Job छोड़ सीखी Handmade Card बनाने की कला अब 50 परिवारों में फैला रही हैं मुस्कान

12 साल के सफल career के बाद भी चयनिका कुछ ख़ास करना चाहती थीं. इसलिए उन्होंने न केवल अपनी job छोड़ी बल्कि कुछ ऐसा किया जिससे ranikhet के  50 महिलाओं की financialएवं social दशा सुधर गई. 

chaynika shah bisht hill craft india

आर्थिक तंगी के कारण रानीखेत की हेमा कंडपाल के जीवन में एक ऐसा समय भी आया जब वह अपने बेटे की education तक छुड़वाने को मजबूर हो गई। मगर हेमा का वही बेटा आज एक बड़े और नामी hotel में manager के पद पर job कर रहा है। बेटे को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए हेमा का साथ उत्तराखंड के छोटे से कस्बे ranikhet की ही chaynika shah bist ने दिया। चयनिका ने हेमा को handmade card बनाने की art सिखाई। इस art ने हेमा को न केवल कलाकार बनाया बल्कि उसकी financial एवं social दशा को भी सुधारा।

हेमा जैसी 50 और महिलाएं हैं जिनको hill craft india एनजीओ की फाउंडर चयनिका ने न केवल खुद के पैरों पर खड़े होने के काबिल बनाया है बल्कि उन्हें जीवन जीने का सही अंदाज भी सिखाया है।

Social work के लिए छोड़ी job

ranikhet की एक wealthy family से वास्ता रखने वाली चयनिका ने पंतनगर के जीबी पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी से एमएससी माइक्रो बायोलॉजी में डिग्री हासिल की है। पढाई पूरी होते ही चयनिका को नौकरी भी मिल गई. मगर अपने 12 साल के सफल career के बाद भी चयनिका को मन ही मन एक बात अखरती थी। वह बताती हैं, ‘रानीखेत में job के option कम हैं। इस वजह से अधिकतर पिरवार गरीबी से जूझ रहे हैं। यहां महिलाओं की स्थिती ज्याद खराब है। मैंने देखा कि किसी का पति नशा करके मारता है, तो कोई छोड़ कर भाग चुका है। ऐसे में महिलाओं के पास दर दर भटकने के अलावा कुछ नहीं बचता। यह सब देख कर मुझे लगता कि कुछ ऐसा करून जिससे इन महिलाओं की दशा सुधर जाए. मेरी तमन्ना थी की ऐसी महिलाओं को एक platform दूं जहां वह खुद के पैरों पर खड़ी हो सकें। ’

अपनी इस तमन्ना को पूरा करने के लिए chaynika ने न केवल अपनी job छोड़ी बल्कि science background का होने के बावजूद art एंड craft के गुण सीखे और फिर handmade card मेंकिंग का काम शुरू किया।

hill craft indiaImage Courtesy:hillcraftindia.com

इस video में देखें आखिर क्यों हर इंडिपेंडेंट महिला के लिए inspiration है साक्षी तंवर



कैसे मिला idea

चयनिका बताती हैं, ‘वर्ष 2003 में मैंने जॉब छोड़ दी थी और 1 वर्ष यह सोचने में लगा कि क्या करूं, जिसमें कम investment हो और महिलाओं के लिए उस काम को सीखना और करना भी आसान हो। मेरी norway की एक freind लूने जेकपसन, जो रानीखेत में ही रहती है, उसने मुझे handmade card बनाने का idea दिया। हालाकि यह भारत के लिए फ्लॉप आइडिया था मगर विदेशी मार्केट में आज भी हैंडमेड कार्ड्स का काफी क्रेज है. खासतौर पर यूरोप के देशों में हर अच्छे अवसर पर आज भी लोग एक दुसरे को हैंडमेड कार्ड्स ही देते हैं. लूने ने मुझे नार्वे में हैंडमेड कार्ड की अच्छी सेल के बारे में बताया, तो मुझे लगा इसे try करने में कोई बुराई नहीं है. मैंने इंटरनेट से हैंडमेंड कार्ड्स बनाने का तरीका सीखा और कुछ कार्ड्स तैयार किए.’ कार्ड्स का पहला ऑर्डर चयनिका को उनकी freind लूने ने ही दिलवाया और कुछ ऐसेकुछ लोगों से introduce भी कराया जो यूरोपियन कंट्रीज में कार्ड्स बेचने का काम करते थे.

hill craft india team

Image Courtesy:hillcraftindia.com

मिली success

मात्र 25 हजार रुपए और घर के आसपास रहने वाली 6 जरूरतमंद महिलाओं के साथ चयनिका ने घर से ही काम शुरू किया और पहले ही ऑर्डर में उन्हें success मिल गई। वह बताती हैं, ‘पहली बार तो इंडियन लुक और स्टाइल के कार्ड्स बना कर भेजे थे। मगर अब हम internet की मदद से europe के देशों में पसंद किए जाने वाले डिजाइन के कार्ड्स बनाते हैं। इन कार्ड्स में हम मिक्स मीडिया का इस्तेमाल करते हैं. किसी में pearl तो किसी में thread work करते हैं ’

13 साल के इस सफर में अब चयनिका के साथ 50 महिलाएं जुड़ चुकी हैं। पहले जहां चयनिका को केवल नार्वे से कार्ड के ऑर्डर मिलते थे वहीं अब Denmark और Switzerland में भी उनके बनाएं कार्ड पसंद किए जाने लगे हैं। वह बताती हैं, ‘हम महीने भर में 5000 कार्ड्स तैयार करते हैं और अब हमारा टर्नओवर 40 लाख का है। ’

महिलाओं को प्रमोटे करने का ख़ास तरीका

चयनिका कार्ड्स के साथ ही handmade jewelry और बैग्स का काम भी करती हैं. अपनी workshop में वे जिन महिलाओं से यह काम कराती हैं उन्हें ख़ास तरह का प्रमोशन भी देती हैं. इस बारे में चयनिका बताती हैं, ' ज्वेलरी और हैंडबैग जो महिला बनाती है मैं उसकी छोटी सी picture और नाम के साथ उस सामान को sale करती हूँ. ऐसा करने से society में उस महिला को एक पहचान मिलती है.'

hill craft india workshop

Image Courtesy:hillcraftindia.com

महिलाओं को vocational training भी देती हैं चयनिका

कार्ड्स के Business से मिलने वाले पैसों से चयनिका साथ काम करने वाली महिलाओं को salary तो देती ही हैं साथ ही उनके जीवन को बहतर बनाने के लिए कई कार्य करती हैं। वह बताती हैं, ‘यह महिलाएं पढ़ी लिखी नहीं हैं इसलिए महीने में एक बार रानीखेत से ही health expert और school teachers को बुलाया जाता है, जो अलग अलग विषय पर इन्हें क्लास देते हैं।’ इन महिलाओं का रेग्यूलर हेल्थ चेकअप भी चयनिका कराती हैं। इतना ही नहीं चयनिका ने इन सभी महिलाओं का life insurance भी करवाया है जिसका आधा प्रीमियम वे खुद भरती हैं । तकनीक से जोड़ने के लिए चयनिका ने इन महिलाओं को smart phones भी दिए हैं।

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