बीजेपी के सबसे प्रभावशाली नेता और देश के पूर्व वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली का आज दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। 66 वर्ष के अरुण जेटली लंबे समय से बीमार चल रहे थे। दिल्ली के एम्स अस्पताल में उन्होंने 12.07 बजे आखिरी सांस ली।
कई सीरियस हेल्थ इशुज से प्रभावित थे अरुण जेटली
मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वह दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और शोक संतृप्त परिवार को यह वियोग सहन करने की शक्ति दे।
ॐ शांति शांति शांति
— Amit Shah (@AmitShah) August 24, 2019
We are deeply saddened to hear the passing of Shri Arun Jaitley. Our condolences to his family. Our thoughts and prayers are with them in this time of grief. pic.twitter.com/7Tk5pf9edw
— Congress (@INCIndia) August 24, 2019
Deeply saddened by the sad demise of Arun Jaitley ji.
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) August 24, 2019
A dynamic leader, a thorough gentleman and our former Finance Minister. Very kindly, he had come over to meet me and we spoke for a long time. Will cherish those memories. Heartfelt condolences to the family. pic.twitter.com/DIhrkgnKms
Congress President Smt. Sonia Gandhi shares a condolence message for Shri Arun Jaitley. pic.twitter.com/19sEA2900u
— Congress (@INCIndia) August 24, 2019
अरुण जेटली की तबितय पिछले एक महीने से लगातार खराब चल रही थी। उनके फेफड़ों में पानी जमा हो रहा था, जिसकी वजह से उन्हें सांस लेने में परेशानी महसूस हो रही थी। उनकी यह सीरियस कंडिशन देखते हुए उन्हें डॉक्टरों ने वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा था। अरुण जेटली सॉफ्ट टिशू सरकोमा से पीड़ित थे, जो एक प्रकार का कैंसर है। अरुण जेटली की स्थिति इसलिए भी बिगड़ी क्योंकि वे पहले से ही डायबिटीज से पीड़ित थे। उनकी किडनी का भी ट्रांसप्लांट हुआ था। सॉफ्ट टिशू कैंसर की बीमारी डिटेक्ट होने के बाद इलाज कराने के लिए वह अमेरिका भी गए थे। इसके अलावा उन्होंने मोटापे से राहत पाने के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी का भी सहारा लिया था।
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दिल्ली विश्वविद्यालय से स्टूडेंट लीडर के तौर पर अरुण जेटली ने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील भी रहे। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में देश के वित्त मंत्री बने अरुण जेटली इस बार हेल्थ रीजन्स की वजह से मंत्री नहीं बन सके थे। इससे पहले वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी केंद्रीय मंत्री के तौर पर अहम भूमिका में रहे थे।
महिला सशक्तीकरण की दिशा में निभाई अहम भूमिका
अरुण जेटली ने अपनी ओर से महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में वित्त मंत्री के तौर पर कई व्यवस्थाएं कराई। उनके समय में महिला आरक्षण बिल को कानून का रूप देने के लिए पुरजोर प्रयास किए गए। अरुण जेटली ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल को पास कराने में अहम भूमिका निभाई थी, हालांकि इसके बाद भी यह अब तक लंबित पड़ा है।
उज्जवला योजना रही कामयाब
वित्त मंत्री के तौर पर अरुण जेटली की लाई उज्ज्वला योजना ने बड़े पैमाने पर कामयाबी हासिल की। इस योजना के तहत 8 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को गैस कनेक्शन मुहैया कराए गए। इस योजना ने देश की ग्रामीण महिलाओं के जीवन को आसान बनाया और उन्हें सशक्त किया।
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महिला उद्यमियों को दिया आगे बढ़ने का मौका
वित्त मंत्री रहते हुए अरुण जेटली ने महिला उद्यमियों को आगे बढ़ने का मौका देने के लिए मुद्रा योजना की शुरुआत की थी। इसके लिए तीन लाख करोड़ रुपये का कोष अलग रखा गया था, जिसे महिलाओं द्वारा शुरू किए जा रहे नए वेंचर्स में लगाए जाने की योजना थी।
मैटरनिटी लीव बढ़ाकर वर्किंग महिलाओं का जीवन किया आसान
अरुण जेटली के कार्यकाल में मैटर्निटी लीव 3 महीने से बढ़ाकर 6 महीने की कर दी गई, जिससे वर्किंग महिलाओं के लिए सहूलियत बढ़ी, साथ ही नन्हे शिशुओं को मां के समीप रखने के लिए ऑफिस में क्रेच की व्यवस्था का प्रोविजन भी महिलाओं को मजबूत बनाने की दिशा में अहम कदम था।
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