पिछले एक दशक में महिलाओं ने काफी तरक्की हासिल की है। महिलाएं अपनी एजुकेशन के साथ-साथ अपने अधिकार पाने के लिए भी सजग हैं और किसी भी तरह की नाइंसाफी होने पर उसका मुंहतोड़ जवाब देने में भी सक्षम हैं। भारत की प्रगतिशील महिलाएं देश के विकास में अहम योगदान निभा रही हैं। ऑफिस की अपनी जिम्मेदारियों के साथ महिलाएं घर-परिवार की रेसपॉन्सिबिलिटीज भी बखूबी निभा रही हैं। इस बार रक्षाबंधन 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन पड़ रहा है और इसी के मद्देनजर हम महिलाओं के लिए एक खास मुहिम चला रहे हैं #Bandhannahiazadi, जिसके तहत हम आपके सामने ला रहे हैं प्रगतिवादी महिलाओं की रियल लाइफ स्टोरीज। आज की हमारी रियल लाइफ इंस्पिरेशन हैं नियाजमीन दहिया। ट्रिपल तलाक के 150 के ज्यादा मामलों काउंसलर रही नियाजमीन दहिया प्रगतिवादी मुस्लिम महिलाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं। HerZindagi से उन्होंने स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन पर खास बातचीत की। आइए जानते हैं कि उन्होंने महिलाओं की आजादी और बंधनों पर क्या जवाब दिए:
सवाल: क्या अब रक्षाबंधन के बारे में नए नजरिए से सोचने का वक्त आ गया है?
नियाजमीन दहिया: अब समय काफी ज्यादा बदल गया है। रक्षाबंधन मुसलमान भी मनाते हैं। अब लोगों में ये फीलिंग नहीं है कि ये हिंदुओं का त्योहार है। सभी त्योहार मिल-जुल कर मनाए जाने लगे हैं। मुस्लिम समाज में भी भाई-बहन के प्रेम को स्वीकार किया जाने लगा है। हालांकि पारंपरिक सोच ये है कि भाई बहन की रक्षा करेगा, लेकिन आज की महिलाएं खुद अपनी रक्षा करने में समर्थ हैं। वे आत्मनिर्भर हैं, उनमें मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए अवेयरनेस आ रही है। मुस्लिम महिलाएं भी अपने भाई के प्यार और खुशी के लिए रक्षाबंधन मनाती हैं। समाज में महिलाओं के लिए सोच बदली है, खासतौर पर लड़कियों के लिए प्रॉपर्टी को लेकर। पहले प्रॉपर्टी में लड़कियों का हिस्सा नहीं होता था, लेकिन अब लड़कियां अपने हक के लिए जागरूक हैं, खुलकर अपना हक मांगती हैं। परिवार वाले भी लड़कियों के लिए ज्यादा सपोर्टिव हैं और लड़कों की तरह लड़कियों को प्रॉपर्टी में शेयर दे रहे हैं। लड़कियां अब किसी दूसरे पर निर्भर नहीं है। भाइयों की सोच में भी बहनों के लिए बदलाव आ रहा है और वे अपनी बहनों को ज्यादा सम्मान दे रहे हैं।
इसे जरूर पढ़ें:महिलाओं के लिए एजुकेशन और फाइनेंशियल इंडिपेंडेस हैं सबसे बड़ी आजादी - लिलिट दुबे
सवाल: आपकी नजर में महिलाओं की आजादी के क्या मायने हैं? ट्रिपल तलाक बिल पारित होने के बाद क्या मुस्लिम समुदाय की महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा?
नियाजमीन दहिया:एक औरत के लिए आजादी का मतलब है प्यार और मान-सम्मान। महिलाओं को अधिकार मिलें, इससे बढ़कर कोई और चीज नहीं हो सकती। अगर महिलाएं खुद अपने फैसले ले सकेंगी, तो ये उनके लिए सबसे अच्छा है। आज की महिलाएं संघर्ष भी कर रही हैं और पूरी विश्वास के साथ आगे भी बढ़ रही हैं। लेकिन कई बार जब महिलाएं गलत चीजों का विरोध करती हैं, तो वह पुरुषों को रास नहीं आती। हालांकि ट्रिपल तलाक पर राज्यसभा में बिल पारित होने के बाद माहौल बहुत अच्छा है, मुस्लिम महिलाएं काफी ज्यादा खुश हैं। हालांकि ट्रिपल तलाक पर कानून बन जाने के बावजूद तीन तलाक के मामले आ रहे हैं। लेकिन हमें इस बात की खुशी है कि अब महिलाओं के पास ज्यादा अधिकार हैं, अगर पुरुष महिलाओं के साथ गलत करते हैं, उन्हें तलाक देते हैं तो इस पर उन्हें तलाक देने पर सजा हो सकती है। इससे महिलाएं सशक्त महसूस कर रही हैं और पुरुष भी ज्यादा जिम्मेदारी के साथ पेश आएंगे। मेरा मानना है कि मुस्लिम महिलाओं को ऐसा माहौल मिलना चाहिए, जिसमें वे आजाद महसूस करें और अपने लिए खुद फैसले ले सकें।
इसे जरूर पढ़ें:मेरी स्कर्ट की लंबाई बदलने से मेरी रक्षा नहीं होगी, तुम्हें अपनी सोच बदलनी होगी #बंधननहींआज़ादी
सवाल: महिलाएं इमोशनल बंधनों से कैसे आजाद हो सकती हैं?
