हिन्दू धर्म के अनुसार विभिन्न मन्त्रों और स्तोत्रों के जाप से घर में सुख शांति तो आती ही है कई समस्याओं से छुटकारा भी मिलता है। मन्त्रों का जाप वास्तव में मस्तिष्क को शांति प्रदान करता है और कई पापों से मुक्ति दिलाकर मनोकामनाओं की पूर्ति भी करता है। जब बात आती है स्तोत्र के जाप की तो कई ऐसे मन्त्र और स्तोत्र गीता में बताए गए हैं जिनसे घर में शांति आने के साथ आर्थिक स्थिति भी सुधरती है।
ऐसे ही स्तोत्रों में से एक है गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का जाप करना। पुराणों के अनुसार इस स्तोत्र का जाप करने से व्यक्ति कर्ज से मुक्त हो जाता है और साथ ही किसी भी संकट से मुक्ति मिलती है। हिंदू धर्म के प्रथम ग्रंथ ''श्रीमद्भगवद गीता'' के दूसरे,तीसरे और चौथे अध्याय में गजेंद्र स्तोत्र का वर्णन है। इसमें कुल 33 श्लोक दिए गए हैं। इस स्तोत्र में हाथी और मगरमच्छ के साथ हुए युद्ध का वर्णन किया गया है। आइए नई दिल्ली के जाने माने पंडित, एस्ट्रोलॉजी, कर्मकांड,पितृदोष और वास्तु विशेषज्ञ प्रशांत मिश्रा जी से जानें गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का जाप करने के फायदों के बारे में।
गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र की कथा
पंडित प्रशांत मिश्रा जी बताते हैं कि इस स्तोत्र में एक हाथी और मगरमच्छ की कहानी है। एक हाथी अपने परिवार के साथ जंगल में घूम रहा था और जब उसे प्यास लगती है तब वो सरोवर के किनारे पानी पीने पहुंच जाता है। सरोवर में कमल के फूल देखकर हाथी जल क्रीड़ा करने पहुंच जाता है। इतने में एक मगरमच्छ उस हाथी का पैर पकड़ लेता है और छोड़ता नहीं है। हाथी के सभी परिवार वाले उसे बाहर निकालने की कोशिश करते हैं और अंत में वहीं छोड़कर चले जाते हैं। हाथी बाहर आने की कोशिश करता है, लेकिन मगरमच्छ उसका पैर नहीं छोड़ता है। जब हाथी पूरी तरह डूबने लगता है तब उसने श्री हरी विष्णु को पुकारते हुए उनकी जो स्तुति की थी वही गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र के नाम से जानी जाती है। इस स्तुति को सुनकर भगवान् विष्णु वहां आए और गज की रक्षा की। तभी ये ये स्तोत्र सभी तरह के संकटों से मुक्ति के मार्ग दिखाता है।
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क्या है गजेंद्र मोक्ष
नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।
गज और ग्राह लड़त जल भीतर, लड़त-लड़त गज हार्यो।
जौ भर सूंड ही जल ऊपर तब हरिनाम पुकार्यो।।
नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।
शबरी के बेर सुदामा के तन्दुल रुचि-रुचि-भोग लगायो।
दुर्योधन की मेवा त्यागी साग विदुर घर खायो।।
नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।
पैठ पाताल काली नाग नाथ्यो, फन पर नृत्य करायो।
गिरि गोवर्द्धन कर पर धार्यो नंद का लाल कहायो।।
नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।
असुर बकासुर मार्यो दावानल पान करायो।
खम्भ फाड़ हिरनाकुश मार्यो नरसिंह नाम धरायो।।
नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।
अजामिल गज गणिका तारी द्रोपदी चीर बढ़ायो।
पय पान करत पूतना मारी कुब्जा रूप बनायो।।
नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।
कौर व पाण्डव युद्ध रचायो कौरव मार हटायो।
दुर्योधन का मन घटायो मोहि भरोसा आयो ।।
नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।
सब सखियां मिल बन्धन बान्धियो रेशम गांठ बंधायो।
छूटे नाहिं राधा का संग, कैसे गोवर्धन उठायो ।।
नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।
योगी जाको ध्यान धरत हैं ध्यान से भजि आयो।
सूर श्याम तुम्हरे मिलन को यशुदा धेनु चरायो।।
नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।
गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र जाप के लाभ
कर्ज से मुक्ति
यदि गजेन्द्र मोक्ष का पाठ नियमित रूप से ब्रह्म मुहूर्त में किया जाए तो किसी भी बड़े से बड़े कर्ज से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि कर्ज से मुक्ति पाने का सबसे बड़ा उपाय इस स्तोत्र का पाठ करना है। यह ऐसा अमोघ उपाय है जिससे बड़ा से बड़ा कर्ज भी शीघ्र उतर जाता है।
संकटों से मुक्ति
कहा जाता है कि गजेंद्र मोक्ष का पाठ किसी भी बड़ी से बड़ी बाधा से बाहर निकालने में मदद करता है। ऐसा माना जाता है कि यदि व्यक्ति इस स्तोत्र का पाठ करता है तो स्वयं भगवान् विष्णु उसकी बाधाओं को हर लेते हैं और उसके लिए कठिन काम भी आसान हो जाते हैं।
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लड़ाई झगड़ों से मुक्ति
यदि पति -पत्नी के बीच लड़ाइयां होती हैं तब भी इस स्तोत्र का पाठ अत्यंत फलदायी होता है। इस स्तोत्र के पाठ से बड़ी से बड़ी लड़ाइयों से छुटकारा पाया जा सकता है।
पितरों की मुक्ति का मार्ग
इस स्तोत्र का पाठ पितरों की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। ऐसा माना जाता है कि इस स्तोत्र का पाठ करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनके स्वर्ग का मार्ग प्रशस्त होता है। इस स्तोत्र के जाप को मुक्ति का धाम माना जाता है।
इस प्रकार गजेंद्र मोक्ष का पाठ सभी के लिए फलदायी होता है और सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में इसका पाठ करने से संकटों से मुक्ति मिलती है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य रोचक लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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