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जानें देश की पहली महिला कॉम्बैट एविएटर अभिलाषा बराक के बारे में

हमारे देश को पहली बार आर्मी एविएशन कॉर्प्स के तौर पर महिला अधिकारी मिली है। जानें इतिहास रचने वाली महिला कॉम्बैट की इंस्पायरिंग स्टोरी। 
Editorial
Updated:- 2022-06-21, 13:27 IST

बीते सालों में आर्मी क्षेत्र में महिलाओं ने अपना दबदबा बनाया है। जहां पहले डिफेंस मामलों में महिलाओं की भूमिका बेहद कम थी, वहीं अब महिलाएं रक्षा मामलों में भी अहम भूमिका निभाती नजर आ रही हैं। इसी कड़ी में 25 मई को इतिहास रचा गया। भारतीय सेना को अपनी पहली महिला कॉम्बैट एविएटर मिली है। भारतीय सेना के मुताबिक अभिलाषा ने नासिक में सेना के कॉम्बैट एविएशन ट्रेनिंग स्कूल में अपनी ट्रेनिंग पूरी की है। यह पूरे देश के लिए गर्व का विषय है कि अभिलाषा कई महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी हैं।

कौन हैं कॉम्बैट एविएटर अभिलाषा बराक?

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अभिलाषा बराक हरियाणा की रहने वाली हैं। जिनकी उम्र 26 साल है। अभिलाषा हमेशा से ही पायलट बनना चाहती थीं। बचपन से आर्मी परिवेश में पले-बड़े होने के कारण, उनका फौज की तरफ जाना तय था। बता दें कि अभिलाषा के पिता कर्नल एस ओम सिंह हैं, जो कि साल 2011 में रिटायर हुए हैं।

भाई की परेड देखकर आर्मी में जाने का बनाया मन-

साल 2013 में अभिलाषा भारतीय सैन्य अकादमी में भाई की पासिंग आउट परेड देखने गई थीं। परेड देखकर ही अभिलाषा ने आर्मी में जाने का फैसला किया। साल 2016 में उन्होंने दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई की। पढ़ाई पूरी करने के बाद अभिलाषा नौकरी करने के लिए अमेरिका चली गईं।

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आर्मी के लिए छोड़ी नौकरी-

Combat Aviator

अभिलाषा डेलॉइट में बतौर इंजीनियर काम करती थीं। लेकिन आर्मी में भर्ती होने के लिए वो भारत वापिस आ गईं। जिसके बाद वो सितंबर 2018 में आर्मी एयर डिफेंस कोर में शामिल हो गईं। अभिलाषा ने 6 महीने का कोर्स पूरा किया। आने वाले दिनों में अभिलाषा एविएशन कोर के टेक्निकल इम्पोर्टेंस में फोर्स मल्टीप्लायर के तौर पर आर्मी की मदद करेंगी।

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सिर्फ ग्राउंड ड्यूटी का हिस्सा रहा करती थीं महिलाएं-

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भारतीय सेना में महिलाएं लंबे समय से हेलीकॉप्टर उड़ा रही हैं। लेकिन 2021 में आर्मी एविएशन कोर्स शुरू होने के कारण महिला पायलटों के लिए अन्य मौके भी खुल चुके हैं। इसके पहले लंबे समय तक भारतीय महिलाएं केवल ग्राउंड ड्यूटी का हिस्सा रहा करती थीं। हालांकि समय में आय बदलाव के साथ महिलाएं अब मुख्य भूमिकाओं में नजर आ रही हैं।

अभिलाषा ऐसे समय में सेना की पहली महिला लड़ाकू एविएटर बनीं हैं। जब नेशनल डिफेंस के एकेडमी जून 2022 में महिला कैडेटों का पहला बैच शुरू करने के लिए तैयार हुआ है। साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश में महिलाओं के लिए अकादमी के दरवाजे खोले। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को सेना में स्थायी कमीशन का पात्र माना। इसी के साथ अभिलाषा बराक ने पहली महिला कॉम्बैट एविएटर बनकर देश का नाम रोशन किया है।

ये थी अभिलाषा की कहानी जो कई महिलाओं को प्रेरित करेगी। आपको हमारा यह आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें। साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।

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