बिना किसी की हेल्‍प के अब ब्लाइंड स्टूडेंट्स भी कर सकते हैं पेंटिंग, कृपा शाह

कृपा ने कई बार अपनी खूबसूरत पेंटिंग्स के ज़रिये सोशल मेसेजेस दिए हैं और अब उन्होंने एक ऐसा जरिया सामने लाया है जिससे ब्लाइंड बच्चे बिना किसी की हेल्‍प के खुद पेंटिंग्स कर सकते हैं, आइये जानते हैं कैसे- 

  • Shikha Sharma
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2018-12-05, 12:27 IST
krupa shah card ()

कहते हैं कि अंधा तब तक अंधा नहीं होता, जब तक आप उसे इसका एहसास नहीं दिलाते। आंखें ना होने के बावजूद भी वे एक नार्मल लाइफ़ जी सकते हैं, थोड़ी बहुत परेशानियों से वे ज़रूर लड़ेंगे मगर यह सब उनके लिए इम्पॉसिबल नहीं होता... यह तो हम है जो उन्हें एहसास दिलाते हैं कि वो आंखों की रौशनी के बिना कुछ काम नहीं कर सकते। ऐसी ही एक सोच के साथ हमसे मिलीं कृपा शाह।

कृपा शाह मुंबई में पली बढीं एक जानी मानी आर्टिस्ट हैं जिनकी पेंटिंग्स Krupa Arts के नाम से मशहूर हैं । कृपा सोशल एक्टिविटीज़ में भी बहुत एक्टिव हैं। कृपा सिर्फ़ असहाय लोगों की मदद नहीं करतीं बल्कि, उन्हें ख़ुद के दम पर रास्तों पर चलना भी सिखाती हैं। कृपा ने कई बार अपनी खूबसूरत पेंटिंग्स के ज़रिये सोशल मैसेजेज़ दिए हैं और अब उन्होंने एक ऐसा ज़रिया सामने लाया है जिससे ब्लाइंड बच्चे बिना किसी की मदद के खुद पेंटिंग्स कर सकते हैं, आइये जानते हैं कैसे-

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फलों की खुशबू की मदद से रंगों की पहचान

कृपा ने हमसे ख़ास बातचीत में कहा कि आपने देखा होगा कि जो बच्चे देख नहीं सकते वो अच्छी पेंटिंग्स बनाते हैं लेकिन, यह पेंटिंग बनाने में उनकी मदद करते हैं उनके केयर टेकर्स मगर, अब ऐसा पॉसिबल है कि ये स्पेशल बच्चे बिना किसी की मदद के खुद पेंटिंग कर सकते हैं। मैंने खुद यह सब कुछ ब्लाइंड बच्चों को सिखाया है। फलों की खुशबू की मदद से मैंने उन्हें रंग समझाए। जैसे, आम की खुशबू मतलब येलो कलर जो सूरज का होता है। स्ट्रॉबरी की खुशबू मतलब लाल कलर जिससे आप फूल बना सकते हैं। संतरे की खुशबू मतलब ओरेंज कलर, चॉकलेट की खुशबू से ब्राउन कलर, वनिला की खुशबू मतलब व्हाइट कलर। ब्रश को हाथ में लेने से लेकर यह सब कुछ सिखाने में मुझे तकरीबन एक महीना लगा मगर, ये बच्चे बहुत टैलेंटेड हैं और मुझे ख़ुशी है कि उन्होंने यह कर दिखाया।

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ब्लाइंड बच्चों को समझाना ज़रूरी है कि वो कमज़ोर नहीं हैं

कृपा ने आगे कहा कि मैं खुद एक आर्टिस्ट हूं और जानती हूं कि आर्ट आपको कितना ख़ुश करता है। जब मैंने पहली बार इन बच्चों को पेंटिंग करते हुए देखा तो मैं दंग रह गई कि ये लोग इतनी सुन्दर पेंटिंग्स कर सकते हैं। फिर मैंने सोचा कि केयर टेकर की मदद से बनीं पेंटिंग से ये लोग इतने खु़ुश होते हैं तो क्यों ना ऐसा कुछ हो कि ये खुद पेंटिंग कर सके। तब मेरे ज़हन में ये ख़याल आया कि खुशबुओं के ज़रिये इन्हें कलर्स से मिलवाती हूँ।



बता दें कि कृपा सिर्फ़ पेंटर नहीं बल्कि ज्वेलरी आर्टिस्ट भी हैं और अपने काम की वजह से उन्हें कई अवार्ड्स भी मिले हैं जिसमें Best Artist Award by Global Business Information; Iconic leader भी शामिल है।

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