क्या पीरियड्स से पहले आपको भी नींद आने में होती है मुश्किल? जानें कारण

पीरियड्स से पहले और इस दौरान होने वाले हार्मोनल बदलावों का असर, महिलाओं के पूरे शरीर पर होता है। इसके चलते, महिलाओं का वजन, डाइजेशन, मूड और नींद भी प्रभावित होती है।  
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पीरियड्स यूं तो महिलाओं के शरीर में हर महीने होने वाली एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन, इसका असर महिलाओं के पूरे शरीर पर होता है। पीरियड से पहले और इन दिनों महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं और इन बदलावों का असर, महिलाओं के वजन, खान-पान, डाइजेशन, नींद, मूड, एनर्जी लेवल और लुक्स पर भी होता है। कई महिलाओं को पीरियड से पहले ब्रेस्ट में दर्द महसूस होता है, कुछ महिलाओं को कब्ज और गैस हो जाती है, कुछ को इससे पहले नींद आने में मुश्किल होती है और मूड स्विंग्स होते हैं। वहीं, कई बार पीरियड से पहले एक्ने हो जाते हैं और सिरदर्द रहता है। ऐसा पीएमएस यानी प्री मेंस्टुअल सिंड्रोम के कारण होता है। आमतौर पर पीरियड शुरू होने के साथ ही, ये लक्षण अपने आप खत्म हो जाते हैं। वहीं, कई महिलाओं को पीरियड के दौरान, तेज दर्द के साथ और भी कई लक्षण महसूस होते हैं। ऐसा हार्मोनल इंबैलेंस के कारण होता है। क्या आपने कभी सोचा है कि पीरियड से पहले नींद आने में मुश्किल क्यों होती है, चलिए, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डॉक्टर अदिति बेदी दे रही हैं। वह कंसल्टेंट गायनेकोलॉजिस्ट और आब्स्टिट्रिशन हैं।

पीरियड्स से पहले नींद आने में क्यों होती है मुश्किल? (Why can’t I sleep before my period?)

difficulty in sleeping before periods

  • पीरियड से एक या दो हफ्ते पहले कई महिलाओं को नींद आने में मुश्किल होती है। ऐसा पीएमएस यानी प्री मेंस्टुअल सिंड्रोम के कारण होता है।
  • यह हर महिला के लिए अलग हो सकता है। आपको पीएमएस के लक्षण जितने अधिक महसूस होंगे, नींद आने में मुश्किल उतनी ही ज्यादा हो सकती है।
  • नींद के पैटर्न में बदलाव के अलावा, पीएमएस में मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन और अधिक इमोशनल होना जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
  • पीरियड से पहले शरीर में होने वाला हार्मोनल उतार-चढ़ाव भी इसका कारण हो सकता है। ओव्युलेशन के दौरान, महिलाओं में एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ता है। वहीं, ओव्युलेशन के बाद, प्रोजेस्टेरोन का लेवल तेजी से बढ़ता है और पीरियड की शुरुआत से पहले ये दोनों ही हार्मोन ड्रॉप हो जाते हैं। इसके कारण भी नींद आने में मु्श्किल होती है।

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period flow changes in late 20s

  • पीरियड के आस-पास एस्ट्रोजन लेवल के कम होने के कारण, हॉट फ्लैशेज और रात में पसीना आने जैसी दिक्कते ही सकती हैं। इसके कारण, शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है और इसका असल भी आपकी स्लीप साइकिल पर होता है।
  • हार्मोन्‍स में बदलाव के कारण सेरोटोनिन के लेवल पर भी असर होता है। यह हैप्पी हार्मोन भी स्लीप साइकिल को कंट्रोल करता है। ऐसे में इसके लेवल भी बदलाव का असर भी नींद पर होता है।
  • कई महिलाओं को यह दिक्कत पीरियड के दौरान भी जारी रहती है। क्रैम्प्स, हैवी फ्लो और ऐंठन की वजह से कई बार इन दिनों में नींद नहीं आती है।

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पीरियड्स से पहले और इस दौरान होने वाली कई चीजें, सेहत से जुड़ी जरूरी जानकारी देती हैं। इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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