शहरीकरण के इस दौर में आजकल हर कोई सक्सेस चाहता है। इस सक्सेस को पाने की चाहत में हर कोई दिन-रात काम करता है। महिलाओं की हालत सबसे बुरी है। जॉब करने के लिए महिलाओं को ऑफिस और घर, दोनों को संभालना पड़ता है। वे ऑफिस में पूरे दिन रहती हैं जिसके कारण उन्हें विटामिन डी नहीं मिल पाता है। वहीं सुबह-सुबह घर के काम करने पड़ते हैं जिसके कारण वे सुबह की भी धूप नहीं ले पाती हैं। ऐसे में शरीर में विटामिन डी की तो कमी होगी ही।
शरीर बन रहा विटामिन D इंडिपेंडेंट
फाइनेंसियल इंडिपेंडेट बनने के चक्कर में महिलाओं का शरीर विटामिन डी से भी इंडिपेंडेंटते जा रहा है। विटामिन डी इंडिपेंडेंट का मतलब होता है विटामिन डी से मुक्त। ये एक तरह से ऑफिस में काम करने वाले लोगों पर कटाक्ष है जो काम करने और सफलता के पीछे भागने के चक्कर में अपने शरीर को विटामिन डी से दूर करते जा रहे हैं।
घर पर भी काम करना
इसके साथ ही ऑफिस में काम करने के बाद महिलाएं घर में भी जाकर काम करती हैं। दिन भर ऑफिस में नौ घंटे तक काम करती हैं फिर शाम को घर जाकर रात में भी काम करती हैं। इस कारण महिलाओं के पास अपने लिए टाइम नहीं होता है। टाइम ना रहने का असर अब महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी दिखने लगा है। इस कारण विटामिन डी की कमी को महामारी भी घोषित कर दिया गया है। पिछले साल डब्ल्यूएचओ की आई रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर 10 में से 8 लोग विटामिन डी की कमी के शिकार हैं। यह रिपोर्ट बहुत ही चौंकाने वाली थी क्योंकि भारत उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में आता हैै जहां धूप प्रचूर मात्रा में मिलती है और धूप मिलने का मतलब है विटामिन डी का मिलना।
Read More:अगर दिल्ली में रहती हैं आप तो हो सकती है आपमें भी विटामिन डी की कमी
कमर दर्द और डिप्रेशन की रहती है शिकायत
प्रचूर मात्रा में धूप मिलने के बावजूद महिलाओं में विटामिन डी की कमी है। जबकि विटामिन डी आपके ओवरऑल हेल्थ के लिए जरूरी है। खासकर तो उन लोगों के लिए जो ऑफिस में काम करते हैं और ऑफिस में काम करने वाली महिलाओं के लिए विशेष तौर पर फायदेमंद हैं। इसलिए तो माना जाता है कि अगर ऑफिस में अच्छे से काम करना है तो विटामिन डी की कमी शरीर में नहीं होनी चाहिए।
क्योंकि विटामिन डी की कमी से जोड़ों में दर्द और कमर दर्द की शिकायत होती है। इसके अलावा चिड़चिड़ापन और डिप्रेसन भी हो जाता है। ये सब लक्षण ऑफिस में काम करने वाली महिलाओं में ज्यादा दिखते हैं।
क्या है विटामिन डी?
विटामिन डी फैट में घुल जाने वाले विटामिन के समूह में आता है। यह शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट को एब्जॉर्ब करने की क्षमता को बढ़ाता है। सूरज की रोशनी में शरीर कोलेस्ट्राल से विटामिन डी का निर्माण भी करता है। इसलिये इसे अक्सर सनशाइन विटामिन कहते हैं। विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में लेने से बच्चों के साथ-साथ आपको भी अपने दैनिक कार्यों के लिए जरूरी ऊर्जा मिलती है। एक्सपर्टस के अनुसार पर्याप्त धूप के साथ प्रतिदिन 400 आईयू (10 ग्राम ) विटामिन डी लेने से आपकी सेहत बनी रहती है।
विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग
विटामिन डी की कमी से ऐसे रोग होते हैं जिन्हें लोग हल्के में शुरू में लेते हैं और उसके बाद यह बड़ी बीमारी का कारण बनते हैं। इनमें से कुछ बीमारियां हैं जो ऑफिस में काम करने वाले लोगों को अधिक होती हैं-
- जोड़ों में दर्द
- कमर दर्द
- पीठ दर्द
- डिप्रेशन
- थकान
फायदों से भरा विटामिन डी
अगर आपको ऑफिस में बहुत थकावट रहती है तो इसे विटामिन डी का संकेत समझें और रोज सुबह सात बजे से आठ बजे तक धूप में खड़े हों। विटामिन डी अन्य खानों से तो पूरी हो जाएगी लेकिन आपको तुरंत ही विटामिन डी की जरूरत है। और ऐसे में तुरंत पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी केवल धूप से ही मिलेगा। इसलिए आज से ही रोज सुबह धूप में दस से पंद्रह मिनट खड़े रहें। आपको तीन दिन में ही आऱाम मिलेगा। इससे आपके ऑफिस में काम अच्छा होगा और आप हमेशा फ्रेश महसूस करेंगी।
तो फिर देर किस बात की है। आज से ही सुबह की धूप लेना शुरू कर दें।
Recommended Video
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों