herzindagi
baisakhi  date shubh muhurat

Baisakhi Kab Hai 2023: कब मनाई जाएगी बैसाखी, जानें महत्व और कुछ रोचक बातें

बैसाखी पर्व हर साल धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन मुख्य रूप से सिख समुदाय के लोग नाचते गाते हैं और खुशियां मानते हैं। इस पर्व से जुड़ी कई मान्यताएं सदियों से चली आ रही हैं। आइए जानें उनके बारे में। 
Editorial
Updated:- 2023-04-13, 14:24 IST

बैसाखी का पर्व मुख्य रूप से पंजाब में धूम-धाम से मनाया जाता है। इस पर्व को नई फसल कटने के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व में मुख्य रूप से लोग उत्साह और दावत करते हैं। हर साल ये पर्व 14 अप्रैल को मनाया जाता है।

इस दिन मुख्य रूप से लोग भंगड़ा और गिद्दा करते हैं और अपनी ख़ुशी एक साथ मिलकर जाहिर करते हैं। यह भारत के सबसे लोकप्रिय फसल त्योहारों में से एक, बैसाखी, मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

यह त्योहार सिख नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है। इस दिन सिख समुदाय के लोग अपने दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इस दिन लोग खूबसूरती से सजाए गए गुरुद्वारों में जाते हैं, कीर्तन में हिस्सा लेते हैं और इस उत्सव का आनंद उठाते हैं। आइए जानें इस साल कब मनाया जाएगा यह पर्व और इसका महत्व क्या है।

कब है बैसाखी 2023 (Baisakhi Kab Hai 2023)

baisakhi date time

बैसाखी पंजाब का एक शुभ त्योहार है। यह पर्व इस साल 14 अप्रैल, शुक्रवार को मनाया जाएगा।

इसे जरूर पढ़ें: Baisakhi Wishes & Quotes In Hindi: बैसाखी के पावन पर्व पर अपनों को भेजें ये शुभकामनाएं और बधाई संदेश

बैसाखी का महत्व

यह पर्व इसलिए मनाया जाता है क्योंकि सिखों के तीसरे गुरु, गुरु अमर दास ने बैसाखी मनाने के लिए इसी दिन को चुना। इसके अलावा, नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर का 1699 में मुगलों द्वारा सार्वजनिक रूप से सिर कलम कर दिया गया था। 1699 में बैसाखी की पूर्व संध्या पर, नौवें सिख गुरु के पुत्रों ने सिखों को ललकारा और उन्हें अपने शब्दों और कार्यों से प्रेरित किया। उत्सव को गुरु गोबिंद सिंह के राज्याभिषेक और सिख धर्म के खालसा पंथ की नींव के रूप में मनाया जाता है।

बैसाखी पर्व का इतिहास

history of baisakhi

बैसाखी त्योहार का धार्मिक महत्व वर्ष 1699 में शुरू हुआ था। पंथ खालसा की नींव 10 वें सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह ने रखी थी। यही कारण है कि इस दिन को खालसा सिरजना दिवस के नाम से भी जाना जाता है।

सिखों द्वारा बैसाखी पर पारंपरिक नव वर्ष मनाया जाता है। बैसाखी की कहानी नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर की शहादत से शुरू हुई, जिनका मुगल सम्राट औरंगजेब ने सरेआम सिर कलम कर दिया था।

उस समय जब औरंगजेब भारत में इस्लाम का प्रसार करना चाहता था तब बहादुर गुरु तेग बहादुर हिंदुओं और सिखों के अधिकारों के लिए खड़े हुए और औरंगजेब ने उनका सिर काट दिया। उनकी मृत्यु के बाद, उनके पुत्र, गुरु गोबिंद सिंह, सिखों के अगले गुरु बने। उस समय गुरु गोबिंद सिंह ने बैसाखी को सिखों को सैनिक संतों के परिवार में परिवर्तित करने के अवसर के रूप में चुना, जिसे आज भी खालसा पंथ के रूप में जाना जाता है।

इसे जरूर पढ़ें: Baisakhi 2023: इस दिन कुछ उपायों से हो सकती है धन की वर्षा

कब मनाया जाता है बैसाखी पर्व

बैसाखी भारत में हर साल 13 अप्रैल या 14 अप्रैल को मनाया जाता है। इस वर्ष बैसाखी उत्सव 14 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन को उत्तरी भारतीय राज्यों, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है।

यह एक प्राचीन त्योहार है जो सौर नव वर्ष का प्रतीक है और वसंत की फसल का जश्न मनाने के लिए होता है। इस दिन पारंपरिक लोक नृत्य भी किए जाते हैं और लोग पर्व का भरपूर आनंद उठाते हैं।

बैसाखी से जुड़े रोचक तथ्य

baisakhi kab hai

  • बैसाखी पर्व के दिन किसान प्रकृति माता का धन्यवाद करते हुए नई फसल की पूजा करते हैं। मान्यता है कि बैसाखी से ही एक नए साल के साथ नई फसल की भी शुरुआत होती है। इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर पवित्र सरोवर में स्नान करते हैं। सिख समुदाय के लोग विशेष रूप से सुबह की प्रार्थना में भाग लेने और कड़ा प्रसाद लेने के लिए गुरुद्वारे में इकट्ठा होते हैं।
  • इस दिन सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब को विधिपूर्वक बाहर निकालकर दूध और जल से स्नान कराया जाता है। फिर पवित्र पुस्तक को उसके सिंहासन पर अच्छी तरह से रख दिया जाता है और गुरुद्वारे में एकत्रित लोग इस ग्रन्थ का पाठ करते हैं।

इस प्रकार बैसाखी पर्व का विशेष महत्व है और इसे फसल काटने की ख़ुशी में मनाया जाता है। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Images: freepik.com

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।