नियाजमीन दहिया:एजुकेशन से आजादी मिल सकती है। आमतौर पर अशिक्षित होने या फाइनेंशियली मजबूत नहीं होने पर महिलाओं में ये सोच होती है कि वे पुरुष पर निर्भर हैं, बच्चों के लालन-पालन के लिए पति पर निर्भर हैं और ऐसी स्थिति में वे तकलीफ सहने और दुख उठाने के लिए मजबूर होती हैं। लेकिन जब महिलाएं पढ़ी-लिखी होती हैं, नौकरीपेशा होती हैं तो वे सोचती हैं कि वे खुद अपने बच्चे का खर्च उठा सकती हैं। महिलाओं को एजुकेशन के साथ-साथ ट्रेनिंग प्रोग्राम की भी जरूरत है, काउंसलिंग की जरूरत है। हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते हैं, लेकिन हम हर महिला तक नहीं पहुंच सकते। इसके लिए समाज और सरकार की तरफ से भी प्रयास होने चाहिए। महिलाओं को गलत चीजों को ठीक करने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए, लेकिन गलत चीजों को बहुत सहना नहीं चाहिए, तभी वे इमोशनल बंधनों से बाहर निकल सकती हैं। तभी महिलाएं बच्चे के मोह से बाहर आकर अपनी लाइफ को बेहतर बनाने के बारे में सोच सकती हैं। महिलाएं इसलिए इतनी तकलीफ सहती हैं क्योंकि वे अपने से ज्यादा दूसरों के लिए सोचती है। महिलाएं जॉब पर जाने से पहले अपने घर और बच्चे के लिए सारा इंतजाम करती हैं, खाना पकाती हैं, बच्चे की सुरक्षा का दायित्व भी उन्हीं पर होता है। नौकरी पर जाने से पहले वे बच्चे को क्रैच में छोड़कर आती हैं। ये काम ज्यादातर महिलाओं के लिए आज भी उनके रूटीन का हिस्सा हैं। महिलाओं को ये रेस्पॉन्सिबिलिटीज अपने पति के साथ शेयर करनी चाहिए। तभी वे अपने जीवन को बेहतर बना सकती हैं।
सवाल: आप कौन से बंधनों के साथ खुश हैं?
नियाजमीन दहिया:महिलाओं को जब प्रोत्साहन मिलता है तो उनका हौसला बढ़ता है। जब कोई उनके बनाए खाने की भी तारीफ करता है तो उन्हें अच्छा महसूस होता है, उन्हें लगता है कि वे अपना कुकिंग सेंटर खोल सकती हैं, टिफिन सर्विस दे सकती हैं, इसीलिए उन्हें आगे बढ़ने का मोटिवेशन दीजिए। महिलाएं जब अपने रिश्तों में आगे बढ़ती है, तो वे खुश होती हैं- बेटी से पत्नी बनना- मां बनना और मां के बाद दादी बनना। इस सभी स्टेज पर एक के बाद एक महिलाओं का सम्मान बढ़ता जाता है। बच्चा मां को बहुत प्यार देता है। बच्चे का मां के साथ जो अटैचमेंट होता है, उसी कारण मां सारी परेशानियां सहने के बावजूद बच्चे के लिए हर तकलीफ उठाने को तैयार रहती है।
सवाल: आपको अपनी जिंदगी में कौन से संघर्षों का सामना करना पड़ा?
