बेकिंग करते समय मैदा नहीं चुनें ये हाई प्रोटीन आटा, ना स्वाद में होगा फर्क ना सेहत होगी खराब

अगर आपको बेकिंग करने का शौक है तो हाई प्रोटीन आटा चुनें और मैदे को रिप्लेस करें। ACTIVeat के सीईओ से जानें आखिर ऐसा क्यों। 

different ways to reduce maida with other flour

घर का खाना वैसे तो बहुत ही ज्यादा पौष्टिक और जरूरी होता है, लेकिन जब बात बेकिंग की आती है तो हम किसी बेकरी के प्रोडक्ट्स को महत्व देते हैं। बेकिंग के दौरान बहुत ही ज्यादा जरूरी जिन इंग्रीडिएंट्स का इस्तेमाल किया जाता है वो होते हैं मैदा, अंडे और बेकिंग सोडा। पर क्या कभी आपने सोचने की कोशिश की कि मैदा जो वैसे भी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता वो बेक्ड प्रोडक्ट्स में जाने के बाद शरीर को कितना नुकसान पहुंचा सकता है?

17 मई को हर साल वर्ल्ड बेकिंग डे मनाया जाता है और इस दिन हम आपको बताने जा रहे हैं मैदा और हाई प्रोटीन आटे के बीच का अंतर और क्यों ये सेहत के लिए ज्यादा बेहतर माना जाता है।

क्यों मैदा सेहत के लिए नहीं होता है अच्छा?

अगर बेकिंग की बात करें तो हमेशा मैदा ही सबसे पहली पसंद होता है क्योंकि इसमें स्वाद भरपूर होता है और इसे एक साथ बाइंड करना काफी आसान है, लेकिन इसके अलावा इसमें और कुछ भी नहीं है। मैदा उन कुछ कुकिंग इंग्रीडिएंट्स में से एक होता है जिसमें कोई भी न्यूट्रिएंट नहीं होता।

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ये बनता तो गेहूं से ही है, लेकिन इसे इतना प्रोसेस किया जाता है कि गेहूं का जरूरी फाइबर भी इससे अलग हो जाता है। जहां तक मैदे की बात है तो इसमें बहुत सारे केमिकल ब्लीच आदि का इस्तेमाल किया जाता है और इसे हाइ प्रेशर रोलर से कई बार पीसा जाता है जिससे इसकी कंसिस्टेंसी और कलर निकलकर आता है। लेकिन इस प्रोसेस के कारण ये अपने सारे न्यूट्रिएंट्स खो देता है।

मैदा इस्तेमाल करने को लेकर क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

ACTIVeat हेल्दी मील्स सर्विस और बेकरी के को-फाउंडर और सीईओ प्रणय झाम ने हरजिंदगी से इसके बारे में बात की और बताया कि मैदा क्यों बेकरी प्रोडक्ट्स के लिए हेल्दी नहीं है। उनके अनुसार, 'ग्लूटेन एलर्जी मैदा से शिफ्ट करने का एक मुख्य कारण है और इसके अलावा अगर देखा जाए तो मैदा सिर्फ कार्ब्स है कुछ और नहीं। उसकी जगह अन्य ऑप्शन जैसे बादाम का आटा, सोया का आटा, मिक्स सीड आटा ज्यादा न्यूट्रिएंट्स देते हैं और व्हाइट ब्रेड की तुलना में सेहत के लिए अच्छे होते हैं।'

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'अन्य तरह का आटा अगर इस्तेमाल किया जाता है तो उनमें कार्ब्स की संख्या ज्यादा और कॉम्प्लेक्स होती है। इसका मतलब है कि वो डाइजेस्ट होने में समय लगाते हैं। ऐसे में मैदे की जगह इस तरह के आटे को इस्तेमाल करने से इंसान को ज्यादा समय तक भूख नहीं लगती है और एकदम से भूख लगने के कारण इंसुलिन का लेवल भी नहीं गड़बड़ाता है।'

ACTIVeat bakery में भी इसी तरह अच्छी क्वालिटी का बादाम का आटा इस्तेमाल किया जाता है जो कीटो फ्रेंडली होता है और इसमें हाई फाइबर भी होता है। इससे बनने वाली ब्रेड में प्रोटीन काफी ज्यादा होता है और ये ग्लूटेन फ्री होती है।

अगर हेल्दी ब्रेड की बात करें तो इसमें अंडे, बादाम, मक्खन, नमक और बेकिंग पाउडर जैसे इंग्रीडिएंट्स का इस्तेमाल किया जाता है जो सेहत के लिए मैदे की तरह नुकसानदायक नहीं होता है।

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सिर्फ 8 इंग्रीडिएंट्स से बनाया जाता है चीज़केक-

ACTIVeat bakery के चीज़केक की रेसिपी भी काफी कुछ ऐसी ही हेल्दी है जिसमें सिर्फ 8 इंग्रीडिएंट्स का इस्तेमाल होता है और ये ग्लूटेन फ्री होते हैं। ये हेल्दी ऑप्शन है और ये कीटो-फ्रेंडली चीज़केक होता है जिसमें स्वाद से कोई कॉम्प्रोमाइज नहीं किया जाता है। इसमें शक्कर को स्वीटनर से रिप्लेस किया जाता है और इसकी क्रस्ट भी ग्लूटेन फ्री होती है।

इसके बेस में बादाम, ड्राई खोपरा, Erythritol, Xanthan Gum जैसे इंग्रीडिएंट्स का इस्तेमाल होता है। जहां तक चीज़केक का सवाल है तो उसमें विपिंग क्रीम, क्रीम चीज़, Whey प्रोटीन, जिलेटिन आदि इस्तेमाल किए जाते हैं और इन्हीं इंग्रीडिएंट्स की मदद से केक बनता है।

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क्यों हेल्दी बेकिंग है आपके लिए अच्छी?

ACTIVeat के प्रणय झाम की मानें तो ये ना सिर्फ वेट लॉस के लिए अच्छी होती है बल्कि इससे मसल गेन और वेट मेंटेनेंस भी होती है। ये कंपनी इसी काम के लिए प्रचलित है और ये प्रीमियम ऑनलाइन हेल्दी मील डिलिवरी सर्विस भी देती है।

बेकिंग करते समय सिर्फ मैदे को रिप्लेस करने से आप अपनी हेल्थ के लिए काफी सजग हो सकते हैं। तो इस बेकिंग डे पर आप भी हेल्दी मील्स खाने की कोशिश करें। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: Shutterstock/ Activeat

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