Rice for Biryani : भारतीय घरों में चावल तो आपकी एक आधी मील में शामिल होता ही है। भारत के अलग-अलग प्रांतों में तरह-तरह का चावल खाया भी जाता है। कहीं लोग छोटा चावल खाते हैं, तो कहीं लंबा चावल बहुत पसंद किया जाता है। ग्रेन लेंथ के आधार पर चावल को तीन श्रेणियों में बांटा गया है- लंबा, मध्यम और छोटा। ये तीनों तरह के चावल देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से बनाए जाते हैं।
अब जैसे बिरयानी के लिए लंबा चावल पसंद किया जाता है और बिरयानी अच्छी भी लंबे चावल से बनती है। छोटे चावल को सांबा कहा जाता है और यह ज्यादातर दक्षिण भारत खासतौर से तमिलनाडु में पकाया जाता है। मध्यम लंबाई वाले चावल को वेस्ट बंगाल के क्षेत्रों में खूब खाया-खिलाया जाता है।
मगर बात जब भी किसी भी क्षेत्र में बिरयानी की आती है तो चावल लंबा ही बनता है। मगर क्या यह चावल सही है? इन कैसे सही ढंग से चुना जाता है? यह बात खुद मास्टरशेफ पंकज भदौरिया बता रही हैं। आप भी उनसे जानें बिरयानी के लिए सही चावल कैसे चुनना चाहिए! लेकिन उससे पहले आइए आपको चावलों की लेंथ के बारे में बताएं।
सबसे बेशकीमती लंबे अनाज वाले चावलों में से एक अच्छी खुशबू वाला बासमती है, जिसे पारंपरिक रूप से हिमालय की तलहटी में उगाया जाता था। उनकी बनावट पतली और लंबी होती है और इनमें स्टार्च की सामग्री भी कम होती है। इसे बहुत ही सावधानी से तैयार किया जाता है। इन चावल से पिलाफ, बिरयानी आदि बनाया जाता है। यह चावल बहुत ही खिले-खिले बनते हैं, जो आपके बर्तनों में नहीं चिपकते हैं।
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यह लंबे चावल से थोड़ा छोटा होता है और बनने के बाद थोड़ा फूला-फूला बनता है। इन चावलों में भी कम स्टार्च होता है और यह बनने के बाद इकट्ठा हो जाते हैं। इसे टेबल राइस भी कहा जाता है और चीन, कोरिया, जापान आदि देशों में यह अत्याधिक लोकप्रिय है। इसे खासतौर से रिसोटो बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। जब इन चावलों को धीमें आंच पर पकाया जाता है, तो इसका स्टार्च एक क्रीमी टेक्सचर बनाता है। यह दिखने में चिपचिपे लगते हैं, लेकिन खाते समय बिल्कुल चिपचिपे नहीं लगते (चावल पकाने सही तरीका)।
केरल और तमिलानडु क्षेत्रों में इसे ज्यादा पसंद किया जाता है। यह छोटे, गोल और स्टार्ची होते हैं और बनाने के बाद इकट्ठा हो जाते हैं। इसे हाथों या चॉपस्टिक से खाना बहुत आसान होता है क्योंकि आपको इसे एक-एक कर उठाने की जरूरत नहीं होती। अगर आपने कभी पारंपरिक केरल फिश-राइस खाया हो, तो उसमें इसी तरह के लाल चावलों के साथ स्वादिष्ट फिश करी पेश की जाती है।
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अगर आपको सही बिरयानी बनानी है तो उसके लिए सही चावल चुनना चाहिए। अगर चावल छोटा या मोटा हुआ तो बिरयानी पुलाव बन जाएगी। इसलिए मास्टर शेफ पंकज भदौरिया बिरयानी बनाने के लिए सही चावल चुनने के दो खास तरीका बता रही हैं।
बासमती चावल यानी जो खुशबूदार, लंबा और पतला होता है। बिरयानी के लिए यही चावल सबसे अच्छा होता है, क्योंकि यह बनाने के बाद हमेशा खिला-खिला बनता है। चावल अगर बर्तन में चिपकेगा तो बिरयानी अच्छी नहीं लगेगी, इसलिए जब भी आप वेज या नॉन-वेज बिरयानी बनाएं तो उसके लिए हमेशा बासमती के चावल ही चुनें।
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अब पंकज कहती हैं कि एक तो बिरयानी के लिए बासमती चावल लें और दूसरा वो पुराना चावल होना चाहिए। लेकिन बासमती चावल नया है या पुराना यह कैसे पता चलेगा? सबसे पहले तो ध्यान रखें कि अगर चावल हल्का पीला है, तो वो पुराना बासमती चावल है। सफेद चावल नया होता है। वहीं दूसरा तरीका है कि चावल के 2-3 दाने लेकर चबाएं। अगर चावल दांतों पर चिपक रहा है तो वो नया चावल है और अगर चावल दांतों पर नहीं चिपका तो पुराना चावल है।
अब जब आपको पता चल गया है कि बिरयानी के लिए सही चावल कौन-सा है, तो आप अब लजीज बिरयानी बनाकर अपने परिवार को खुश कर सकते हैं।
चावल पिक करने की यह नई तकनीक आपको कैसे लगी, हमें कमेंट कर जरूर बताएं। अगर आपको यह लेख पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर करना न भूलें। ऐसे ही फूड हैक्स जानने के लिए पढ़ते रहें हरजिंदगी।
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