स्मोकिंग हेल्थ के लिए खतरनाक होती है, इससे आपको कई तरह की बीमारियां घेर सकती हैं। इसलिए स्मोकिंग करने के लिए माना किया जाता है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि स्मोकिंग से कही ज्यादा खतरनाक आपकी हेल्थ के लिए अनहेल्दी डाइट है। शायद आपको विश्वास नहीं हो रहा होगा लेकिन यह बात सच है और यह बात एक नई रिसर्च से सामने आई है। जी हां आजकल की हमारी लाइफस्टाइल इतनी ज्यादा बदल गई है कि हमारे पास खुद का ध्यान रखने का भी समय नहीं है। यहां तक कि हम अपने खान-पान भी ध्यान नहीं देते हैं। आज घर के खाने की जगह जंक फूड और पैकेड फूड ने ले ली है। लेकिन अगर आप फिट और हेल्दी रहना चाहती हैं तो अपने खाने-पीने पर पूरा ध्यान दें।
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जी हां स्मोकिंग की वजह से बढ़ती बीमारियों और मौत के आंकड़े को देखें तो हेल्थ के लिए स्मोकिंग से कहीं ज्यादा खतरनाक गलत खानपान और खराब डाइट है।
ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी के वर्ष 2017 के आंकड़े के अनुसार, ''विश्व में 20 प्रतिशत मौतें खराब डाइट के कारण होती हैं। खराब डाइट के लिए स्मोकिंग से भी ज्यादा घातक साबित हो रहा है। इसलिए, यह जरूरी है कि लोग जंक फूड से बचें और वनस्पति आधारित आहार को अपनाएं।''
ऐसा देखा गया है कि तनावपूर्ण वातावरण लोगों को चटपटे, मसालेदार जंक फूड आदि को खाने के लिए प्रेरित करते हैं। इस आदत ने पौष्टिक भोजन की परिभाषा को बिगाड़ दिया है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि हेल्दी डाइट का मतलब व्यक्ति के वर्तमान वजन के 30 गुना के बराबर कैलोरी का उपभोग करना ही नहीं है। बल्कि पोषक तत्वों का सही बैलेंस भी उतना ही जरूरी है।
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉक्टर के.के. अग्रवाल का कहना है, "हमारे प्राचीन अनुष्ठानों और परंपराओं ने हमें डाइट की समस्याओं के बारे में बताया है। वे विविधता और सीमा के सिद्धांतों की वकालत करते हैं, यानी मॉडरेशन में कई तरह के भोजन खाने चाहिए। वे यह भी कहते हैं कि आपकी डाइट में सात रंगों (लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, बैंगनी, सफेद) तथा छह स्वादों (मीठा, खट्टा, नमकीन, कड़वा, चटपटा और कसैला) को शामिल करना चाहिए। हमारी पौराणिक कथाओं में भोजन चक्र के कई उदाहरण हैं, जैसे कि व्रत हमारे लिए एक परंपरा है। हालांकि, इसका मतलब कुछ भी नहीं खाना नहीं है, बल्कि कुछ चीजों को छोड़ने की अपेक्षा की जाती है।"
उन्होंने बताया कि किसी व्यक्ति ने कुछ खाया है, ब्रेन को यह संकेत केवल 20 मिनट बाद मिलता है। इसके लिए प्रत्येक कोर को कम से कम 15 बार चबाना महत्वपूर्ण है। यह न केवल एंजाइमों के लिए पर्याप्त हार्मोन प्रदान करता है, बल्कि ब्रेन को संकेत भी भेजता है। इसलिए प्रति भोजन का समय 20 मिनट होना चाहिए।
डॉक्टर अग्रवाल ने आगे कहा, "स्वाद कलिकाएं केवल जीभ के सिरे और किनारे पर होती हैं। अगर आप भोजन को निगल लेते हैं, तो ब्रेन को संकेत नहीं मिलेंगे। छोटे टुकड़ों को खाने और उन्हें ठीक से चबाने से भी स्वाद कलिकाओं के माध्यम से संकेत मिलते हैं। पेट की परिपूर्णता या फुलनेस का आकार तय करता है कि कोई कितना खा सकता है। ब्रेन को संकेत तभी मिलता है जब पेट 100 प्रतिशत भरा हो। इसलिए, आपको पेट भरने की बजाय उसके आकार को भरना चाहिए। इसके अलावा, अगर आप कम खाते हैं तो समय के साथ पेट का आकार सिकुड़ जाएगा।"
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इन सबसे ज्यादा एक बात जो आपको ध्यान में रखनी होगी वह यह कि अपनी एक्टिविटी के साथ अपने भोजन के विकल्पों को बैलेंस करें।
Source: IANS
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