दिल हमारे शरीर का सबसे जरूरी अंग है,जो खून को पूरे शरीर में पंप करता है, इसके बिना तो जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। वहीं दिल के कई रोग भी देखने को मिलते हैं। इनमें से एक दिल में छेद होना,जो बहुत ही गंभीर समस्या है। इसे मेडिकल भाषा में हार्ट डिफेक्ट कहा जाता है। यह स्थिति तब होती है जब दिल की दीवारों में छेद हो। आइए जानते हैं दिल में छेद क्यों होता है। इसको लेकर हमने हेल्थ एक्सपर्ट से बात की। Dr Prateek Chaudhary, Senior consultant ,Inrterventional cardiology, Asian hospital जानाकारी साझा कर रहे हैं।
दिल में छेद क्यों होता है?
एक्सपर्ट बताते हैं कि दिल में चार मुख्य चेंबर होते हैं। दो राइट चैंबर (राइट एट्रियम और राइट वेंट्रिकल और दो लेफ्ट चैंबर (लेफ्ट एट्रियम और लेफ्ट वेंट्रीकल) राइट साइड में जो खून होता है, वह डीऑक्सीजनेटेड यानी ऑक्सीजन की कमी वाला खून होता है, जो फेफड़ों द्वारा शुद्ध किया जाता है और इसके बाद दिल के लेफ्ट साइड में आता है। वहां से शरीर के बाकी हिस्सों में सर्कुलेट होता है। लेकिन, अगर दिल के राइट और लेफ्ट चैंबर को अलग करने वाली दीवार में कोई छेद हो जाता है, तो उस जगह से साफ और गंदा खून मिल सकता है, जो शरीर के लिए खतरे की वजह बन सकता है। यह स्थिति जन्मजात होती है।
एक्सपर्ट बताते हैं कि यह है जन्मजात हृदय दोष है। अगर छोटे होते हैं, तो समय के साथ खुद-ब-खुद भर सकते हैं। इसमें कम से कम 8 महीने से लेकर 1 साल तक का वक्त लगता है, जिससे बच्चे की सेहत पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है। इस कंडीशन में बच्चों को डॉक्टर की निगरानी में रहना पड़ता है। वहीं, कुछ मामलों में दिल की सर्जरी के दौरान भी एक चैंबर से दूसरे चेंबर में खून का प्रवाह बढ़ाने के लिए एक छोटा सा छेद किया जाता है, जो कि बाद में भर जाता है।
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एक्सपर्ट के मुताबिक इसका कारण ठीक प्रकार से ज्ञात नहीं है। लेकिन, यह जेनेटिक्स हो सकता है। कुछ मुख्य कारणों में क्रोमोसोमल एब्नार्मेलिटीज या डाउन सिंड्रोम शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा अगर गर्भावस्था के दौरान मां को कोई समस्या हो या मां धूम्रपान करती हो, शराब पीती हो या डायबिटीज हो, तो बच्चे में दिल में छेद का खतरा बढ़ सकता है।
हार्ट डेवलपमेंट के दौरान जोखिम
एक्सपर्ट बताते हैं कि हार्ट की डेवलपमेंट का एक महत्वपूर्ण चरण पहले 6 सप्ताह के दौरान होता है। इस समय दिल को जरूरी सिग्नल्स और पोषण मिलना चाहिए ताकि उसका विकास सही तरीके से हो सके अगर इस समय किसी कारण से इन सिग्नल्स में कमी होती है तो दिल की दीवारों में डिफेक्ट रह सकते हैं।
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