शादी-ब्याह हो, घर की पूजा हो, कोई खास त्योहार या फैमिली गेट-टुगेदर हो, जब बात आती है खाने की, तो नॉर्थ इंडियन कुजीन के बिना खाना अधूरा लगता है। तंदूरी रोटियों से लेकर जीरे वाले चावल तक और उनके साथ सर्व की जाने वाली स्पेशल सब्जियां हर थाली की शान होती हैं। वहीं, कुछ पंजाबी आइटम्स तो एकदम जरूरी होते हैं। दाल मखनी, चिक्कड़ छोले और मिक्स वेज ऐसी डिशेज हैं, जिनके बिना आपका मेन्यू पूरा नहीं हो सकता है।
लेकिन इन डिशेज को बनाना जितना आसान लगता है, उतना है नहीं। कितनी बार ऐसा होता है कि दाल मखनी गाढ़ी होने की बजाय पानी जैसी लगती है, छोले में वो पुरानी दिल्ली वाला स्वाद नहीं आता या मिक्स वेज की खिचड़ी बन जाती है। अगर आप भी इन समस्याओं का सामना करती हैं, तो आपको शेफ के टिप्स नोट करने चाहिए।
पंजाबी फूड के बादशाह, जाने-माने शेफ स्वीटी सिंह ने कुछ खास कुकिंग टिप्स शेयर किए हैं, जो इन तीन क्लासिक डिशेज को रेस्टोरेंट जैसा स्वाद दे सकते हैं। आइए जानते हैं खाना बनाने के उनके सीक्रेट्स!
आपने भी देखा होगा कि हर इंडियन फंक्शन की शान दाल मखनी ही बढ़ाती है। दाल मखनी बनाने में लोग क्रीम का इस्तेमाल करते है, जो टेक्सचर को मलाईदार बनाता है, लेकिन दाल का स्वाद खत्म कर देता है। शेफ स्वीटी सिंह कहते हैं, "दाल मखनी का असली स्वाद तब आता है, जब उसे धीमी आंच पर लंबे समय तक पकाया जाए।" वे सुझाव देते हैं कि उड़द दाल और राजमा को रातभर भिगोकर रखें और फिर धीमी आंच पर 4-5 घंटे तक पकाएं। इससे दाल का स्वाद गहराता है और उसका क्रीमी टेक्सचर उभरकर सामने आता है।
वह क्रीम डालने से मना नहीं करते, लेकिन यह भी बताते हैं कि मक्खन और क्रीम का संतुलित उपयोग कितना जरूरी है। ज्यादा मक्खन डालने से दाल का स्वाद भारी हो जाता है, इसलिए संतुलन बनाए रखना जरूरी है।
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विक्स वेज कई बार खिचड़ी जैसी इसलिए हो जाती है, क्योंकि उसे बहुत ज्यादा पका दिया जाता है। अक्सर लोग यह गलती करते हैं कि सारी सब्जियों को एक साथ डालकर पकाने लगते हैं। शेफ स्वीटी सिंह के मुताबिक, मिक्स वेज का मतलब ये नहीं कि सबकुछ मिला दो और पकने दो। हर सब्जी का अपना स्वाद होता है, जो निखर के आना चाहिए।
वह कहते हैं, "सब्जियों को एक साथ नहीं पकाएं। आलू, गाजर, फूलगोभी, सभी का कुकिंग टाइम अलग होता है। पहले हार्ड सब्जियों को हल्का उबालें, फिर धीरे-धीरे बाकी डालें।
साथ ही, यदि प मिक्स वेज में एक चुटकी हींग और घी का तड़का लगा दें, तो स्वाद निखरकर आता है। सब्जी को रिच बनाने के लिए बहुत थोड़ी क्वांटिटी में मलाई डाली जाती है। वहीं, आखिर में आधा चम्मच कसूरी मेथी उसे रेस्तरां वाला स्वाद दे सकती है।"
छोले सुनते ही पंजाबी छोले की छवि सामने आ जाती है। पंजाब में जिस फ्लेवर के साथ चिक्कड़ छोले बनाए जाते हैं, उसे आम तरह से बनाना मुश्किल है। लोग रंग देने के लिए चायपत्ती का पानी तो डालते हैं, लेकिन उसे कब डालना है यह पता नहीं होता। जब छोले को उबालें, तब पानी डालकर उसे पकाएं। इससे रंग छोले में भी अच्छा आता है।
छोले में खटास देने के लिए नींबू नहीं, बल्कि अमचूर पाउडर डालें। इसके साथ ही, मसालों को भूनने में समय दें, तभी छोले की ग्रेवी में बढ़िया रंग आएगा।
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अगली बार जब घर पर कोई खास मौका हो और आप नॉर्थ इंडियन थाली से सबका दिल जीतना चाहें, तो इन टिप्स को आजमाना बिल्कुल न भूलें।
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Image Credit: Freepik and chefsweetysingh@instagram
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