जब भी आप ग्रॉसरी शॉपिंग के लिए जाती हैं तो क्या हर बार पैकेट पर लिखे लेबल को पढ़ती है। शायद नहीं! अधिकतर महिलाएं या तो लेबल को चेक ही नहीं करतीं या फिर सिर्फ वह एक्सपायरी डेट को चेक करना सही समझती हैं। लेकिन बेहतर हेल्थ के लिए सिर्फ एक्सपायरी डेट पर ध्यान देना ही पर्याप्त नहीं है। हो सकता है कि आप अधिक हेल्थ कॉन्शियस हों और इसलिए आप फैट फ्री या शुगर फ्री टैग वाले फूड आइटम्स को खरीदना पसंद करती हों। लेकिन क्या आपको सच में पता है कि यह फूड आइटम्स आपकी सेहत के लाभकारी हैं। दरअसल, इन दिनों में मार्केट में कॉम्पीटिशन इतना बढ़ गया है कि हर ब्रांड अपने प्रॉडक्ट को बेचने के लिए कई तरह के फैन्सी टैग्स का सहारा लेता है, ताकि अधिकतर लोग इन्हें खरीदें। इसलिए यह और भी ज्यादा जरूरी है कि आप फूड आइटम के लेबल को बेहद ध्यान से पढ़ें और अगर आपको उस पर इनमें से कोई भी चीज लिखी हो तो उसे खरीदने से बचें। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में-
कोरोना काल में लोग अपनी सेहत को लेकर अधिक सजग हुए है और विभिन्न तरीकों से अपनी इम्युनिटी को बूस्ट अप करना चाहते हैं। यही कारण है कि बहुत सारे ब्रांडों ने अपने प्रॉडक्ट की मार्केटिंग इम्युनिटी बढ़ाने की विशेषता के आधार पर की है। हालांकि, ऐसे उत्पादों को खरीदते समय आपको बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है क्योंकि उनमें से कई केवल एक भ्रम पैदा करते हैं, जिन्हें केवल बिक्री बढ़ाने के लिए किया जाता है। प्रोसेस्ड फूड आइटम्स शायद ही कभी इम्युनिटी को बढ़ा सकते हैं। यही कारण है कि आप ऐसे प्रॉडक्ट्स को चुनें, जो नेचुरल हों। इसके अलावा, आप पर्याप्त रिचर्स के बाद ही प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले उत्पादों को खरीद सकते हैं जो साबित करता है कि वे वास्तव में प्रतिरक्षा में सुधार करने में मदद करते हैं।
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आज के समय में अधिकतर महिलाएं अपनी हेल्थ को ध्यान में रखते हुए व अपनी डाइट से अतिरिक्त कैलोरी को कम करने के लिए फैट फ्री और कोलेस्ट्रॉल फ्री फूड ऑप्शनको चुनती हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि मैन्युेक्चर फूड से फैट को रिप्लेस करने के लिए निर्माता आमतौर पर अन्य समान विकल्पों का विकल्प चुनते हैं जो आपके लिए बदतर हो सकते हैं। इन फैट सब्स्टिटूट को सिंथेटिकली बनाया जाता है, जो आपकी सेहत के लिए किसी भी लिहाज से उचित नहीं है।
अधिकतर महिलाएं अपनी सेहत और वजन को बनाए रखने के लिए चीनी का सेवन कम से कम करना चाहती हैं और इसलिए वह ऐसे प्रॉडक्ट्स को खरीदना अधिकतर पसंद करती हैं, जिसके पैकेट पर नो शुगर एडेड का लेबल लगा होता है। हालांकि, ऐसे किसी भी प्रॉडक्ट को बकिट लिस्ट में रखने से पहले आप एक बार इंग्रीडिएंट लिस्ट को एक बार अवश्य देखें। इन उत्पादों में आमतौर पर स्टेविया और एरिथ्रिटोल जैसे किसी अन्य रूप में चीनी होती है, जो सफेद चीनी की तुलना में अधिक स्वास्थ्यवर्धक होती है लेकिन फिर भी रक्त शर्करा में वृद्धि का कारण बन सकती है, खासकर मधुमेह के रोगियों में। इसलिए अगर आप मधुमेह या अन्य किसी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं तो इस तरह के फूड आइटम्स से थोड़ी दूरी बनाएं।
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कई बार प्रॉडक्ट को अधिक आकर्षक बनाने के लिए कई खाद्य पदार्थों में आर्टिफिशियल कलर्स का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, जितना हो सके ऐसे उत्पादों को खरीदने से बचें क्योंकि किसी भी तरह के कृत्रिम रंग आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं होते हैं। सुनिश्चित करें कि आप ऐसे फूड आइटम्स को ही खरीदें, जिनमें सेफ फूड कलर्स का इस्तेमाल किया गया हो और जिन्हें हमारे देश में उपयोग करने की अनुमति है।
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