आज दुनिया international Health Coverage Day मना रहा है। संयुक्त राष्ट्र के इस resolution के मुताबिक दुनिया का हर देश अपने हर नागरिक को सस्ती और अच्छी गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा। संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को Sustainable Development उद्देश्यों को हासिल करने के अनुरुप घोषित किया है। Universal Health Coverage यानि दुनिया का हर व्यक्ति बिना किसी परेशानी के अच्छी गुणवत्ता की स्वास्थय सेवाओं का लाभ उठा सके। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक विश्व का गरीब से गरीब व्यक्ति इन सुविधाओं का हकदार है। जिसमे उनके स्वास्थ्य से जुड़ी हुईं ईलाज, अस्पताल का खर्च, दवाईयां आदि शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक इसमे आने वाले खर्च को मरीज के कंधे पर ना डालकर इसे संयुक्त रुप से इस खर्च को उठाया जायेगा। संयुक्त राष्ट्र इस दिन को स्वास्थ्य के मानवाधिकार के रुप मे भी घोषित करता है। इन देशों की नीतियों में universal health coverage के लिए आ रहे हैं बदलाव ऐसे 100 से भी ज्यादा देश हैं जिनकी icome low और middle के level पर आती है। इन देशों में दुनिया की लगभग 3/4 जनसंख्या है। साथ ही brazil, russia, India, China और South Africa इन देशों मे दुनिया की लगभग आधी आबादी रहती है। जोकि universal health coverage की तरफ अपने कदम बढ़ा रहे हैं। साल 2012 मे संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 2012 मे इसको लेकर एक resolution पास किया था। जिसे बाद मे विश्व बैंक और विश्व स्वास्थय संगठन ने प्रमुखता से sustainable development के लिए चिन्हित किया था।
भारत मे Universal Health Coverage
Image Courtesy: biospectrumindia.com
संयुक्त राष्ट्र की इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुऐ केंद्र सरकार ने घोषणा करते हुऐ LaQshya मिशन लॉंच किया है। जिसके तहत देश मे महिलाओं के लिए labour room की गुणवत्ता मे सुधार किया जायेगा। ऐसे क्षेत्रों की पहचान की जायेगी जहां पर महिलाएं की बेहद ही complicated delivery होती है। इसके साथ ही इसका सही ढंग से implimentation हो इसके लिए guife line जारी की जायेगी। आज भी भारत मे ऐसे कई इलाके हैं जहां की delivery के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। जिसकी वजह से कई बार बच्चे को जन्म देते वक्त महिलाओं की मौत हो जाती है। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरों तक से भी आये दिन ऐसी घटनाएं सामने आतीं हैं जहां पर्याप्त संसाधनो के आभाव मे बच्चे को जन्म देते वक्त महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
केंद्र सरकार मे स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 मे इसका खास ध्यान रखा गया है कि कोई भी व्यक्ति बिना financial hardship के स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सके। इसके साथ ही सरकार का आय से ज्यादा खर्च को कम करने की दिशा मे भी कदम बढ़ा रही है। जेपी नड्डा ने ये भी घोषणा की सरकार 1.5 लाख स्वास्थ्य केंद्र विकसित करेगी।
स्वास्थ्य बजट मे वृद्धि
Image Courtesy: colliershomes.com
सरकार की तरफ से ये भी कहा गया कि साल 2017-18 के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय का 27.7% बजट बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही सरकार 14th वित्तीय आयोग मे स्वास्थ्य के लिए 32% से बढ़ाकर 42% कर रही है। जिसमे 25 लाख करोड़ रुपये राज्या सरकारों को दिये जायेंगे जिससे वो अपने-अपने राज्यों मे स्वास्थ्य योजनाओं को स्वतंत्रता पूर्वक लागू कर सकें।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों