मुगल फूड का इतिहास कुछ 500 से अधिक वर्ष पुराना रहा है। कई मुगल सम्राटों के पास अपनी विस्तृत रसोई की किताबें थीं। बाबर, अकबर, हुमायूं, जहांगीर, शहाजहां जैसे राजाओं के समय में तरह-तरह के व्यंजनों की पेशकश की गई। यह कहना गलत नहीं होगा कि आज इंडियन फूड के इतने समृद्ध इतिहास के पीछे मुगल एरा बड़ा योगदान रहा। ऐसी कई नॉन-वेज डिशेज हमने प्राप्त की जिन्हें देश और दुनिया भर में पसंद किया जाता है। हालांकि, कुछ ऐसे व्यंजन भी रहे, जिन्हें लोग भूलने लगे हैं।
अब गोश्त तो ठीक है, लेकिन क्या आपने गोश्त का हलवा सुना है? यह एक ऐसी मुगल डेलिकेसी है जिसे कई पीढ़ियों से बनाया जा रहा है और फिर भी इसके बारे में कम ही लोगों को पता है। इसी तरह लुला कबाब है जिसे मीट के कीमे से तैयार किया जाता है। ये मुगल एरा के 'खोए हुए व्यंजनों' में से एक है, जो इसलिए अपना आकर्षण खो रहे हैं, क्योंकि बहुत कम लोग हैं जो वास्तव में इनके बारे में जानते हैं।
गोश्त का हलवा
उत्तर प्रदेश के रामपुर से जुड़ा गोश्त का हलवा एक ऐसी कुजीन है जिसे मुगल बादशाह बहुत पसंद किया करते थे। यह समृद्ध और स्वादिष्ट रेसिपी मेमने के मीट, दूध, घी, चीनी, हरी इलायची और मावा के साथ बनाया जाता है। चांदी का वर्क और नट्स इसकी खूबसूरती और स्वाद को बढ़ाने का काम करते हैं।
सामग्री-
- 1 किलो मटन (पाउंडेड)
- 3 बड़े चम्मच घी
- 3 लीटर दूध
- 200 ग्राम खोया (मावा)
- 100 ग्राम चीनी
- 1 चम्मच हरी इलायची पाउडर
- 2 चम्मच नट
- 1 चुटकी केसर
- 1 चम्मच गुलाब जल
- चांदी वर्क
बनाने का तरीका-
- मटन को पहले अच्छी तरह से धोने के बाद पाउंड करके अलग रख लें।
- एक पैन में 1 लीटर दूध डालकर गर्म करें और उसमें 1/2 चम्मच इलायची पाउडर जोड़ें और अच्छी तरह मिलाएं। इसके बाद, इसमें मीट डालकर अच्छी तरह से मिलाएं और इसे उबलने दें।
- अब दूध में केसर डालकर मिलाएं और एक तरफ रखें। जब तक दूध का आधा हिस्सा न रह जाए इसे धीमी आंच पर पकाते रहें। एक करछी की मदद से मीट को दबाते रहें।
- मीडियम आंच पर एक कढ़ाही डालें और उसमें देसी घी को गर्म करें। मीट को कढ़ाही में डालकर तब तक भूनें जब तक कि यह हल्के भूरे रंग का न हो जाए।
- इसके बाद, इसमें बचा हुआ इलायची पाउडर, गुलाब जल और चीनी जोड़ें। एक बार फिर से मिलाकर इसे पका लें और अंत में खोया और नट्स मिलाएं।
- इसे तब तक पकाएं, जब तक कि कढ़ाही के सभी किनारों से घी को बाहर निकालते हुए न देखें। आंच बंद करें और इसे एक प्लेट में ट्रांसफर करें। ऊपर से चांदी का वर्क और नट्स डालकर सर्व करें।
लुला कबाब
कबाब की शुरुआत तुर्की में हुई थी। ऐसा माना जाता है कि सैनिक खुले मैदान पर आग पर तलवारों पर शिकार के टुकड़ों को ग्रिल करके खाया करते थे। इसी तरह आगे चलकर कई तरह के कबाब (कबाब रेसिपी) बनाए गए। वहीं, लुला कबाब उन लोकप्रिय कबाबों में रहा जो मिडल ईस्ट और सेंट्रल एशिया में काफी लोकप्रिय हुआ। इसे बीफ और लैम्ब की मदद से बनाया जाता था। हालांकि बाद में लोगों ने इसमें चिकन का भी उपयोग किया जाता है।
सामग्री-
- 1 किलो लैम्ब मीट, कीमा
- 1 बड़ा प्याज, बारीक कटा हुआ
- ½ कप बारीक कटा पार्सले
- 1 बड़ा चम्मच पुदीना के पत्ते
- 1 अंडा
- 2 चम्मच जीरा
- 1 बड़ा चम्मच पेपरिका
- ½ चम्मच लहसुन पाउडर
- 2 चम्मच कोषेर नमक
- 1 चम्मच काली मिर्च
- 2 बड़े चम्मच टमाटर का पेस्ट
- 1/2 नींबू का रस
बनाने का तरीका-
- बेकिंग ट्रे में पार्चमेंट पेपर लगाएं और सारी सामग्रियों को मिलाकर अच्छी तरह से मिक्स कर लें।
- मीट को इस तरह मिलाएं कि उसमें अच्छी तरह मसाले लग जाएं। इसे कुछ 30-35 मिनट के लिए ढककर रखें।
- 3-4 स्क्वीर लेकर उसमें तेल लगाएं। अब छोटे-छोटे हिस्सों में मैरिनेट किया हुआ मीट लेकर स्क्वीर में लगाएं।
- इन्हें बेकिंग शीट में रखें और पेपर से रैप कर लें। इसे 10 मिनट के लिए रेस्ट करने रखें।
- अब एक गैस या चारकोल ग्रिल तैयार कर लें और उसके ऊपर ये स्क्वीर रखकर अच्छी तरह से दोनों तरफ से सेंक लें।
- कबाब एक प्लेट में ट्रांसफर करें और इन्हें पुदीना की हरी चटनी के साथ सर्व करें।
अगर आप नॉन वेज खाने के शौकीन हैं तो ये लॉस्ट रेसिपीज आपको भी एक बार ट्राई जरूर करनी चाहिए। इसके अलावा यदि आपको कोई ऐसी ही लोस्ट रेसिपी के बारे में पता हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
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Image Credit: shutterstock, freepik & Icca dubai
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