बिजनेस टाइकून और ऑटोमोबाइल उद्योग के दिग्गज आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया, खासकर ट्विटर पर काफी एक्टिव रहते हैं। महिंद्रा अक्सर अपने सोशल मीडिया हैंडल पर ऐसे आम लोगों की प्रेरणादायक कहानियां साझा करते नजर आते हैं, जो सरल तरीकों से महत्वपूर्ण चीजों को हासिल करते हैं। साथ ही, जब भी उन्हें किसी प्रश्न का उत्तर देना होता है या दुनिया के सामने कोई पॉइंट रखना होता है, तो वो भी वह बिंदास तरीके से करते हैं। ट्विटर पर वह उन चीजों की तारीफ करते हैं, जो उन्हें प्रभावित करती है।
इसी तरह कल उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो में एक बच्चा कला का प्रदर्शन कर रहा है जो दक्षिण भारत का लोकप्रिय कलरीपायट्टु है। इसे शेयर करते हुए उन्होंने उसे लड़की समझ लिया है मगर असल में वह एक लड़का है। यह वीडियो जिस साइट ने पहले शेयर किया था, आनंद महिंद्रा ने भी इसे वहीं से उठाया है। लंबे बाल होने की वजह से इसे लड़की समझ लिया गया है। मगर इनके ट्रेनर से बातचीत और इनके सोशल मीडिया हैंडल से हमें पता लगा है कि यह असल में कलरीपायट्टु के प्रिंस नीलकंदन नायर हैं।
WARNING: Do NOT get in this young woman’s way! And Kalaripayattu needs to be given a significantly greater share of the limelight in our sporting priorities. This can—and will— catch the world’s attention. pic.twitter.com/OJmJqxKhdN
— anand mahindra (@anandmahindra) August 26, 2021
लड़की नहीं, लड़का है कलरीपायट्टु करता बच्चा
आनंद महिंद्रा ने यह वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन लिखा है, 'चेतावनी: इस युवती के रास्ते में न आएं! और कलारीपयट्टू को हमारी खेल प्राथमिकताओं की सुर्खियों में काफी बड़ा हिस्सा दिए जाने की जरूरत है। यह दुनिया का ध्यान आकर्षित कर सकता है और करेगा।' महिंद्रा ने यह वीडियो एक लीडिंग साइट से लिया है और इसे अब तक 159.9 हजार लोग देख चुके हैं। मगर इस वीडियो की तह तक जाने में हमें पता लगा कि यह लड़की नहीं एक लड़का है। इस वीडियो को महिंद्रा ने जिस साइट से उठाया था, उन्होंने भी इसे लड़की कहकर संबोधित किया है।
यह वीडियो विष्णु लाल ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर शेयर किया था। विष्णु लाल कलरीपायट्टु गोल्ड मेडलिस्ट हैं और यह आर्ट फॉर्म सिखाते भी हैं। उन्होंने इस बच्चे का कलरीपयट्टू करते हुए यह वीडियो शेयर किया है और इस स्टूडेंट का नाम नीलकंदन नायर है और यह नेशनल प्लेयर रह चुका है। बच्चे ने छोटी उम्र में कई अवार्ड भी जीते हैं। सोशल मीडिया हैंडल इंस्टाग्राम पर नीलकंदन @prince_of_kalaripayattu नाम से मौजूद हैं।
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गोल्ड मेडल जीत चुके हैं नीलकंदन नायर
नीलकंदन ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर अपने आर्ट फॉर्म को दर्शाते कई तस्वीरें और वीडियो शेयर किए हैं। उन्होंने अपनी उपलब्धियों के भी कुछ सर्टिफिकेट्स शेयर किए हैं। इतना ही नहीं, छोटी सी उम्र में ही वह केरला स्टेट लाठी स्पोर्ट्स ऑनलाइन चैंपियनशिप-2021 में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। 19 जून 2021 में हुए इस कॉम्पटीशन में उन्होंने सब-जूनियर बॉयज कैटगरी में गोल्ड मेडल जीता था। वहीं, मैक्सिमम बैकवर्ड वॉक ऑवर्स के रिकॉर्ड होल्डर हैं।
क्या है कलरीपायट्टु?
कलारिपयट्टू केरल का एक मार्शल आर्ट है, जो विश्व की सबसे पुरानी (लगभग 3000 साल), लोकप्रिय कला है। माना जाता है कि कूंग-फूं का विकास भी इस कला के जरिए हुआ था। यह केरल के मध्य और उत्तर भाग में, कर्नाटक व तमिलनाडु के नजदीक वाले एरिया में ज्यादा प्रचलित है। मलयालम और तमिल भाषा में कलरी का मतलब होता है 'युद्धस्थल' और 'पट्टू' का मतलब होता है 'प्रशिक्षित होना'। मार्शल आर्ट की तरह ही यह शरीर का लचीलापन बढ़ाता है। इसमें ओट्ट्म (दौड़), चाट्टम (कूद), और मरिचिल (कलाबाजी) जैसी गतिविधियां शामिल हैं।
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क्या कहते हैं वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर हरीकृष्णन. एस?
एकवीरा कलरीपायट्टु के फाउंडर और वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर हरीकृष्णन एस यह मार्शल आर्ट सिखाते हैं। वो बताते हैं कि कलरीपायट्टु मार्शल आर्ट फॉर्म की जननी है। उनके एकेडमी में लड़कों के साथ-साथ कई लड़कियां भी ट्रेन होती हैं। लड़कियां भी इस स्पोर्ट्स के प्रति काफी दिलचस्पी दिखाती हैं। उनकी एकेडमी में विदेश से भी बच्चे और बाकी लोग सीखने आते हैं। उनके पास 6 साल के बच्चे भी आते हैं और 3-4 साल की लड़कियां भी यह आर्ट फॉर्म सीखने आती हैं।
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महिलाओं के लिए भी जरूरी मार्शल आर्ट
आज जहां लड़कियां हर काम में आगे हैं, तो उन्हें यह आर्ट फॉर्म सीखना चाहिए। यह हमेशा से मेल डोमिनेटेड आर्ट फॉर्म रहा है, मगर कुछ महिलाओं ने यह साबित किया है कि वो भी इस मार्शल आर्ट फॉर्म में कमाल दिखा सकती हैं। केरल की मीनाक्षी गुरुकुल जो 70 साल से ऊपर की हैं एक कलरीपायट्टु गुरु हैं। उन्होंने एक लीडिंग वेबसाइट से बातचीत में कहा था, 'आज के समय में महिलाएं खुलकर बाहर नहीं घूम सकतीं। उन्हें खुद को कलारीपयट्टू में प्रशिक्षित करना चाहिए। पहले के विपरीत, बहुत सारी बुजुर्ग महिलाएं और युवा लड़कियां हैं जो प्रशिक्षित होने के लिए आगे आ रही हैं।' ऐसे समय में जब आज सभी खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और मजबूत रखने की जरूरत महसूस करते हैं, तो महिलाओं को भी यह मार्शल आर्ट सीखना चाहिए।
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Image credit: instagram/vishnulal, twitter/anandmahindra
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