
ठंड की शुरुआत हो चुकी है। इस मौसम में लगभग सभी घरों में कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। दरअसल, ये वो मौसम होता है, जब लोगों को कुछ चटपटा खाने का मन करता है। भारत में सर्दियां सिर्फ ठंड नहीं लातीं, बल्कि स्वाद और यादों का मौसम भी लेकर आती हैं। भारत में हर राज्य की रसोई में कुछ ऐसे पारंपरिक व्यंजन बनते हैं जो शरीर को गर्म रखने के साथ-साथ इम्युनिटी भी बढ़ाते हैं।
अगर आप भी उन्हीं में से हैं, जो ठंड में कुछ स्वादिष्ट और हेल्दी खाना चाहती हैं, तो ये लेख आपके लिए है। हम आपको सर्दियों में बनने वाली उन 5 व्यंजनों के बारे में बताने जा रहे हैं। आप इन्हें आसानी से घर पर बना सकती हैं। आइए जानते हैं-
पंजाब की सर्दियों की बात हो और सरसों का साग याद न आए, ऐसा तो हो ही नहीं सकता है। सरसों, बथुआ और पालक के पत्तों को धीमी आंच पर पकाकर इसमें मक्खन या घी का तड़का लगाया जाता है। इसका स्वाद हल्का तीखा और मिट्टी की महक लिए होता है। इसे बनाने के लिए आप सरसों और बथुआ को उबालकर पीस लें। इसमें अदरक, लहसुन और प्याज का तड़का लगाएं और ऊपर से मक्खन डालें। मक्के की रोटी और गुड़ के साथ खाएं। इससे आपको स्वाद और गर्माहट दोनों मिलेगी।

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पुरानी दिल्ली की गलियों में सर्दियों की सुबह दालौत की चाट के बिना अधूरी हैं। ये हल्की, झागदार मिठाई दूध की मलाई और ओस की नमी से बनाई जाती है। आप इसे घर पर भी बना सकती हैं। इसे बनाने के लिए दूध की मलाई को रातभर ठंड में फेंटकर रखा जाता है। सुबह इसमें चीनी, केसर और पिस्ता मिलाकर फेंट लिया जाता है। ये हवा जैसी हल्की मिठाई कुछ ही घंटों तक टिकती है। इसका स्वाद सर्द सुबह जैसा ही अनोखा होता है।
सर्द मौसम में सुबह के समय मक्खन लगा गरमागरम मूली का पराठा मिल जाए ताे क्या ही बात है। इससे बेहतर दिन की शुरुआत कोई हो ही नहीं सकती है। इसे बनाने के लिए कद्दूकस की हुई मूली में नमक और मसाले डालें, इसे गेहूं के आटे में भरकर बेलें और तवे पर सेक लें। ऊपर से घी लगाएं और अचार के साथ सर्व कर सकती हैं।
मकर संक्रांति के आस-पास तिल और गुड़ के लड्डू हर घर में बनाए जाते हैं। तिल शरीर को गर्म रखता है और गुड़ खून को साफ करता है। ये लड्डू बनाने के लिए आप तिल को सबसे पहले भून लें, फिर पिघले गुड़ में मिलाकर छोटे-छोटे लड्डू बना लें। ये न सिर्फ स्वादिष्ट होते हैं बल्कि ठंड में शरीर को एनर्जी भी देते हैं।
राजस्थान और गुजरात के गांवों में सर्दियों की सुबह राब के बिना शुरू ही नहीं होती है। बाजरे के आटे, घी, गुड़ और अजवाइन से बनी ये गर्म ड्रिंक शरीर को ताकत देती है। इसे बनाने के लिए बाजरे के आटे को घी में भून लें, फिर उसमें पानी डालकर धीमी आंच पर पका लें। इसके बाद इसमें गुड़ और अजवाइन डालें और गाढ़ा होने तक पका लें। इसे गरमागरम पिएं, सर्दी दूर भाग जाएगी।

लाल गाजर बाजार में दिखते ही सबको समझ आ जाता है कि अब गाजर के हलवे का मौसम आ गया है। गाजर के हलवे के बिना तो मानो सर्दी का मौसम ही अधूरा सा लगता है। इसे बनाने के लिए गाजर को कद्दूकस करके दूध, घी और चीनी में पका लें। अब ऊपर से इलायची पाउडर और काजू-बादाम या अपनी पसंद का कोई भी ड्राई फ्रूट्स डाल सकती हैं। गरमागरम गाजर का हलवा सर्द रातों में मिठास और गर्माहट दोनों देता है।
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सर्दियां सिर्फ ऊनी कपड़ों का मौसम नहीं, बल्कि देसी खाने का त्योहार भी हैं। चाहे आप पंजाब की सरसों का साग खाएं या गाजर का हलवा, हर बाइट में आपको गर्माहट और अपनापन मिलेगा। इस बार ठंड में इन देसी व्यंजनों को जरूर आजमाएं और अपने परिवार के साथ सर्दियों का मजा दोगुना करें।
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