जब भारत में ग्राम पंचायत व्यवस्था की शुरुआत हुई, तब लंबे समय तक पंचायतों पर सरपंच पुरुष ही हुआ करते थे। ऐसे में कई बार गावों में पुरुष प्रधान समाज के आधार पर फैसले लिए जाते थे। आखिरकार सालों बाद देश को उसकी पहली महिला सरपंच मिली, जिनका नाम Irene Barros है।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको इरेन बारोस की कहानी के बारे में बताएंगे, कि आखिर कब और कैसे Irene Barros राजनीति का हिस्सा बनीं।
कौन हैं Irene Lorenco e Barros?
Saddened by the passing away of former @INCGoa President Smt. Irene Barros. She was the First Sarpanch of Betalbatim. She will be remembered for her contribution during Opinion Poll. My condolences to her family. May her soul rest in peace. pic.twitter.com/caktnlSP8l
— Digambar Kamat (@digambarkamat) August 23, 2021
Irene Barros गोवा की राजनीति का नामी चेहरा हैं। वो INC की वफादार राजनेताओं में से एक हैं, यही वजह है कि मृत्यों के बाद भी उनके कार्यों को पार्टी हमेशा सराहती है। Irene Barros गोवा राज्य में सरपंच के रुपी में चुनकी जानें वाली पहली महिला थीं। इसके अलावा वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस गोवा की अध्यक्ष के रूप में कार्यरत होने वाली पहली महिला थीं।
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Irene Barros का बचपन
Irene Barros का जन्म तत्कालीन पुर्तगाली गोवा में भिउंसा-कनकोलिम के लोरेंको परिवार में हुआ था। वह मोनसिग्नोर अगापितो लोरेंको की भतीजी थीं। जो प्रमुख पादरी और शिक्षाविद थे, जिन्होंने कनकोलिम में शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना की थी। उनके पति डॉ.बैरोस अपने गृहनगर के साथ-साथ आसपास के गांवों में एक प्रसिद्ध चिकित्सक थे, इसलिए श्रीमती बारोस पहले से ही लोकप्रिय थीं। वो अपने पड़ोस की मदद करने के लिए जानी जाती थीं।
सा 1961 में भारत में गोवा के अधिग्रहण के साथ गोवा में पंचायत प्रणाली और चुनाम की भी शुरुआत हुई। तब Irene Barros ने राजनीति में आने का फैसला लिया, लेकिन उस महिलाओं को राजनीति में शामिल होने के लिए अनुपयुक्त माना जाता था। इस धारणा को तोड़ते हुए Irene Barros गोवा के पहले पंचायत चुनावों में खड़ी हुई और लोकप्रियता के साथ चुनाव जीतने में सफल हुईं।
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बारोस का राजनीतिक करियर-
What a performance!
— Congress (@INCIndia) February 7, 2022
The grand daughter of former President of @INCGoa, Late Smt. Irene Barros sings a beautiful recital in the presence of Smt. @priyankagandhi.#GoaजैतYatrapic.twitter.com/JvtFw9WtER
INC ने उस वक्त बारोस को सर्वसम्मति के साथ सरपंच घोषित किया गया। वो गोवा समेत पूरे देश की पहली महिला सरपंच बन गईं। समय के Irene Barros ने अपने कार्यकाल के दौरान कई कार्य किए। साल 1982 आते-आते Irene Barros की प्रसिद्धि कम होने लगी, जिस कारण उन्हें अध्यक्ष के पद से मुक्त कर दिया गया। पद से मुक्त होने के बाद उन्होंने गोवा के एक इंस्टीट्यूट में बतौर चेयरपर्सन काम किया। 22 अगस्त 2021 को Irene Barros ने दुनिया को अल्विदा कह दिया।
तो ये थी Irene Barros यानी देश की पहली महिला सरपंच की कहानी, आपको हमारा यह आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें, साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।
Image Credit- wikipedia
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