क्या वाकई जिलेटिन पाउडर में होती हैं जानवरों की हड्डियां? जानिए इसे बनाने का तरीका

जिलेटिन पाउडर का इस्तेमाल कई लोग इसलिए नहीं करते क्योंकि इसमें हड्डियां होती हैं, पर क्या ये वाकई सच है?

How is gelatine pwder made

जिलेटिन का इस्तेमाल कई सारी तरह से होता है। ये एक ऐसा प्रोडक्ट है जो कई तरह की इंडस्ट्रीज में इस्तेमाल किया जाता है। ये प्योर प्रोटीन होता है जिसे फूड इंडस्ट्री, फार्मा इंडस्ट्री, न्यूट्रास्यूटिकल्स, फोटोग्राफी और बहुत सारे सेक्टर्स में इस्तेमाल किया जाता है। ये कोई नया आविष्कार नहीं है बल्कि ये दो सदियों से इसका इस्तेमाल होता आ रहा है। विक्टोरियन जमाने में जिलेटिन से बनी हुई जैली का बहुत चलन था और कई शादी दावतों में इसका इस्तेमाल होता था।

जिलेटिन का इस्तेमाल भारत में भी कम नहीं होता। इसे कई तरह की डिशेज में इस्तेमाल किया जाता है और जैली बनाने के लिए तो ये सबसे मुख्य इंग्रीडिएंट होता है। पर क्या आपको पता है कि जिलेटिन को लेकर इतना विवाद क्यों होता है और इसे बनाने का प्रोसेस क्या है? गूगल पर जिलेटिन को लेकर सर्च किए गए सवालों में से सबसे अहम है कि क्या ये वेजिटेरियन है? तो चलिए आज इसके बारे में बात करते हैं और जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर ये इतना फेमस क्यों है?

क्या वेजिटेरियन होता है जिलेटिन?

इसका सीधा सा जवाब है नहीं। जिलेटिन को बनाने का प्रोसेस hydrolysis कहलाता है जिसमें पिग्स, गाय और मुर्गी के पैर, हड्डियों और स्किन, फिश की स्केल्स आदि को प्रोसेस कर जिलेटिन बनाया जाता है। इसमें सीधे तौर पर मांस नहीं होता, लेकिन ये एनिमल बाय प्रोडक्ट होता है। इसके लिए जानवरों को मारा नहीं जाता है, लेकिन मीट इंडस्ट्री से बचे हुए बाय प्रोडक्ट का इस्तेमाल जरूर किया जाता है। जिलेटिन एक तरह से पूरा प्रोटीन है जो कोलेजन से बनाया जाता है। इसलिए ये फूड इंग्रीडिएंट माना जाता है।

gelatine powder process

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कहां से हुई थी जिलेटिन की शुरुआत?

जिलेटिन की शुरुआत कुछ सदियों पहले हुई थी, लेकिन इसका इस्तेमाल बहुत पहले से हो रहा है। 8000 साल पहले भी इसका इस्तेमाल होता था ऐसे साक्ष्य मिलते हैं। जानवरों के खुर और हड्डियों को उबालकर एक प्रोडक्ट बनाया जाता था। इसका इस्तेमाल कपड़ों और फर्नीचर के ग्लू के तौर पर भी होता था।

प्राचीन मिस्र के किचन में भी इसका इस्तेमाल होता था। 5000 साल पहले नील नदी के किनारे बसे शहरों में जिलेटिन को फूड इंडस्ट्री में इस्तेमाल करने की शुरुआत की गई थी। जिलेटिन का इस्तेमाल चिकन सूप आदि में भी किया जाता था। हालांकि, इसकी उत्पत्ति का सही समय तो बताया नहीं जा सकता, लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो आदि मानव के समय से ही जिलेटिन किसी ना किसी तरह से इंसानी दुनिया में शामिल है।

कैसे बनाया जाता है जिलेटिन?

जैसा कि हमने बताया जिलेटिन को बनाने का तरीका जानवरों की हड्डियों से होकर गुजरता है। हालांकि, ऐसा कहा जाता है कि जिलेटिन अब वीगन भी आने लगा है, लेकिन उसे प्योर जिलेटिन नहीं माना जा सकता। अगर आपने कभी चिकन सूप आदि बनाया है और हड्डियों को भी उस प्रोसेस में उबाला है तो आपने देखा होगा कि ऊपर की ओर एक जैली जैसा पदार्थ तैरने लगता है। ये चिकन को रोस्ट करते समय और किसी अन्य मीट को बेक करते हुए भी दिखता है। यही है जिलेटिन को बनाने का तरीका।

gelatine powder and its uses

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  • सबसे पहले एनिमल बाय प्रोडक्ट्स को बड़े बॉयलर में प्रोसेस किया जाता है ताकि एनिमल फैट और कोलेजन अलग हो जाए।
  • इस प्रोसेस में एक दो दिन भी लग जाते हैं। कई एसिडिक प्रोसेस दोहराए जाते हैं जिससे एनिमल प्रोडक्ट्स को ट्रांसफॉर्म किया जा सके।
  • अब जो मटेरियल बचता है उसे गर्म पानी के साथ मिक्स किया जाता है जिससे जेल जैसा सब्सटेंस बने।
  • पानी के तापमान पर इसकी कंसिस्टेंसी निर्भर करती है।
  • इसके बाद जो प्रोडक्ट बनता है उसे प्यूरिफाई किया जाता है जिससे फैट और फाइन फाइबर निकाले जा सकें।
  • ये प्यूरिफिकेशन कई स्टेज में हो सकता है और लास्ट स्टेज में कैल्शियम, सोडियम और ऐसे ही सब्सटेंस को जिलेटिन से निकाला जाता है।
  • अब जिलेटिन सॉल्यूशन को वैक्यूम इवैपोरेशन की मदद से गाढ़ा किया जाता है।
  • सबसे आखिरी स्टेप होता है इसे ड्राई करने का जो मशीनों के जरिए किया जाता है। इस पाउडर को स्टेरलाइज भी किया जाता है जिससे जिलेटिन पाउडर बनता है।

तो अब आपको समझ आ ही गया होगा कि जिलेटिन पाउडर को बनाने का तरीका क्या है और इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है। अगर कोई बोले कि ये वेज है तो उसका यकीन ना करिए क्योंकि प्योर जिलेटिन वेज नहीं होता।

क्या आप जिलेटिन का इस्तेमाल करती हैं? अपने जवाब हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: Shutterstock/ Freepik

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