ऑटिज्म सुनते ही आपके दिमाग में सबसे पहले क्या आता है? आप भी शायद सभी स्पेशल कंडीशन वाले बच्चों को ऑटिस्टिक समझ लेते होंगे। यह आपकी गलती नहीं है। दरअसल, भारत में लेकर इसे कोई खास जागरूकता भी नहीं है। बॉलीवुड वालों ने इस मुद्दे को लेकर दर्जनों फिल्म भी बनाई, जिनमें बर्फी को एक बेहतरीन फिल्म कहा जा सकता है। लेकिन हम यहां फिल्म की नहीं, बल्कि उस सच्चाई के बारे में बात कर रहे हैं जिसे अक्सर गलत समझ लिया जाता है।
इसी ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे के दर्द को खुद समझा उस मां ने जिनका बेटा इसी डिसॉर्डर से गुजर रहा है। डॉ. रश्मि दास एक जर्नलिस्ट और लेखिका हैं। वह खुद को ऑटिज्म मॉम कहती हैं। इस डिसऑर्डर को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए वह कई वर्षों से लगातार काम कर रही हैं।
उन्होंने ऐसे बच्चों को खास मंच दिया और वह बच्चे आर्ट में प्रशिक्षित हुए हैं। इन बच्चों की कला की प्रदर्शनी कल यानी गुरुवार को कनॉट प्लेस स्थित धूमिमल आर्ट गैलरी में 5:30 बजे से शुरू होगी। 15 अक्टूबर तक यह प्रदर्शनी चलेगी, जिसका उद्घाटन कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर करेंगे। अपने 31वें संस्करण में धूमिमल आर्ट गैलरी के साथ मिलकर AuTypical.in इस प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है।
Autypical. in कला के क्षेत्र में ऑटिस्टिक बच्चों और एडल्ट्स की क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए एक सार्वजनिक उद्देश्य का मंच है। भारत वर्ष के कई जिले के कस्बों से लेकर बड़े शहरों तक के ऑटिस्टिक कलाकार, यहां अपनी रचनाओं का प्रदर्शन कर रहे हैं। डॉ. रश्मि ने इस मंच को बनाया और आज कई बच्चे इसके जरिए आगे बढ़ रहे हैं।
इस प्रदर्शनी में चुनिंदा कलाकारों के चयनित काम को प्रदर्शित किया जाएगा। इस प्रदर्शनी में कुछ नामी-गिरामी हस्तियां शामिल होंगी और कला का चयन करेंगी। ज्यूरी में शामिल पल्लवी खंडेलवाल, मिठू सेन, मनीषा गेरा, राहुल कुमार और कंचन चंदर हैं। इस प्रदर्शनी में फिजिकल ऑक्शन 10 नवंबर को किया जाएगा। प्रदर्शनी में कुल मिलाकर 438 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं, जिनमें से 73 का चयन किया गया है। इनमें से 10 ऑटिज्म कलाकार हैं। यह कलाकार अलग-अलग माध्यम- पेंटिंग, मूर्तिकला, प्रदर्शन, स्थापना, ड्राइंग, फोटोग्राफी, प्रिंटमेकिंग और डिजिटल कला क्षेत्र से हैं।
गैलरी के प्रॉपराइटर उदय जैन का कहना है कि रवि जैन वार्षिक प्रदर्शनी में हर साल 100 कलाकारों और मूर्तिकारों को मौका दिया जाता है। रवि जैन चाहते थे कि कला का दौर पीढ़ी दर पीढ़ी आगे चलता रहे। इससे नई प्रतिभाएं आगे आएंगी और कला अधिक समृद्ध होगी। यही वजह है कि इस प्रदर्शनी में कला का सबसे व्यापक आयाम देखने को मिलता है।
आप भी कल इस प्रदर्शनी को देखने के लिए जरूर पहुंचें। हमें उम्मीद है यह आर्टिकल आपको पसंद आएगा। इसे लाइक और शेयर करें। ऐसे आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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