हार्ट अटैक के मामले इन दिनों तेजी से बढ़ रहे हैं। पहले यह बीमारी बुजुर्गों को हुआ करती थी फिर युवा इसकी चपेट में आने लगे और अब स्थिति बेहद चिंताजनक है। हाल के दिनों में बच्चों में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं। स्कूल जाने वाले बच्चे भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। बीते 6 जनवरी को कक्षा तीन में पढ़ने वाले 8 साल के एक बच्चे की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। अब सवाल है कि आखिर क्यों इतनी कम उम्र में बच्चों को हार्ट अटैक आ रहा है। इसे समझने के लिए हमने हेल्थ एक्सपर्ट से बातचीत की है। Dr Prateek Chaudhary,Senior consultant,Inrterventional cardiology,Asian hospital इस बारे में जानकारी साझा कर रहे हैं।
स्कूल जाने वाले बच्चों को क्यों आ रहा है हार्ट अटैक?
एक्सपर्ट बताते हैं कि इसका कोई एक सटीक कारण बताना मुश्किल है,ऐसी समस्या खराब लाइफस्टाइल की वजह से ही हो सकती है एक्सपर्ट बताते हैं कि आजकल के बच्चे फिजिकली एक्टिव नहीं है। मोबाइल और टीवी के कारण खेलकूद और शारीरिक गतिविधियों से दूर हो रहे हैं। ऑनलाइन क्लासेज के चलते यह गतिविधि और भी कम हो रही है। इसके कारण मोटापा कोलेस्ट्रॉल बढ़ने जैसी समस्या हो रही है जो हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाती है।
तेजी से वेस्टर्न कल्चर को फॉलो करना भी इसका जोखिम बढ़ाता है। आजकल के बच्चे जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड का सेवन अधिक करते हैं जो स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। इनमें ट्रांस फैट बहुत ज्यादा शुगर, नमक होता है जो दिल की धमनियों को कमजोर करते हैं और यह हार्ट अटैक जोखिम बढ़ाता है।
सेडेंटरी लाइफस्टाइल के कारण हार्मोनल असंतुलन पैदा होता है जो की मेंटल हेल्थ को खराब करता ह। इसके अलावा कंपटीशन, मोबाइल में तरह-तरह की वीडियो देखकर खुद को आगे बढ़ाने का दबाव भी हृदय पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
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कुछ बच्चों में जन्म से ही हृदय संबंधित समस्याएं होती है जो पता नहीं चल पाता है। इलाज न मिलने पर यह हार्ट अटैक का कारण बन सकता है, लेकिन जरूरी नहीं है कि ऐसा सभी के साथ हो।
एक्सपर्ट के मुताबिक हार्ट अटैक से बचाव के लिए बच्चों की जीवन शैली और खान-पान पर खास ध्यान देना जरूरी है बच्चों को संतुलित और पोषण से भरपूर आहार दिन नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियों और व्यायाम में शामिल करें बच्चों द्वारा स्क्रीन के सामने बताए गए समय को भी सीमित करें।
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Image Credit- freepik
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