herzindagi
Muthulakshmi reddi google doodle main ()

मुथुलक्ष्मी रेड्डी के नाम पर गूगल ने बनाया अपना डूडल, उनके बारे में जानिए

गूगल ने जिस नाम से आपना डूडल बनाया है क्या आप उनके बारे में जानते हैं। अगर नहीं, तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें
Editorial
Updated:- 2019-07-30, 19:25 IST

भारत में ऐसी कई महिलाएं हैं और रही हैं, जिनके नाम पर गूगल ने आपना डूडल बनाया है। चाहे वह सरोजनी नायडू हो, एंनी बसेंट हो या सुनिता विलियम्स। गूगल ने हमेशा सभी की याद में अपना डूडल बनाया है। इस बार गूगल ने अपना डूडल मुथुलक्ष्मी रेड्डी के नाम पर बनाया है। उनकी 133वीं जयंती के मौके पर गूगल ने यह किया है। आप शायद ही मुथुलक्ष्मी रेड्डी को जानते होंगे। अगर नहीं तो चलिए आज हम गूगल के डूडल यानि डॉक्टर मुथुलक्ष्मी रेड्डी के बारे में और करीब से जानते हैं।

इसे भी पढ़े: भारतीय मूल की कमला बन सकती हैं अगली अमेरिकी प्रेसिडेंट, ट्रंप को दे रही हैं कड़ी टक्क

Muthulakshmi reddi google doodle inside  () 

डॉक्टर मुथुलक्ष्मी रेड्डी

30 जुलाई को डॉक्टर मुथुलक्ष्मी रेड्डी की जयंती होती है। कहा जाता है कि मुथुलक्ष्मी रेड्डी भारत की पहली शिक्षाविद, विधायक, सर्जन और समाज सुधारक है। साथ ही भारत की पहली महिला विधायक भी है। मुथुलक्ष्मी रेड्डी समाज को बेहतर बनाने के लिए हमेशा अग्रसर रही थी। उन्होंने शिक्षा, समाज सुधारक, सर्जन, के साथ-साथ कई क्षेत्र में भारत को अग्रणी बनाने के लिए काम किया है। 

 

 Muthulakshmi reddi google doodle inside  ()

डॉक्टर मुथुलक्ष्मी रेड्डी का जन्‍म कब और कहां हुआ  

मुथुलक्ष्मी रेड्डी का जन्म 1886 में तमिलनाडू (तब मद्रास) में हुआ था। हलांकि उस समय भारत पर अंग्रेज़ सरकार का राज था। तब डॉक्टर रेड्डी सरकारी अस्पताल में सर्जन के तौर पर काम करने वाली पहली महिला बनीं थी। इसके साथ ही वो पहली महिला विधायक भी बनीं। अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुथुलक्ष्मी ने तमिलनाडू के महाराजा कॉलेज में पढ़ाई की। हलांकि उस समय वह कॉलेज सिर्फ़ लड़कों के लिए ही था। बाद में वो मद्रास मेडिकल कॉलेज चली गई। 

 Muthulakshmi reddi google doodle main ()

डॉक्टर बनने के लिए कैसे प्रेरित हुई

कहां जाता है कि डॉक्‍टर रेड्डी की बहन की मृत्यु कैंसर की वजह से हो गई थी। इसी वजह से उन्होंने डॉक्टर बनने का रास्ता चुना। इसके बाद उन्होंने साल 1954 में चेन्नई में एक कैंसर इंस्टिट्यूट की भी शुरुआत की। जो अभी दुनिया के सबसे बड़े कैंसर अस्पतालों में से एक माना जाता है। 

इसे भी पढ़े: सिंघम नहीं मेरिन जोसफ हैं असली हीरो, सऊदी से पकड़ लाईं बच्ची के रेपिस्ट को

 Muthulakshmi reddi google doodle inside

लिंगानुपात के लिए काम  

मुथुलक्ष्मी रेड्डी ने हेल्थ के क्षेत्र में काम करने के साथ-साथ लिंगानुपात को बराबर करने और लड़कियों के जीवन को सुधारने के लिए काफी काम किया है। हमेशा समाज के असमानता को दूर करने के लिए लड़ाई लड़ी है। उस वक्त मुथुलक्ष्मी रेड्डी ने अपने परिवार का चिंता किए बिना समाज के लिए आगे रहती थी। यहीं वजह है कि मुथुलक्ष्मी रेड्डी को पूरे भारत में इतना सम्मान किया जाता है। वो बच्चियों के साथ होने वाले उत्पीड़न के खिलाफ भी खड़ी रहती थी।  

 

 Muthulakshmi reddi google doodle inside  ()

पुरस्कार और निधन 

वर्ष 1956 में डॉक्टर रेड्डी को उनकी सेवा और काम के लिए भारत सरकार ने पद्मभूषण से नवाज़ा गया था। 22 जुलाई 1968 में 81 वर्ष की आयु में डॉक्टर रेड्डी का निधन हो गया। तब से लेकर आज तक 30 जुलाई (यानि जन्म 30 जुलाई) को उनके याद में गूगल आपना डूडल बनाता है। तमिलनाडु सरकार ने भी घोषणा की है कि वह हर साल 30 जुलाई को डॉक्टर मुथुलक्ष्मी रेड्डी के याद में 'हॉस्पिटल डे' के तौर पर मनाएगा।

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।