Periods लड़कियों के mood पर कैसे डालते हैं असर? जानें

वैसे पीरियड्स होना पूरी तरह से नैचुरल प्रोसेस है। लेकिन ये चार फेस लड़कियों के mood पर काफी असर डालते हैं।
Pooja Sinha
  • Pooja Sinha
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 27 Oct 2017, 12:10 IST

मनोज-"वसुधा चलो आज कहीं बाहर घूमने के लिए चलते हैं।"
वसुधा- "आज मेरा मन कहीं भी जाने का नही है, क्‍योंकि मेरे पेट में बहुत तेज दर्द हो रहा है।"

अक्सर ऐसा ही होता है, पीरियड्स के दिनों में वसुधा की हालत इतनी खराब हो जाती है कि वह कहीं भी नहीं जा पाती। पेट और कमर में दर्द के चलते वह चिड़चिड़ी हो जाती है और उसका किसी काम में मन नही लगता है।

माना जाता है कि लड़कियां बहुत मूडी होती है उन्‍हें कोई समझ नहीं सकता है। लेकिन इसका असली कारण लड़कियों में होने वाला हार्मोनल बदलाव है जो पीरियड्स के दौरान लड़कियों में मूड स्विंग्‍स का कारण बनता है। वैसे पीरियड्स होना पूरी तरह से नैचुरल प्रोसेस है। लेकिन ये चार फेस लड़कियों के mood पर काफी असर डालते हैं। 

1 हैप्‍पी फीलिंग: Menstrual phase

Menstrual phase  (1-5 दिन) पीरियड्स के पहले दिन से ही शुरू हो जाता है और 5 वें दिन तक रहता है। इस फेस के दौरान हालांकि आपको पेट में ऐंठन का अनुभव होता है लेकिन हार्मोन एस्ट्रॅडियोल बढ़ने से आपको मूड खुशनुमा रहता है। क्‍योंकि बॉडी में बढ़ता हुआ एस्ट्रॅडियोल तनाव हार्मोन एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।

2 Sympathy फीलिंग : Follicular phase

यह फेस पीरियड्स के पहले दिन से शुरु होकर पीरियड्स के 13 वें दिन तक रहता है। इस दौरान में औरतों की बॉडी में प्रोजेस्ट्रोन नाम का हार्मोन कम हो जाता है जिसके कारण आप किसी की भी बात को संजीदगी से समझ सकते हैं। फॉलिक्यूलर फेज  (1-13 दिन) में महिलाएं लोगों से ज्यादा sympathy रखती हैं।

3 फीलिंग हॉट, हॉट : The Ovulatory Phase

महिला के ओव्‍यूलेशन फेस (14 दिन) के दौरान, ल्यूटीनाइज़िन्ग नामक पदार्थ हार्मोन की मात्रा को बढ़ता है। यह हार्मोन ओवरी से फेलोपियन ट्यूब में अंडों को रिलीज करने के लिए जारी करने का संकेत देता है। ओव्‍यूलेशन के दौरान एस्ट्रॅडियोल अच्‍छी मात्रा में मौजूद होता है और कमेच्‍छा को बढ़ाने के लिए अन्‍य हार्मोन से interact करता है। डॉक्‍टर श्वार्ज़बीन का कहना है "एस्ट्रॅडियोल इंसुलिन अधिक प्रभावी बनाता है," "तब इंसुलिन शरीर को अधिक टेस्टोस्टेरोन जारी करने के लिए कहता है, और टेस्टोस्टेरोन ऐसे हार्मोन में से एक है जो सेक्स ड्राइव को regulate करता है।" कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह प्रकृति का fertile time में महिलाओं को सेक्‍स के लिए प्रोत्‍साहित करने का सबसे अच्‍छा तरीका है।

4 मूडी : Luteal phase

यह चरण (15-28 दिन)  15 वें दिन से शुरू होता है और cycle के अंत तक चलता रहता है। इस दौरान प्रोजेस्टेरोन लेवल के बढ़ने के कारण आप मूडी हो जाती हो, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रोजेस्टेरोन शरीर को कोर्टिसोल बनाने में मदद करता है, एक ऐसा हार्मोन जो स्‍ट्रेस लेने वाले लोगों में ज्‍यादा पाया जाता है। 

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