मैं जब भी रोती हूं, तो उसके बाद सिर में भयानक दर्द होने लगता है। आंखें भी सूज जाती हैं। उनमें लालिमा होने लगती है। हो सकता है ऐसा आपमें से कई लोगों के साथ होता हो। क्या आपने कभी ऐसी स्थिति का सामना किया है? क्या आपने कभी सोचा है कि रोने का सिर में दर्द होने से क्या ताल्लुक है?
ऐसा कहा जाता है कि रोना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो हमें भावनात्मक तनाव, खुशी, दुख या दर्द को व्यक्त करने में मदद करती है। हालांकि, बहुत से लोगों को रोने के बाद सिरदर्द की समस्या होती है। यह एक आम अनुभव है लेकिन कई लोग इसके कारणों से अनजान होते हैं। आखिर रोने के बाद सिर में दर्द क्यों होता है और इसका हमारे शरीर और दिमाग से क्या संबंध है, इस सवाल का जवाब इस लेख में विस्तार से जानें।
1. रोने से सिर में दर्द क्यों होता है?
रोने के बाद सिर में दर्द होने के कई पॉसिबल कारण हो सकते हैं, जिनमें मुख्य रूप से शारीरिक और भावनात्मक दोनों पहलू शामिल होते हैं।
तनाव और इमोशनल स्ट्रेस
रोना अक्सर व्यक्ति को तभी आता है, जब वह तनाव महसूस करता है। इसका मतलब है कि रोने का संबंध अक्सर भावनात्मक तनाव से होता है। जब हम अत्यधिक भावुक होते हैं, तो हमारा शरीर तनाव हार्मोन जिसे कोर्टिसोल कहते हैं, रिलीज करता है। इस हार्मोन के रिलीज होने से मांसपेशियां तनावग्रस्त हो जाती हैं और सिरदर्द हो सकता है।
डिहाइड्रेशन के कारण
बिल्कुल, यह भी मुख्य कारणों में से एक हो सकता है। रोते वक्त हमारी आंखों से पानी ही तो निकलता है! अब अगर शरीर में पानी की कमी है और ऐसे में आप बहुत ज्यादा तनाव में आकर रो दें, तो बचा-कुछ पानी भी कम हो जाता है। यह डिहाइड्रेशन कर सकता है और फिर डिहाइड्रेशन के कारण सिरदर्द हो सकता है।
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साइनस प्रेशर और ब्लॉकेज
कुछ लोगों को साइनस, एलर्जी या नाक में ब्लॉकेज की दिक्कत होती है। आपने यह भी नोटिस किया होगा कि रोने पर हमारी नाक भी बहती है। ज्यादा रोने से नाक बंद हो सकती है और साइनस पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे सिर में दर्द महसूस होता है। रोने के दौरान नाक और आंखों के आसपास रक्त संचार बढ़ जाता है, जिससे सूजन हो सकती है और सिरदर्द हो सकता है।
टेंशन हेडेक और माइग्रेन ट्रिगर
ऊपर हमने बताया कि कैसे तनाव होने पर आपको सिर दर्द हो सकता है। टेंशन हेडेक और माइग्रेन ट्रिगर होने का भी यही कारण है। भावनात्मक तनाव और रोने की प्रक्रिया कुछ लोगों में टेंशन हेडेक या माइग्रेन ट्रिगर कर सकती है। माइग्रेन से पीड़ित लोगों को रोने के बाद तेज सिरदर्द हो सकता है।
क्या है सिरदर्द और आंसुओं के बीच संबंध?