नियाजमीन दहिया:हमारा परिवार बड़ा था। हम 6 भाई-बहन थे। फाइनेंशियल दिक्कतों की वजह से हमें आगे पढ़ने के लिए मना किया जाता था। लेकिन मैं मुश्किलों के बावजूद अपनी पढ़ाई के लिए कोशिशें करती रही। मैंने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया और उसी में से चोरी-चोरी अपने लिए पैसे बचाकर अपने पढ़ने का इंतजाम किया। मैं दूसरे नंबर की बहन थी, यही कहा जाता था कि पढ़ाई के लिए खर्च नहीं है, लेकिन फिर भी मैंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। मैंने 12वीं पास की, इसके बाद मैंने डीएसडब्ल्यू का कोर्स किया। इसके बाद मैंने एमएसडब्ल्यू भी किया। हालांकि जब मां को इस बात का पता चला तो वह बहुत हैरान रह गई क्योंकि इस बारे में मैंने उन्हें बताया नहीं था। इसके बाद मैंने क्लीनिक में जॉब की,एनजीओ 'ममता' में भी काम किया, लिफाफे भी बनाए। परिवार को सपोर्ट करने के लिए मैंने काफी मेहनत की, क्योंकि पिता जी की तबियत खराब रहती थी। हमारे ऊपर कर्जा और बढ़ गया था। इसके बाद मैंने एजुकेशन और कम्यूनिटी डेवलपमेंट के लिए काम करने वाली संस्था 'कथा' के लिए काम किया। मैंने अपने पेरेंटस के लिए अपने पैसों से घर खरीदा। इसी दौरान मेरी खाला के लड़के से मेरी शादी से बात होने लगी। मेरे पेरेंट्स ने सोचा कि ज्यादा कुछ नहीं देना पड़ेगा। लेकिन मैं इस शादी के हक में नहीं थी। मैं शुरू से उसे भाई की नजर से देखा था, मैंने बहुत मना किया, लेकिन मेरे पेरेंट्स ने मुझ पर काफी दबाव बनाया, उन्होंने कहा कि हमने जबान दे दी है। इसके बाद मैंने लड़के से मिली और मैंने मना कर दिया। बाद में वह लड़का मेरे पेरेंट्स से मिला, उसने मेरे बार में काफी कुछ गलत कहा। मेरी बहुत बेइज्जती की, कहा कि मेरा अफेयर चल रहा है। इस पर घरवालों ने मुझे इमोशनल ब्लैक मेल किया, बोला कि शादी कर लो वरना हमारी इज्जत खराब होगी। उन्होंने मेरी सगाई कर दी, लेकिन मैं शादी नहीं करना चाहती थी, इसीलिए मैंने घर छोड़ दिया, मैं वाइडब्ल्यूसीए में शेल्टर होम में रहने लगी। इसी दौरान मेरे दोस्त सतीश, जो अब मेरे पति हैं ने मुझे शादी के लिए प्रपोज किया। मैं उन्हें डीएसड्ब्लूय कोर्स करने के समय से ही जानती थी, हम अच्छे दोस्त थे। मैंने घरवालों से शादी के लिए बात की, लेकिन वे इसके लिए राजी नहीं हुए। सतीश के घर में भी काफी प्रॉब्लम हुई, लेकिन आखिरकार हमने शादी कर ली। स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत हमने कोर्ट मैरिज कर ली। मेरे मम्मी-पापा शादी में नहीं आए। इस दौरान मेरी दोस्त बिना निदार ने मेरी बहुत मदद की, मुझे सहारा दिया। हालांकि हिंदु फैमिली में आने पर परिवार को मुझे स्वीकार करने में वक्त लगा, लेकिन धीरे-धीरे चीजें बेहतर हो गईं। आज मेरा ढाई साल का बेटा है और मैं अपने परिवार के साथ बहुत खुश हूं।
इस स्वतंत्रता दिवस पर आप महिलाओं के लिए क्या मैसेज देना चाहती हैं?
नियाजमीन दहिया:मैं महिलाओं को यही सलाह दूंगी कि वे अपनी लाइफ के फैसले खुद लें, भले ही आपको इसमें परेशानी का सामना क्यों ना करना पड़े, क्योंकि इसका नतीजा हमेशा अच्छा होगा, वही आपको आगे बढ़ाएगा और नई उपलब्धियां हासिल करने के लिए प्रेरित करेगा। मैं अपने सभी फैसले खुद लेती हूं और अपने कामों में आगे बढ़ने पर मुझे खुशी महसूस होती है। मुझे अच्छा लगता है कि मैं महिलाओं की जिंदगी बेहतर बनाने में मदद करती हूं, उनके काम आती हूं। मेरा सम्मान किया जाता है। यह चीज मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। मैं यही कहना चाहूंगी कि देश की सभी महिलाएं अपनी शिक्षा पर ध्यान दें और अपनी लाइफ को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास करें।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों