम उठाए गए। गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने पिछले दिनों गुजरात सरकार से साल 2002 के बिलकिस बानो मामले में गुजरात उच्च न्यायालय की तरफ से दोषी ठहराए गए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पूरी करने के लिए कहा था।

bilkis bano gujrat riots supreme court verdict inside

चीफ जस्टिस गोगोई की पीठ में दिया गया बिलकिस बानो के पक्ष में फैसला

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने बिलकिस बानो की ज्यादा मुआवजा मांगे जाने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान बिलकिस बानो के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उन्हें 50 लाख का मुआवजा देने का फैसला सुनाया। इससे पहले बिलकिस बानो ने गुजरात सरकार की तरफ से पांच लाख रुपये का मुआवजा देने संबंधी पेशकश को पीठ के सामने ठुकरा दिया था।

इस मामले में चार मई 2017 को गुजरात उच्च न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता की धारा 218 (अपनी ड्यूटी ना निभाने) और धारा 201 (सबूतों से छेड़छाड़ करने) के तहत पांच पुलिसकर्मियों और दो डॉक्टरों को दोषी करार दिया था।

bilkis bano fought for justice inside

गर्भवती बिलकिस हुईं थी गैंगरेप की शिकार

दिल दहला देने वाली घटना में गुजरात में अहमदाबाद के करीब के रणधीकपुर गांव में उपद्रवियों ने 3 मार्च, 2002 को बिलकिस बानो और उनके परिवार पर हमला कर दिया था। इस दौरान पांच महीने की गर्भवती बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप किया गया, उनकी 2 साल की मासूम को मार दिया गया और उनके परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी थी। बिलकिस ने इस दौरान खुद को जैसे-तैसे बचाया और न्याय पाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। बिलकिस ने लोकल पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया, लेकिन सबूतों के अभाव में केस रफा-दफा कर दिया गया।

गैंगरेप की शिकार होने और परिवार के लोगों की नृशंस हत्या देखने के बावजूद बिलकिस बानो जिंदगी से निराश नहीं हुईं और उन्होंने अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने और अपना हक पाने के लिए 17 साल संघर्ष किया। बिलकिस बानो देश की उन करोड़ों महिलाओं के लिए एक बड़ी इंस्पिरेशन हैं, जो अपनी जिंदगी की मुश्किलों से हार मान लेती हैं, अपने साथ होने वाली ज्यादतियों पर खामोश रह जाती हैं और अपनी आपबीती बताने में डरती हैं।

Recommended Video

बिलकिस बानो की इंसाफ की लड़ाई काफी मुश्किल रही। जब यह मामला गुजरात में चल रहा था, तब बिलकिस को लगातार धमकियां मिल रही थीं, उन्हें दो साल में 20 बार घर बदलना पड़ा था। मुश्किलों का अंत नहीं था, लेकिन बिलकिस बानो ने हिम्मत नहीं हारी और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने उनके हक में फैसला सुनाया। बिलकिस की तरह भयावह अपराधों की शिकार होने वाली महिलाएं अगर बिना डरे अपने साथ हुई ज्यादतियों के बारे में रिपोर्ट दर्ज कराएं तो निश्चित तौर पर अदालत से न्याय की उम्मीद कर सकती हैं।

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP