आधुनिकीकरण के इस दौर में हर चीज स्मार्ट हो गई है और हमलोग का काम बहुत आसान हो गया है। लेकिन इस आसान हुए काम के कारण हमारा स्वास्थ्य बहुत खराब हो गया है। कार और वेहिकल्स की वजह से हमारी फीजिकल एक्टिविटी कम हो गई है। जिसके कारण शरीर लेज़ी हो गया है और बीमार रहता है। लेकिन सबसे खास चीज जो इस आधुनिकीकरण से प्रभावित हुई है, वह है- हमारा खाना।
आजकल खाना भी फास्ट और रेडीमेड हो गया है। पहले जहां खाना कम से कम दस से पंद्रह मिनट में बनता था वहीं अब दो मिनट में खाना बनकर तैयार हो गया है। अगर कोई खाना बनाता भी है तो वह स्मार्ट तरीके से ही खाना बनता है जिससे हमारा खाना बनाने का काम तो आसान हो जाता है लेकिन उसमें मौजूद पौष्टिक तत्व खतम हो जाते हैं।
माइक्रोवेव में खाना बनाना
आजकल अधिकतर घरों में माइक्रोवेव आ गया है। उन घरों में तो माइक्रोवेव जरूर होता है जहां महिलाएं भी वर्किंग होती हैं। इनमें से अधिकतर महिलाएं रात को खाना बनाकर रख देती थीं और सुबह ब्रेकफास्ट में माइक्रोवेव में उसे गर्म कर पूरे परिवार को सर्व करती हैं। आजकल खाना गर्म करना हो या केक बनाना हो, हर चीज के लिए माइक्रोवेव इस्तेमाल किया जाता है। आज की स्मार्ट लाइफ में इसके बिना किचन अधूरा है। जबकि माइक्रोवेव में खाना बनाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। हैरान होने की जरूरत नहीं है। इस बात का खुलासा एक स्टडी में हुआ है। (Read More:फ्रिज में स्टोर किया हुआ खाना, क्या सही मायने में हेल्दी है?)
होने वाले बच्चे के लिए नुकसानदायक
माइक्रोवेव में खाना बनाकर या गर्म कर खाना गर्भवती महिलाओं और होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हाल में हुई एक स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ कि अगर माइक्रोवेव में प्लास्टिक के कंटेनर में खाना गर्म कर या बनाकर खाने से होने वाले बच्चे पर बुरा असर हो सकता है। इससे बने खाने से बच्चे को डायबिटीज, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां होने के साथ ही साथ महिलाओं में बांझपन और मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। (Read More:हेल्दी रहने के लिए महिलाएं इन 5 चीजों को दिन में सिर्फ '1 बार' जरूर खाएं)
स्टडी रिपोर्ट
अमेरिकन सोसायटी ऑफ रिप्रोडक्टिव हेल्थ के साइंटिस्ट्स ने रिसर्च में पाया कि प्लास्टिक के कंटेनर में खाना गर्म करके खाने से लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है। इसके साथ ही कई लोग मानसिक बीमारी के भी शिकार हो जाते हैं। इससे महिलाओं के प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ता है।
ऐसे घातक है माइक्रोवेव
इसका मुख्य कारण प्लास्टिक कंटेनर से निकलने वाले रसायन होते हैं जो माइक्रोवेव में हीटिंग के बाद कंटेनर से रिलीज होते हैं। प्लास्टिक कंटेनर हीट होने पर 95 फीसदी तक रसायन रिलीज होते हैं। जो हमारे हेल्थ के लिए खतरनाक साबित होते हैं। माइक्रोवेव में हमेशा प्लास्टिक के कंटेनर में खाना गर्म किया जाता है। जबकि प्लास्टिक के कंटेनर में बिस्फेनॉल ए होता है, जिसे आमतौर पर बीपीए और फाथालेट कहा जाता है। जब हम प्लास्टिक के कंटेनर में खाना गर्म करते हैं तो बीपीए हमारे खाने में मिक्स हो जाते हैं और हमारे शरीर में पहुंचता है जिससे बांझपन, हार्मोनल चेंज, जेंडर चेंज और यहां तक कि विभिन्न प्रकार के कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा पैदा हो जाता है। सबसे ज्यादा दुख की बात है कि इसका असर का जानवरों पर भी पड़ता है।
इस तरह से माइक्रोवेव के दुष्प्रभाव से बचें
- केवल तीस सकेंड के लिए गर्म करें।
- माइक्रोवेव में खाना गर्म करते वक्त दूर रहें। क्योंकि इसकी वेव्स 12 सेंटीमीटर तक ही पहुंचती हैं।
- अवन या माइक्रोवेव पुराना है तो एक बार रेडिएशन मीटर से नियमित जांच कराएं।
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