कई लोगों को लगता है कि 40 साल की उम्र में वो अपनी जिंदगी में काफी कुछ जी चुके होते हैं। उम्र के आधे पड़ाव में आकर उन्हें लगता है कि इसके आगे कुछ नया और एक्साइटिंग नहीं रह जाएगा, लेकिन क्या वाकई ऐसा होता है? इस सोच को भावना टोकेकर बदल सकती हैं। भावना इसलिए बदल सकती हैं क्योंकि उनकी जिंदगी 40 की उम्र में ही शुरू हुई है और पुने की इस महिला ने पूरी दुनिया में अपना नाम करने की ठान ली है। दो टीनएजर्स की मां और 47 साल की भावना पिछले 6 सालों से पावरलिफ्टिंग की ट्रेनिंग ले रही हैं।
भावना अब भारत के लिए रशिया से 4 स्वर्ण पदक जीतकर आई हैं। जिम ट्रेनिंग शुरू करने का उनका कारण भी काफी रोचक रहा। पर जिंदगी के इस पड़ाव पर जब लोग थक जाते हैं भावना थकी नहीं और खुद को ऐसा बना लिया कि कई लोग उनसे प्रेरणा ले सकते हैं।
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क्यों की थी जिम में ट्रेनिंग की शुरुआत?
भावना ने ट्रेनिंग शुरू की थी क्योंकि उन्हें स्किन इन्फेक्शन की दवा से रिएक्शन हो रहा था। उन्हें एक एक्टिव लाइफस्टाइल बनानी थी। 6 सालों से कड़ी मेहनत के बाद अब Open Asian Powerlifting Championships में रशिया में उन्होंने 4 गोल्ड मेडल जीते।
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भावना के लिए प्रेरणा घर से ही शुरू होती है। भावना के पति भारतीय एयर फोर्स फाइटर पायलट हैं। भावना ने वेट ट्रेनिंग तब शुरू की जब उन्हें भारतीय एयर फोर्स की बॉडीबिल्डिंग टीम ने इसके बारे में बताया। वेट ट्रेनिंग से ताकत बढ़ती है। वेट ट्रेनिंग, स्ट्रेंथ स्पोर्ट्स, बॉडी बिल्डिंग आदि को लेकर बहुत सी बातें कही जाती हैं। लोगों के मुताबिक ये कम उम्र में शुरू करने वाले स्पोर्ट्स हैं, महिलाओं को तो इसमें बहुत ध्यान रखना चाहिए। और भी पता नहीं क्या-क्या, लेकिन भावना ने सिर्फ इस बात का ध्यान रखा कि वो सही इंसान से ट्रेनिंग लें और किसी भी हाल में खुद को तकलीफ न पहुंचा बैठें।
भावना जो इसके पहले हाउस वाइफ रही हैं उन्होंने इसको लेकर रिसर्च करनी शुरू की, वो घर में काम के बाद पूरा समय इसी काम को समर्पित करती थीं। भावना ने यूट्यूब वीडियो देखे, वेबसाइट सर्च की, ट्रेनर ढूंढे और पिछले 6 सालों से वो हर दिन बिना ब्रेक के IAF की बॉडी बिल्डिंग टीम की निगरानी में बॉडी बिल्डिंग की ट्रेनिंग कर रही हैं।
धीरे-धीरे भावना ने अलग-अलग कॉम्पटीशन में हिस्सा लेना शुरू किया। उन्हें ये भी नहीं पता था कि वो किसी कॉम्पटीशन में अब हिस्सा ले सकती हैं या नहीं। वो खुद को लेकर संशय में थीं कि वो इस तरह के कॉम्पटीशन में आ पाएंगी या नहीं। पर खुद पर भरोसा किया और एक के बाद एक अपने सामने आई समस्याओं से आगे बढ़ती चली गईं। जिस कॉम्पटीशन में भावना ने 4 गोल्ड जीते हैं उसके बारे में उन्हें पता भी इंस्टाग्राम के जरिए चला था।
इंस्टाग्राम की मदद से ही उन्हें वर्ल्ड पावरलिफ्टिंग कांग्रेस (WPC) कर्नाटक और आंद्रप्रदेश के हेड मोहम्मद अज़मत के बारे में पता चला था और भावना ने उन्हें मैसेज किया था जिसके बाद उनकी पावरलिफ्टिंग की ट्रेनिंग शुरू हुई। भावना ने वेट लिफ्टिंग तो की थी, लेकिन पावरलिफ्टिंग उससे काफी अलग होती है।
भावना ने इसी साल मई में ट्रायल दिए और 45-50 के एज ग्रुप के लिए वो सिलेक्ट हो गईं। उन्हें इसके बाद भी कड़ी ट्रेनिंग लेनी थी क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तकनीक अलग होती है, लेकिन भावना ने हार नहीं मानी। वो अंतरराष्ट्रीय नियमों के हिसाब से ही काम करती रहीं और अब देखिए आखिर वो जीत ही गईं।
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पति का साथ जो बना प्रेरणा-
भावना के पति कैप्टन एस टोकेकर उनके साथ ही ट्रेनिंग लेते हैं और भावना के साथ दो मैराथॉन में भी दौड़ चुके हैं। भावना कहती हैं कि उनका परिवार ही उनके लिए सबसे बड़ी ताकत है। और परिवार ही उनकी सफलता का राज है। उनका सपोर्ट हमाशा मिलता रहा है। वो ये सोचती हैं कि हमारे देश में इसी तरह से स्ट्रेंथ स्पोर्ट्स के लिए और जागरुकता हो। जिस कॉम्पटीशन को भावना ने जीता है वहां 500 प्लेयर्स थे और 14 भारतीय भी थे।
भावना की कहानी प्रेरणादायक है कि उम्र के किसी भी पड़ाव में आप अपनी जिंदगी में कुछ भी पा सकते हैं, बस उसके लिए मेहनत करनी होगी।
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