एक कहावत है कि दुनिया उन्हीं को अहमियत देती है जो वास्तव में कुछ कर गुजरने की चाह रखते हैं। कुछ ऐसा ही उदाहरण प्रस्तुत किया है भारतीय-अमेरिकी मूल की गीतांजलि राव ने। 15 साल की गीतांजलि राव, एक वैज्ञानिक और आविष्कारक हैं और अमेरिका की टाइम मैगज़ीन ने उनकी विज्ञान से जुड़ी हुई कई उपलब्धियों की वजह से उन्हें " kid of the year "के खिताब से नवाज़ा है। आइए जानें गीतांजलि से जुड़ी कुछ ख़ास बातों के बारे में।
गीतांजलि बचपन से ही अपने लक्ष्य को लेकर बहुत ही दृढ थीं। उन्होंने एक मीडिया कंपनी को इंटरव्यू देते हुए बताया कि एक वैज्ञानिक और आविष्कारक के रूप में अपनी यात्रा की शुरुआत करते हुए उनका लक्ष्य किसी को खुश करना था। उनका ये लक्ष्य बहुत जल्दी ही उनका उद्देश्य बन गया था। जब वो दूसरी या तीसरी कक्षा में थी तभी से वो सोचती थीं कि वो सामजिक परिवर्तन लाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग कैसे कर सकती हैं।
टाइम मैगजीन के कवर पेज पर गीतांजलि राव एक सफेद लैब कोट में गले में मैडल लटकाए हुएदिख रही हैं। गीतांजलि राव को 4 दिसंबर की टाइम मैगजीन के कवर पर दिखाया गया था। गीतांजलि को प्रौद्योगिकी के उपयोग से सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए चुना गया है। टाइम्स मैगज़ीन ने गीतांजलि को"किड ऑफ़ द ईयर" टाइटल से नवाज़ा है। टाइम मैगज़ीन ने पहली बार किड ऑफ द ईयर के लिए नॉमिनेशन मंगाए थे जिसके लिए 5 हजार नॉमिनीज को चुना गया था, जिनमें से गीतांजलि ने पहला स्थान हासिल किया है।
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काइंडली एक ऐप और क्रोम एक्सटेंशन है जो साइबर इंटेलिजेंस का पता लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करता है। यह एप लोगों को साइबर बुलिंग से बचाता है। गीतंजलि ने ग्रामीण स्कूलों, एसटीईएम संगठनों की महिलाओं, दुनिया भर के संग्रहालयों और शंघाई अंतर्राष्ट्रीय युवा विज्ञान और प्रौद्योगिकी समूह और रॉयल अकादमी जैसे बड़े संगठनों को इस एप के जरिये सहयोग दिया।
गीतांजलि अपनी उपलब्धि के बारे में बताते हुए कहती हैं कि उन्हें अपने ऊपर पूरा भरोसा है और वो ऐसा मानती हैं कि कोई काम यदि कोई और कर सकता है तो वो भी जरूर कर सकती हैं। इसी सोच की वजह से गीतांजलि को आज किड ऑफ़ द ईयर का खिताब मिला है।
गीतांजलि ने सिर्फ 15 साल की उम्र में एक ऐसा सेंसर बनाया है, जिससे पानी में लेड की मात्रा का आसानी से पता लगाया जा सकता है। उन्होंने अपने इस आविष्कार में बहुत सस्ते डिवाइस का इस्तेमाल किया है। गीतांजलि ने मोबाइल की तरह दिखने वाले डिवाइस का नाम 'टेथिस' रखा है। इस डिवाइस को पानी में सिर्फ कुछ सेकेंड तक डालने के बाद ये बता देता है कि पानी में लेड की मात्रा कितनी है।
गीताजंलि राव एक साइंटिस्ट और इनोवेटर हैं और उन्होंने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर साइबरबुलिंग से लोगों को निकालने में सफलता हासिल की है। गीतांजलि का नया इनोवेशन एक काइंडली ऐप और एक क्रोम एक्सटेंशन है- जो साइबरबुलिंग का पता लगाने के लिए मशीन लर्निंग तकनीक का इस्तेमाल करता है।
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गीतांजलि ने हाल ही में अमेरिका का टॉप यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड भी अपने नाम किया था। उनकी ये सभी उपलब्धियां उन्हें एक युवा साइंटिस्ट होने के साथ बेहद प्रतिभावान और दूसरे बच्चों से अलग बनाती हैं।
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