हमारे आंसू सिर्फ भावनाओं की अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं होते, बल्कि वे हमारी आंखों को नम रखने और धूल-मिट्टी से बचाने में भी मदद करते हैं। लेकिन जब हम अत्यधिक रोते हैं, तो यह कई तरह से सिरदर्द को प्रभावित कर सकता है।
शरीर में होते हैं केमिकल चेंज
रोने से शरीर में सेरोटोनिन और एड्रेनालिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर रिलीज होते हैं, जो मूड और दर्द को प्रभावित कर सकते हैं। इन हार्मोन्स के उतार-चढ़ाव के कारण सिरदर्द महसूस हो सकता है।
ब्लड वेसल हो सकती हैं श्रिंक
रोने के दौरान हमारी ब्लड वेसल्स पहले फैलती हैं और फिर श्रिंक हो जाती हैं। यह प्रक्रिया सिरदर्द को जन्म दे सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो संवेदनशील होते हैं।
ऑक्सीजन की कमी
ज्यादा रोने के दौरान हमारी सांसों की गति तेज हो सकती है या हम हिचकी लेने लगते हैं, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है और सिरदर्द की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
रोने के बाद हो रहे सिरदर्द से राहत कैसे पाएं?
रोने से आप तनाव को भी एक तरह से रिलीज करते हैं। अगर आपको रोने के बाद सिरदर्द हो रहा है, तो उसे कम करने के लिए कुछ उपाय आपकी मदद कर सकते हैं:
(i) पर्याप्त पानी पिएं
जैसा कि हमने आपको बताया कि डिहाइड्रेशन सिरदर्द का एक प्रमुख कारण हो सकता है। रोने के बाद एक गिलास पानी या इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक पीने से सिरदर्द को कम किया जा सकता है।
(ii) डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें
ऑक्सीजन की कमी भी हेडेक का कारण होता है। ऐसे में गहरी सांस लेने से शरीर को अधिक ऑक्सीजन मिलती है और तनाव कम होता है। इससे सिरदर्द में राहत मिल सकती है।
(iii) कोल्ड कंप्रेस लगाएं
पानी पीने से भी अगर आपको फर्क न दिखे और अगर सिर में तेज दर्द हो रहा हो, तो ठंडे पानी में कपड़ा भिगोकर माथे पर रखने से राहत मिल सकती है।
(iv) हल्की मसाज करें
सिर और गर्दन की हल्की मसाज करने से मांसपेशियों का तनाव कम हो सकता है और सिरदर्द में राहत मिल सकती है।
(v) शांत माहौल में आराम करें
अगर संभव हो, तो कुछ समय के लिए आंखें बंद करके लेट जाएं और आराम करें। अंधेरे और शांत वातावरण में आराम करने से सिरदर्द कम हो सकता है। आप आंखों के ऊपर आइस पैक या ठंडे खीरे का स्लाइस रख सकते हैं।
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(vi) अदरक वाली चाय पिएं
अदरक वाली चाय सिरदर्द से राहत पाने का एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय है। अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो मांसपेशियों के तनाव को कम करने और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। यह खासतौर से माइग्रेन और टेंशन-टाइप सिरदर्द में फायदेमंद हो सकती है।
कब करना चाहिए डॉक्टर से संपर्क?
- रोने के बाद सिरदर्द बहुत सामान्य बात है, लेकिन अगर यह बार-बार हो रहा है या फिर दर्द सहन से बाहर है, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी हो सकता है।
- अगर सिरदर्द बहुत लंबे समय तक बना रहता है। अगर सिरदर्द के साथ उल्टी, चक्कर या धुंधला दिखना जैसी समस्याएं हो रही हैं तो फिर सलाह आवश्यक है।
अगली बार जब आप रोएं और सिरदर्द महसूस करें, तो इन उपायों को अपनाएं और अपने शरीर को समझने की कोशिश करें। हालांकि, किसी भी गंभीर समस्या में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना ज्यादा बढ़िया है।
हमें उम्मीद है कि इस लेख के माध्यम से आपको शरीर में हो रही प्रतिक्रियाओं को समझने में थोड़ी मदद मिलेगी। इस लेख को लाइक करें और फेसबुक पर शेयर करना न भूलें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: Freepik
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