Lucy Wills Birthday: भारतीय प्रेग्नेंट महिलाओं को देखकर एनीमिया से बचाव की बनाई थी दवा, ये Google Doodle देखिए

भारतीय प्रेग्नेंट महिलाओं की हेल्थ कंडिशन देखकर ब्रिटिश मूल की हेमेटोलॉजिस्ट लूसी विल्स ने बनाई थी एनीमिया से बचाव की दवा। लूसी विल्स के 131वें जन्मदिन पर गूगल ने बनाया उनका डूडल।

lucy wills google doodle main

दुनिया में ऐसी कई प्रेरक महिलाएं हुई हैं, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और सेवाभाव से महिलाओं की जिंदगी को बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाया। ऐसी ही महिलाओं में शुमार की जाती हैं लूसी विल्स, जिनके दुनिया को महानतम योगदान के लिए गूगल ने आज उनका डूडल बनाया है। लूसी विल्स का आज 131वां बर्थडे है। उन्हें आज का दिन डेडिकेट करते हुए गूगल डूडल को कलरफुल लुक दिया गया है। गूगल ने डूडल में लूसी विल्स को लैबॉरिटी में दवा बनाते हुए दिखाया है और उनके सामने टेबल पर माइक्रोस्कोप के साथ ब्रेड और चाय रखे हैं।

वुमन इंस्पिरेशन बनीं लूसी विल्स ने बताई फोलिक एसिड की अहमियत

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लूसी विल्स मूल रूप से इंग्लैंड की रहने वाली थीं। 10 मई 1888 को वह पैदा हुई थीं। लूसी ने प्रेग्नेंट महिलाओं को डिलीवरी से पूर्व एनीमिया से बचाने के लिए उपाय खोजा था। गर्भवती महिलाओं के लिए फोलिक एसिड कितना अहम है, यह बात लूसी विल्स ने अपनी रिसर्च के जरिए साबित की थी। आज के समय में दुनियाभर के डॉक्टर फोलिक एसिड प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं।

लूसी विल्स ने बोर्डिंग स्कूल से की थी पढ़ाई

लूसी विल्स ने अपनी पढ़ाई गर्ल्स स्कूल से पूरी की थी। यह अपने समय का पहला बोर्डिंग स्कूल था, जहां महिला स्टूडेंट्स को साइंस और मैथ्स पढ़ाया जाता था। 1911 में उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से बॉटनी और जूलॉजी जैसे विषयों में डिग्री हासिल की थी।

भारतीय महिलाओं की हेल्थ कंडिशन देखकर एनीमिया से बचाव के लिए बनाई थी दवा

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Image Courtesy: Pxhere

दिलचस्प बात ये है कि लूसी विल्स भारत के दौरे पर आई थीं और उस दौरान वह प्रेग्नेंट महिलाओं पर रिसर्च कर रही थीं। अपनी स्टडीज पूरी करने के बाद लूसी भारत के दौरे पर आई थीं। इस दौरान लूसी मुंबई की टेक्सटाइल इंडस्ट्री में गई थीं। वहां जब उन्होंने प्रेग्नेंट महिलाओं की जांच की तो पाया कि वे गंभीर अनीमिया की शिकार हो रही थीं और इसकी वजह थी पौष्टिक आहार नहीं मिल पाना। भारतीय महिलाओं की हेल्थ कंडिशन देखकर लूसी इतना प्रभावित हुईं कि उन्होंने इस बीमारी से महिलाओं के बचाव के लिए रिसर्च शुरू कर दी। लूसी ने दो दवा विकसित की, उसका सबसे पहला एक्सपेरीमेंट चूहों और बंदरों पर किया गया। अनीमिया रोकने के लिए उन्होंने खाने में खमीर का एक्सपेरिमेंट किया गया। खमीर के एक्सट्रैक्ट को बाद में फॉलिक एसिड के नाम से जाना गया।

फोलिक एसिड प्रेग्नेंसी में बेहद महत्वपूर्ण

विल्स के महिलाओं के लिए इस अहम दवा को खोज लेने के कंट्रीब्यूशन को स्वीकार करते हुए उनके एक्सपेरीमेंट को विल्स फैक्टर का नाम दिया गया। आज उनकी बनाई यह दवा कई बीमारियों में इलाज के लिए काम में लाई जाती है। फोलिक एसिड आज के समय में गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान गायनेकोलॉजिस्ट प्रेग्नेंट महिलाओं को फोलिक एसिड की दवाएं लेने की सलाह देते हैं।

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गूगल ने डूडल बनाकर लूसी विल्स को किया सलाम

गौरतलब है कि हर साल प्रेग्नेंट महिलाएं बड़ी तादाद में एनीमिया की शिकार हो जाती हैं। प्रेग्नेंसी में शरीर में होने वाले बदलाव और गर्भ में पल रहे शिशु के विकास होने की स्थिति में महिलाओं में फोलिक एसिड यानी कि आयरन की कमी हो जाती है। आज के समय में ज्यादातर महिलाएं इस बारे में जागरूक हैं, जिसका योगदान लूसी विल्स को जाता है। आज गूगल कलरफुल डूडल के जरिए लूसी विल्स का 131वें बर्थडे मनाया जा रहा है और उनके महिलाओं के लिए इस बड़े योगदान को याद किया जा रहा है।

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