जानें भारत की इन प्रसिद्ध महिला मैथमेटिशियन के बारे में

जो व्यक्ति ये कहता है महिलाओं को मैथ्स नहीं आती या महिलाएं मैथ्स में कमजोर हैं उन्हें भारत की इन महिलाओं के बारे में जरूर बताएं।

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गणित एक ऐसा विषय जिसके लिए भारत देश सदियों से जाना जाता है। गणित के इतिहास में भारत जीरो के जनक के नाम से जाना जाता है, वहीं इस देश ने कई महान गणितज्ञों को जन्म दिया है, जो भारत ही नहीं दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। यहां के लोगों के लिए मैथ्स इमोशन की तरह है। जिसे यह विषय पसंद आ गया वो फिर इसके पीछे पूरी तरह से समर्पित हो जाता है, वहीं अगर कोई इस विषय से डर गया तो शायद ही इस विषय का डर उसके जीवन से आसानी से जा सके।

आप में से कई लोग ऐसे होंगे जिन्हें मैथ्स से डर लगता होगा। यही वजह है कि भारत के पुरुषों की धारणा में महिलाएं मैथ्स में कमजोर होती हैं, अक्सर आपने भी इस बात को सुना होगा। पर अगर आपसे दोबारा कोई ऐसा कहे कि महिलाएं मैथ्स में कमजोर होती हैं, तो उस व्यक्ति को इन महिला मैथमैटिशंस के बारे में जरूर बताएं। तो आइए जानते हैं भारत की प्रसिद्ध महिला गणितज्ञों के बारे में:

शकुंतला देवी-

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साल 2021 में मैथमेटिशियन शकुंतला देवी के जीवन पर आधारित एक फिल्म आई थी, जिसमें एक्ट्रेस विद्या बालन ने शकुंतला देवी का किरदार निभाया था। बता दें कि शकुंतला देवी एक प्रसिद्ध मैथमेटिशियन थीं, जो बड़ी आसानी से मेंटल कैलक्यूलेशन करती थीं। उन्हें मैथ की दुनिया में ह्यूमन कंप्यूटर की नाम से जाना जाता था। शकुंतला देवी का जन्म साल 1929 में बैंगलोर में हुआ, बचपन से ही शकुंतला कैलक्यूलेशन करने में माहिर थीं। जिस कारण वो मैथ कैलक्यूलेशन से जुड़े सवाल का जवाब देकर पैसे कमाया करती थीं।

कुछ सालों तक देश में रहने के बाद शकुंतला लंदन चली गईं, जहां पर उन्होंने विदेशियों को भी अपने मैथ्स से दीवाना बना दिया। साल 1982 में शकुंतला देवी कैलक्यूलेशन से जुड़ा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया।

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रमन परिमल-

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मैथमेटिशन रमन परिमल को अलजेब्रा में उनके कॉन्ट्रीब्यूशन के लिए जाना जाता है। रमन का जन्म 1948 में तमिलनाडु में हुआ। रमन प्रोफेसर के तौर पर भारत की कई प्रसिद्ध यूनिवर्सिटीज में पढ़ा चुकी हैं और आज भी मैथ्स से जुड़ा काम कर रही हैं। बतां दे कि रमन को मैथ्स से जुड़े कई बड़े पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। साल 1987 में रमन को भारत का शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार भी दिया गया।

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डॉ.मंगला नरलिकर-

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अपने बचपन और कॉलेज के दिनों में डॉक्टर मंगला ने कई बार सुना था कि लड़कियां गणित में अच्छी नहीं होतीं, मगर सालों बाद उन्होंने इस बात को गलत साबित किया। डॉक्टर मंगला ने अपनी बीए और एम ए की पढ़ाई गणित विषय से ही की। एम ए के बाद मंगला कैंब्रिज चलीं गईं और वहां से उन्होंने अपनी गणित की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई पूरी करने के बाद मंगला ने भारत के कई कॉलेजों में प्रोफेसर के पद पर पढ़ाया, साथ की मंगला ने झुग्गी झोपड़ी वाले इलाकों में जागर वहां की लड़कियों को मैथ्स पढ़ाई। मंगला ने मैथ्स से जुड़ी कई किताबें भी लिखी, वहीं कुछ सालों के लिए मंगला को बालभारती संस्था का चेयरमैन भी बनाया गया।

डॉ.नीना गुप्ता-

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गणितज्ञ नीना गुप्ता इस समय कोलकाता विश्वविद्यालय में स्टैटिक मैथमैटिक्स पढ़ाती हैं। नीना गुप्ता ने अलजेब्रिक ज्योमेट्री और कम्यूटिव अल्जेब्रा में अपना योगदान दिया है। साल 2021 में नीना गुप्ता को रामानुजन पुरस्कार से नावाजा गया। नीना इस पुरस्कार को पाने वाली चौथी भारतीय हैं। इस पुरस्कार को पाने के बाद से ही नीना गुप्ता सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहीं हैं। बता दें की नीना पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैं और उन्होंने यहीं से अपनी शुरुआती शिक्षा पूरी की, इसके बाद नीना ने आई एस आई से गणित में मास्टर और पीएचडी भी पूरी की।

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तो ये थी कुछ महिला मैथमैटिशियव जिनके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए ताकि आप ऐसा सोचने वालों को जवाब दे सके कि भारत में मैथ्स की फील्ड में कितनी महिलाएं काम कर करी है। आपको हमारा आज आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।

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