स्पाइसी चटनी खाने के बाद या फिर स्पाइस करी खाने के बाद कैसे चेहरा लाल हो जाता है। इसके ऊपर से यदि कुछ गर्मागर्म पी लिया, तो हालत और खराब हो जाती है। कई लोगों का स्पाइस टॉलरेंस इतना कम होता है कि उनके खाने में थोड़ी-सी भी मिर्च हो, तो उनके आंसू निकलने लगते हैं। क्या आपने यह नोटिस किया है कि कई बार स्पाइसी खाने के बाद पसीना तक निकलने लगता है।
ऐसा क्यों होता है अगर आपसे पूछा जाए, तो आप भी कहेंगे कि गर्मी लगती है, लेकिन कैसे? क्यों स्पाइसी खाने के बाद हमें गर्म लगने लगता है। चेहरे पर पसीना आने लगता है और क्यों गर्मी का लेवल इतना बढ़ जाता है। चलिए आज आपको शरीर से जुड़े इस अमेजिंग फैक्ट के बारे में बताएं।
तीखा खाने के बाद मुंह में ऐसी होती है सनसनाहट
आपने ज्यादा मिर्ची वाला खाना खाया और उसके बाद यदि गर्मागर्म चाय या कॉफी पी ली, तो तीखेपन का स्तर काफी बढ़ जाता है। आपके मुंह और होंठों के पास एक बर्निंग सेंसेशन होने लगती है।
श्लेष्मा झिल्ली, जो फेफड़ों को हार्मफुल इनहेलेबल्स से बचाती है, अत्यधिक सक्रिय हो जाती है जिससे नाक बहने लगती है। शरीर का तापमान बढ़ जाता है। आपने नोटिस किया होगा कि इसके कारण कई लोगों को हिचकियां भी लगना चालू हो जाती हैं।
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स्पाइसी खाने के बाद क्यों लगती है गर्मी?
यह सवाल अगर आपके मन में भी कभी न कभी आया है, तो इसका जवाब बहुत सिंपल है और वो है कैप्साइसिन। जी हां, स्पाइसी फूड में यह एक्टिव कंपोनेंट होता है। जब आप मिर्ची वाला खाना खाते हैं, तो कैप्साइसिन मुंह में रिसेप्टर्स से बाइंड हो जाता है, जो हीट को डिटेक्ट करने के लिए जाने जाते हैं। यह आपके मुंह को गर्म चीजों से जलने से बचाता है। कैप्साइसिन के सेवन से ये रिसेप्टर्स एक्टिवेट होते हैं और आपकी बॉडी ठीक वैसे ही रिएक्ट करती है, जैसे गर्म खाने पर होता है।
यही कारण है कि आपको बेहद गर्मी लगने लगती है और पसीना आने लगता है। पसीना आने से आपके शरीर का टेंपरेचर धीमा हो जाता है।
तीखा खाने से होते हैं शरीर में कई बदलाव
तीखा खाने से आपकी हार्ट रेट बढ़ने से मेटाबॉलिज्म भी बढ़ता है और आपकी नाक से भी पानी निकलना शुरू होता है। कई बार आंखों से भी आंसू आने लगते हैं।
तीखा खाने से आपका शरीर एंडोर्फिन्स रिलीज करता है। यह एक ऐसा मस्तिष्क में पाया जाने वाला केमिकल है, जो दर्द से राहत देकर खुशी को बढ़ाता है।
कुछ लोग दर्द से राहत पाने के लिए ऐसा करते भी हैं और इससे उन्हें बड़ा आराम मिलता है।
मस्तिष्क यह कैसे तय करता है कि मुंह जल रहा है?
कई विशेषज्ञ इस बात का पता नहीं लगा पाए हैं, लेकिन यह माना जाता है कि मस्तिष्क प्राप्त होने वाली उत्तेजनाओं के प्रकार और विविधता के आधार पर यह तय करता है। अकेले नोसिसेप्टर को खतरनाक उत्तेजना और अत्यधिक तापमान का संकेत दे सकती है। मगर मिर्च में एक्टिव इंग्रीडिएंट कैप्साइसिन, उन नर्व्स को भी उत्तेजित करता है जो तापमान में हल्की वृद्धि पर ही प्रतिक्रिया करती हैं। कैप्साइसिन के जरिए जब मस्तिष्क को संदेश जाता है तो गर्माहट महसूस होने लगती है। यही उत्तेजनाएं चुभने या कटने के बजाय जलने की अनुभूति को परिभाषित करती हैं।
तीखा खाने के फायदे
यह तय है कि तीखा खाने से आपको मुंह में जलन होती है और काफी देर तक बर्निंग सेंसेशन रहती है। हालांकि, यह मुंह के बैक्टीरिया, वायरस और माइक्रोब्स को मारने में भी मदद करता है। यह आपके मेटबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करती है, जो एक तरह से वजन घटाने के लिए अच्छा है। इसे खाने से आपका ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित हो सकता है और आपको भूख कम लगती है। चिली पेपर्स को विटामिन-ए और सी का एक बेहतरीन स्रोत माना जाता है। यह शरीर की इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए भी जानी जाती है।
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तीखा खाने के नुकसान
स्वास्थ्य लाभों के लिए पहचानी जाने वाली मिर्च खाने के नुकसान भी हैं। इसे खाने के बाद, सूजन, मतली, उल्टी, आंखों में दर्द, दस्त, पेट में दर्द, एसिड रिफ्लक्स से सीने में जलन और सिरदर्द आदि की समस्या हो सकती है।
किसी भी चीज को मॉडरेशन में लेने से ही उसके लाभ प्राप्त होते हैं। यदि आपको किसी तरह की बीमारी है, तो मिर्च का सेवन न करें। हमें उम्मीद है यह लेख आपको पसंद आया होगा, इसे लाइक और शेयर करें और ऐसे लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: Freepik
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