12 साल की छोटी सी उम्र में आरना वधावन बनीं Hover Robotix की नई ब्राण्ड एम्बेस्डर, जानें उनसे जुड़ी बातें

कुछ कर गुजरने की चाह हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है। इस बात का उदाहरण है 12 साल की आरना वधावन। जानें कौन है ये बच्ची और उससे जुड़ी कुछ बातें। 

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" कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों"। इस पंक्ति को साकार करते हुए एक 12 वर्ष की छोटी बच्ची, आरना वधावन ने इतनी कम उम्र में एक इंटरनेशनल ब्राण्ड Hover Robotix की ब्राण्ड एम्बेस्डर बनकर हम सभी के बीच एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।

जिस उम्र में बच्चे खिलौनों से खेलते हैं और टीवी की दुनिया के इर्द गिर्द घूमते हुए नज़र आते हैं। उस उम्र में आरना सिर्फ अपने हुनर और टैलेंट के बलबूते Hover Robotix की ब्राण्ड एम्बेस्डर बनी हैं। आइए जानें आरना के जीवन से जुड़ी कुछ ख़ास बातें और उनके टैलेंट की अब तक की उपलब्धियां।

एक टैलेंटेड ब्राण्ड एम्बेस्डर

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आरना शुरुआत से ही एक प्रतिभाशाली छात्रा हैं। लेकिन जब उन्हें पांचवीं कक्षा में स्कूल की तरफ से ऑल राउंडर किड का अवार्ड मिला, तबसे उनके सफलता की यात्रा की शुरुआत हुई। इसी क्रम में HoverRobotix नाम की कंपनी ने 12 फरवरी 2021 को आरना को अपने नए ब्रांड एंबेसडर के रूप में नियुक्त किया है। 12 साल की उम्र में दिल्ली की आरना वधावन, बहुमुखी प्रतिभाशाली एक सुपर किड हैं। उसने इतनी कम उम्र में साबित किया है कि उम्र किसी भी मुकाम को हासिल करने के लिए मायने नहीं रखती है। दिल में कुछ कर गुजरने की चाह और एक बड़ा मुकामहासिल करने का जज़्बा ही इंसान को बुलंदियों तक पहुंचा सकता है। आरना दिल्ली के ज्ञान भारती स्कूल की छात्रा हैं और पढ़ाई के क्षेत्र में भी बहुत आगे हैं।

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गरीबों की करती हैं मदद

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बच्चों के पास गुल्लक होना एक आम बात है। कभी कोई बच्चा अपनी पसंदीदा टॉय कार के लिए गुल्लक में पैसे जमा करता है, तो कोई बच्चा अपनी पसंद की रिस्ट वॉच पहनने के लिए गुल्लक में पैसे रखता है। लेकिन आरना इन सब बच्चों से अलग अपने गुल्लक से गरीब बच्चों को भोजन उपलब्ध कराकर बहुत सारे सामाजिक कार्य कर रही है और उनके अनुसार सभी बच्चों को समान अधिकार मिलना चाहिए।

लगाए हैं कई पेड़-पौधे

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कोरोना काल के दौरान जब सब बच्चे घरों में बंद बैठे थे ऐसे में आरना को एहसास हुआ कि लोगों का ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है, क्योंकि मास्क हमारी आवश्यकता बन गई है। उस समय आरना से प्राकृतिक रूप से ऑक्सीजन बढ़ाने के लिए सबसे पहले अपने घर के आस-पास पौधे लगाने शुरू किए। उसे देखकर दूसरे बच्चों ने भी वृक्षारोपण में मदद करनी शुरू कर दी। प्रदूषण कम करने के लिए आरना ने और बच्चों की मदद से अपनी ही कॉलोनी में लगभग 65 पेड़-पौधे लगाए हैं। उनकी इस उपलब्धि की वजह से ही गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2021 को पद्मश्री जादव पायेंग जी, जिन्हें फॉरेस्ट मैन ऑफ इंडिया भी कहा जाता है उन्होंने विशेष रूप से आरना को प्रोत्साहन दिया।

मिले हैं कई अवार्ड

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आरना को उनकी प्रतिभा की वजह से कई बड़े पुरस्कारों से नवाज़ा गया है। उन्हें साल 2021 में PETA के द्वारा काइंड स्टूडेंट का अवॉर्ड दिया गया। PETA एक बड़ा NGO है और विदेशों तक प्रसिद्द है। इसके अलावा आरना को इंटर स्कूल प्रतियोगिताओं में भी बहुत से पुरस्कार मिले हैं।

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उन्हें साल 2020 में ज्ञान भारती स्कूल, नई दिल्ली की तरफ से " outstanding student of the year " अवार्ड से भी नवाज़ा गया था। इसके लिए उसे मेवाड़ के महाराजा अरविन्द सिंह जी औरजोधपुर के महाराजा गज सिंह जीने प्रसंशा भरा खत भी भेजा।आरना को UN, WHO और ब्रिटिश काउंसिल से भी पूरा प्रोत्साहन मिला है। साल 2020 में उन्होंने Tedx में हिस्सा लिया था।

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वास्तव में ये छोटी सी बच्ची हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है, जिसने इतनी कम उम्र में इतने बड़े काम करके हम सभी के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।

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