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पीरियड में बार-बार पेशाब क्यों आता है?

पीरियड्स के दिनों में क्या आपको भी बार-बार पेशाब आती है, क्या यह नॉर्मल है या इसे लेकर आपको परेशान होने की जरूरत है, चलिए डॉक्टर से समझते हैं।
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Editorial
Updated:- 2025-08-27, 16:49 IST

महिलाओं के मासिक धर्म यानी पीरियड्स के दौरान कई बार यह शिकायत सामने आती है कि उन्हें बार-बार पेशाब आता है या बार-बार पेशाब करने की इच्छा होती है। कुछ इसे सामान्य मानती हैं, तो कुछ इसे किसी बीमारी का लक्षण समझ कर घबरा जाती हैं। आइए जानते हैं आखिर ऐसा क्यों होता है Dr. Sadhna Singhal Vishnoi, Senior Consultant – Obstetrics and Gynecology, Cloudnine Group of Hospitals, New Delhi, Punjabi Bagh इस बारे में जानकारी दे रही हैं।

पीरियड्स में बार-बार पेशाब आना यूरिन इंफेक्शन का संकेत है।

Peridos hygiene

हर बार ऐसा नहीं होता। पीरियड्स के दौरान हार्मोनल बदलाव होते हैं, खासकर प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन के स्तर में उतार-चढ़ाव, जिससे मूत्राशय पर असर पड़ सकता है। इसके कारण पेशाब की आवृत्ति बढ़ सकती है, लेकिन जरूरी नहीं कि यह हमेशा यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) हो।

क्या बार-बार पेशाब आना सिर्फ पीरियड्स के पहले दिन होता है?

कुछ महिलाओं में यह समस्या पूरे पीरियड के दौरान बनी रह सकती है, खासकर पहले दो-तीन दिन जब ब्लीडिंग ज़्यादा होती है। हार्मोनल बदलाव, ब्लोटिंग, और मांसपेशियों की संवेदनशीलता इसके कारण हो सकते हैं।

ज्यादा पानी पीना पीरियड्स में बार-बार पेशाब आता है?

हाइड्रेशन ज़रूरी है। अगर आप ज्यादा पानी पीती हैं, तो जाहिर है पेशाब भी ज्यादा आएगा। लेकिन पीरियड्स में बार-बार पेशाब की मूल वजह हार्मोनल बदलाव है, न कि सिर्फ पानी पीना। पर्याप्त पानी पीना ब्लोटिंग और थकान को भी कम करता है।

क्या बार-बार पेशाब आना गंभीर समस्या तो नहीं?

urine infections

अधिकतर मामलों में यह सामान्य होता है, लेकिन अगर पेशाब करते समय जलन हो, बदबू आए, या पेशाब का रंग गहरा हो तो यह यूटीआई या अन्य संक्रमण का संकेत हो सकता है। ऐसे लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से मिलना जरूरी है।

पेशाब रोकना मूत्राशय पर दबाव बढ़ा सकता है और संक्रमण का कारण बन सकता है। इसलिए पेशाब की इच्छा को नजरअंदाज करना सही नहीं है। शरीर के संकेतों को सुनना और समय पर रिस्पॉन्ड करना जरूरी है।

तो बार-बार पेशाब आने की वजह क्या है?

  • हार्मोनल बदलाव
  • प्रोस्टाग्लैंडिन्स (prostaglandins) की अधिकता, जिससे यूटरस और मूत्राशय दोनों संवेदनशील हो जाते हैं
  • शरीर से अतिरिक्त पानी और टॉक्सिन्स निकालने की प्रक्रिया
  • बढ़ा हुआ तनाव और चिंता
  • कभी-कभी कैफीन या अन्य डाइयुरेटिक पेय पदार्थों का सेवन

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क्या करना चाहिए?

  • पर्याप्त पानी पिएं
  • कैफीन से बचें
  • आरामदायक कपड़े पहनें
  • संक्रमण के लक्षण दिखें तो डॉक्टर से मिलें

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Image Credit:Freepik

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