Polycystic Ovarian Disease, या PCOD एक ऐसी बीमारी है जो आजकल महिलाओं में बेहद ही आम पाई जाती है। पीसीओडी में, हार्मोनल असंतुलन के कारण ovaries में छोटी-छोटी गांठ या multiple cysts बन जाते हैं। जिससे बॉडी अधिक मात्रा में male hormones पैदा करने लगती है और जिसके कारण मुंहासे और चेहरे के बाल बढ़ने लगते हैं। इस समस्या के चलते लड़कियां को पीरियड्स में भी कई तरह की प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता है। कहा जाता है कि पीसीओडी का सबसे बड़ा कारण आजकल की व्यस्त और अन्हेल्दी लाइफस्टाइल है। बालों की असामान्य वृद्धि से लेकर वजन बढ़ने तक बहुत सारी चुनौतियों का समाना करना पड़ता है, यानी इस बीमारी के बहुत सारे साइड इफेक्ट हैं।
पीसीओडी के लक्षण
पीरियड्स के शुरू होने पर इसके लक्षण दिखने लगते है। PCOD के लक्षण सभी में अलग-अलग प्रकार के और ज्यादा या कम हो सकते है। अनियमित पीरियड्स इसका आम लक्षण है। यानी किसी को पीरियड कम होते है, किसी को होना बंद हो जाते है। किसी को हैवी ब्लीडिंग होती है। इसके कारण महिलाओं में कुछ विशेष पुरुषों वाले लक्षण दिख सकते है। जैसे चेहरे, चेस्ट, पेट, हाथ या पैरों की अंगुलियों पर अधिक बाल आना। ब्रेस्ट छोटी होना। आवाज भारी होना। बालों का झड़ना आदि।
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इसके अलावा चेहरे पर फुंसियां होना, वजन बढ़ना, कोशिश करने के बावजूद वजन कम ना होना, पेट के निचले हिस्से में दर्द, टेंशन या डिप्रेशन आदि होना तथा मां नहीं बन सकना या बार-बार गर्भपात होना भी पीसीओडी के लक्षण हो सकते है। इसके कारण त्वचा पर मस्से जैसे उभार आदि भी नजर आ सकते है। ऐसे कोई भी लक्षण दिखने पर चेकअप जरूर करवा लेना चाहिए। हमने इस बीमारी से जूझ रही कई महिलाओं से बात की आइए हमारे साथ आप भी जानें पीसीओडी को लेकर उनका क्या कहा था।
पीसीओडी के प्रति महिलाओं की प्रतिक्रिया
Student अंजली की प्रतिक्रिया: नॉर्मली यह माना जाता है कि पीसीओडी उन महिलाओं को होता है जिनका वजन ज्यादा होता है। इसलिए जब मुझे इस बीमारी के बारे में पता चला तो मेरी पहली प्रतिक्रिया यह थी, अरे मुझे यह बीमारी कैसे हो सकती है? मेरी बॉडी का वेट तो नॉर्मल है। लेकिन बाद में समझ में आया कि यह वजन के कारण नहीं होती बल्कि होने के बाद वजन बढ़ने लगता है।
Amita Bpo employee: मैंने अभी काम करना शुरू ही किया था। मैं पहले से ही financial issues के साथ संघर्ष कर रही थी और पीसीओडी ने मेरी परेशानी को और भी बढ़ा दिया। यहां तक कि डॉक्टर के साथ appointment बहुत महंगी होती थी। और जब मुझे डॉक्टर ने सुझाव दिया कि मुझे भविष्य में fertility treatment से गुजरना पड़ सकता है तो मेरा तनाव और भी बढ़ गया।
Housewife आरती की प्रतिक्रिया: "मैं इस बीमारी से 13 साल की उम्र से परेशान हूं। इतना लंबा समय हो गया इसलिए मुझे इस बारे में बहुत ज्यादा तो याद नहीं है। लेकिन यह बात याद है कि मेरे पीरियड्स देर से शुरु हुए और चेहरे पर बाल आने लगे थे। मैं अपने असामान्य बालों की ग्रोथ से डर गई थी इसलिए कॉलेज में मैंने इसे हटाना शुरू कर दिया था।"
Student सारिका : जिस दिन मुझे पीसीओडी का पता चला था, मेरा जीवन बदल गया। दवा पर लगातार रहना मेरे जीवन के लिए एक टोल की तरह था। मैं दवा लेना एक बार भी भूल नहीं सकती थी।
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Housewife वंशिका : ''मुझे एक बच्चे की तरह बहुत ज्यादा mood swings होते हैं। लेकिन लोगों को लगता है कि मैं बहुत ज्यादा ill-mannered हूं। कोई वास्तव में मेरे इस mood swings के बारे पीछे के कारणों को जानना नहीं चाहता है। ऐसा पीसीओडी के कारण है। पीसीओडी के बारे में एक नॉमैल धारणा है कि यह ovaries को प्रभावित करता है लेकिन यह अन्य अंगों पर भी प्रभाव डालता है।''
Student रूपाली: ''मैंने इस तथ्य के साथ जीना सीख लिया है कि इस रोग के लिए कोई स्थायी इलाज नहीं है। हर दिन जब मैं जागती और एक्सरसाइज करती हूं तो अपने वजन पर लगातार नजर रखती हूं। क्योंकि सभी दवाएं इस बीमारी को कंट्रोल कर सकती हैं लेकिन इसे ठीक नहीं कर सकती हैं।''
इसलिए महिलाओं आप खुद को पीसीओडी के बारे में शिक्षित करें। Gynaecologist के पास regular checkups के लिए जाएं। क्योंकि कुछ भी आपकी हेल्थ से ज्यादा जरूरी नहीं है।
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