महिलाओं को गाड़ी चलाते देख अक्सर सड़क पर चलते लोग ये कहते सुनाई देते हैं कि लड़कियां अच्छी ड्राइवर नहीं होती। ये भ्रम तोड़ने के लिए वैसे तो कई महिलाएं सामने आ जाएंगी, लेकिन अभी बात हो रही है बेंगलुरु में रहने वाली ऐश्वर्या पिस्से की जिन्होंने देश में ही नहीं बल्कि दुनिया में ये साबित कर दिया कि वो किसी से कम नहीं। 23 साल की ऐश्वर्या पहली भारतीय बनी हैं जिन्होंने FIM World Cup जीता है।
जी हां, पहली भारतीय यानी उनसे पहले किसी पुरुष ने भी ये खिताब नहीं जीता। ये चैम्पियनशिप हंगरी के Varpalota शहर में हुई थी। ये इंटरनेशनल मोटरसाइकलिंग फेडरेशन द्वारा आयोजित की गई थी। 2017 में ऐश्वर्या ने एक वीडियो इंटरव्यू में कहा था कि 12वीं क्लास में फेल होने के बाद और घर से बाहर निकाल दिए जाने के बाद उनका ध्यान मोटरसाइकल की तरफ गया। ऐश्वर्या को घर वालों के विरोध के साथ-साथ इस स्पोर्ट में पुरुषों के खिलाफ मुकाबला करना था। महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है और उन सभी को पीछे छोड़ते हुए ऐश्वर्या आगे बढ़ीं।
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कैसे जीती ये चैम्पियनशिप-
देश को रिप्रेजेंट करते हुए FIM Bajas World Championship के चौथे स्थान से वो एकदम पहले स्थान पर आ गईं। ये मुकाबला एकदम बराबरी का रहा जहां वो 4 प्वाइंट से जीती हैं। इस टूर्नामेंट का पहला राउंड दुबई में हुआ था।
कैसे शुरू की मोटरसाइकलिंग-
ऐश्वर्या को शुरू से ही बाइक की सवारी पसंद थी क्योंकि उनके पिता जी उन्हें रोड ट्रिप पर ले जाते थे। लेकिन बाइकिंग में करियर बनाने के बारे में उन्हें 12वीं के बाद ही सूझा। पहली बार रेसिंग का ख्याल उनके दिमाग में तब आया जब उन्होंने अपनी दोस्त को ट्रैफिक से लड़ते हुए उनकी मंजिल तक छोड़कर आई थीं।
उनकी पहली रेस थी जब रिएलिटी टेलिवीजन शो में उन्हों जाना था और हज़ारों किलोमीटर का सफर करना था। ऐश्वर्या के माता-पिता शुरुआत में इसके लिए नहीं माने थे, लेकिन जैसे-जैसे वो रेस जीतती गईं वैसे ही उन्होंने अपना मन बना लिया।
मुश्किलें और एक्सिडेंट-
जिस तरह हर मुश्किल का हल निकालने के लिए लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है वैसे ही ऐश्वर्या के साथ भी हुआ। महिलाओं के करियर को लेकर वैसे ही तमाम मुश्किलें सामने आती हैं। ऐश्वर्या ने पहले पांच नैशनल लेवल की रेस जीतीं और उसके बाद अंतरराष्ट्रीय मंच पर जाने का मौका मिला। 2017 में उनका एक एक्सिडेंट हो गया और उनकी कॉलर बोन में चोट लग गई। डॉक्टरों को एक स्टील प्लेट और 7 स्क्रू उनकी कॉलरबोन में लगाने पड़े। पिछले साल भी एक रेस को जीतने से पहले उनके पैन्क्रिया में समस्या हो गई थी। इसलिए उनकी इस साल की जीत सबसे खास है क्योंकि उन्होंने इतनी कठिनाइयों के बाद खुद को इस स्तर पर लाकर खड़ा किया।
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कई बार ऐश्वर्या को ऐसी अंदरूनी चोट लगी है जो उनके करियर को नुकसान पहुंचा सकती थीं, लेकिन ये 23 साल की लड़की सबसे आगे निकल गई। यही तो होता है जज्बा जो किसी को भी आगे बढ़ने की हिम्मत देता है। ऐश्वर्या को 6 महीने तक बाइक से दूर रहना था। एक स्पोर्ट्स बाइकर के लिए 6 महीने बाइक से दूर रहना करियर में बड़ा खतरा साबित हो सकता है, लेकिन ऐश्वर्या ने इस मुश्किल को भी पार कर लिया।
ऐश्वर्या जैसी न जाने कितनी महिलाएं है जो अपनी जिंदगी में कठिनाइयों का सामना करके आगे बढ़ती हैं। महिलाओं की आज़ादी और उनका जज्बा बेहद खास होता है। हर लड़की कुछ खास कर सकती है अगर उसे मौका मिले तो। बस यही सीख ऐश्वर्या की बात से देखने मिलती है।
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