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Akshaya Tritiya 2019: पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व, इस दिन करेंगे ये कार्य तो मिलेगा यह विशेष फल

हिंदु धर्म में अक्षय तृतीया एक बड़ा त्योहार माना गया है। इसे क्यों मनाया जाता है और इसका महत्व क्या है, आइए हम आपको बताते हैं।&nbsp; <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2019-04-22, 14:45 IST

वैशाख के महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन भारत वर्ष में मनाए जाने वाले त्यौहार अक्षय तृतीया को हिंदु धर्म का बड़ा त्यौहार माना गया है। यह त्यौहार हर वर्ष मनाया जाता है। इस दिन को हिंदु धर्म में बहुत ही शुभ माना गया है। इस वर्ष यह त्यौहार 7 मई को मनाया जा रहा है। इस बार अक्षय तृतिया का दिन बेहद खास है। ज्योतिषों की मानें तो इस दिन एक विशेष संयोग बन रहा है। यह संयोग काफी वर्षों बाद बन रहा है और इस दिन अगर आप शुभ मुहूर्त में सही पूजा विधि के अनुसर भगवान विष्णू की पूजा करेंगी तो आपको विशेष फल की प्राप्ती होगी। 

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अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त

अक्षय तृतीया वाले दिन अगर आप शुभ मुहूर्त में पूजा करती हैं और सोना खरीदती हैं तो यह आपके लिए काफी फायदेमंद होगा। 

प्रारंभ - 7 मई 2019 को 00:47 बजे से

अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त - 06:40 से 12:26 बजे तक

सोना खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त- 06.26 बजे से 23:47 बजे तक

ग्रहों का विशेष संयोग 

वर्ष 2019 में अक्षय तृतीया का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। इस दिन एक अद्भुद संयोग बन रहा है। ज्योतिषों की माने तो इस दिन 4 ग्रह मिल रहे हैं। इन ग्रहों में सूर्य, शुक्र, चंद्र और राहु हैं। ऐसा वर्ष 2003 में पहले भी हो चुका है। तब 5 ग्रह आपस में मिले थे। इन ग्रहों के मिलने से अलग-अलग राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। मगर, सभी पर इसका बहुत अच्छा प्रभाव पड़ने वाला है। 

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क्यों मनाया जाता है अक्षय तृतीया का त्यौहार? 

अधिकतर लोग यही जानते हैं कि अक्षय तृतीया का त्यौहार केवल सोने को आभूषणों को खरीदने तक ही सीमित है। मगर, ऐसा नहीं है। अक्षय तृतीया का पर्व कई कारणों से मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिसन भगवान विष्णु के छठें अवतार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। परशुराम जयंती के नाम से भी इस दिन को मनाया जाता है। लोग इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इतना ही नहीं ऐसा भी कहा जाता है कि आज ही के दिन देवी गंगा स्वर्ग लोग से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। इसलिए इस दिन गंगा नदी के तटों पर लोग जाकर डुबकी लगाते हैं। इसके अतिरिक्त अक्षय तृतीया के दिन ही महर्षि वेदव्यास ने हिंदुओं के महा ग्रंथ महाभारत को लिखना शुरूर किया था। कई लोग इस दिन श्रीमद्भागवत गीता के 18 वें अध्याय का पाठ करते हैं और भगवान कृष्ण की उपासना करते हैं। 

 

अक्षय तृतीया का महत्व? 

यह दिन धार्मिक और आर्थिक दोनों ही नजरिए से महत्वपूर्ण हैं। अक्षय तृतीया के दिन लोग अपने घर सोने चांदी की पूजा करते हैं। ऐसा मानना है कि ऐसा करने से घर में कभी धन की कमी नहीं होती। मगर, यह पूजा तब तक पूर्ण नहीं होती जब तक आप किसी निर्धन को घर बुला कर उसका आदर सत्कार करें और भोजन करवाएं। अगर आप गृहस्थ जीवन जी रही हैं तो यह दिन आपके लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। गृहस्थ लोगों को इस दिन किसी निर्धन को अपने कमाए धन का कुछ हिस्सा भी देना चाहिए। ऐसा करने से आपकी आर्थिक दशा सुधरती है। 

 

कैसे करें पूजा? 

अक्षय तृतीया के दिन सोने या चांदी का सामान खरीदने का रिवाज है। अगर आप भी इस दिन सोने या चांदी का सामान खरीद रही हैं तो आपको मां लक्ष्मी की चांदी की चरण पादुकाएं खरीदनी चाहिए। इसके रोज पूजा करने से आपको लाभ मिलेगा। इसके अलावा आपको देवी लक्ष्मी की पूजा केसर और हल्दी से करनी चाहिए। इस दिन पूजा के स्थान पर नारियल रखें, जल भरा कलश रखें और देवी जी की पूजा करें। देवी लक्ष्मी के साथ ही आपको भगवान विष्णु की पूजा भी जरूरी करनी चाहिए। अगर आप इस दिन अपनी बेटी की शादी करते हैं। तो यह दान सबसे उच्च दान माना जाता है।

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