महिलाओं के हार्मोंस को बैलेंस करता है किचन में मौजूद ये मसाला, कुछ दिनों में दिखता है असर

आज हम आपको 1 ऐसे मसाले के बारे में बता रहे हैं जो महिलाओं के हार्मोंस को बैलेंस उनकी कई समस्‍याओं को दूर सकता है। 

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आपकी किचन में मौजूद हल्‍दी खाने में रंग और स्‍वाद देने के साथ महिलाओं को जीवन भर कई लाभ प्रदान कर सकती है। यह एक उपचार और पोषण करने वाला पौधा है, जो आधुनिक जीवन से जुड़े डैमेज के साथ-साथ महिला की हेल्‍थ से जुड़ी समस्‍याओं के लिए विशिष्ट सहायता प्रदान करता है।

अपने समृद्ध और विविध पौधों के केमिकल के कारण, यह एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी (एंटीऑक्सीडेंट) और इम्‍यून-मजबूत करने वाला है। यह जीवन के सभी चरणों में हार्मोन बैलेंस के लिए एक अद्भुत समर्थन हो सकता है।

आज इस आर्टिकल के माध्‍यम से हम आपको बताएंगे कि महिलाओं के हार्मोंस को बैलेंस करने में यह कैसे मदद करता हैं? इसकी जानकारी हमें डाइटीशियन मनप्रीत जी के इंस्टाग्राम अकाउंट को देखने के बाद मिली है। वह अक्‍सर अपने फैन्‍स के साथ हेल्‍थ और डाइट से जुड़े नुस्‍खे शेयर करती रहती हैं।

हार्मोनल बैलेंस के लिए हल्दी️

1) इंसुलिन सेंसिटिविटी में करती है सुधार

हल्दी ब्‍लड शुगर बैलेंस और इंसुलिन के लेवल में सुधार करती है और इंसुलिन सेंसिटिविटी में भी सुधार करती है।

शरीर में इंसुलिन का निर्माण अग्नाशय में होता है और शरीर में इंसुलिन सेंसिटिविटी की स्थिति पैदा होने पर आपकी कोशिकाएं इंसुलिन का सही ढंग से उपयोग नहीं कर पाती हैं। इसकी वजह से ही शरीर का ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है और टाइप 2 डायबिटीज की शुरुआत होती है।

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2) शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी

हल्दी में करक्‍यूमिन नामक मजबूत एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक होता है, जो आपकी सूजन से जुड़ी किसी भी समस्‍या को मिनटों में दूर करता है। करक्यूमिन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक यौगिकहोते हैं। यह आणविक लेवल पर सूजन से लड़ता है, दर्द के लिए जिम्मेदार न्यूरोट्रांसमीटर को कम करता है, जिसे न्यूरोपैप्टाइड पदार्थ पी कहा जाता है।

कुछ अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि करक्यूमिन बिना किसी साइड इफेक्‍ट्स के कुछ एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं के साथ-साथ काम कर सकता है।

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3) डिटॉक्सिफिकेशन में करती है मदद

यह लिवर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद करता है जो हार्मोनल संतुलन में मदद करता है।

हल्दी आपके लिवर को संशोधित, निष्क्रिय और शरीर द्वारा उत्पादित विषाक्त पदार्थों और अतिरिक्त पदार्थों (हार्मोन सहित) को खत्म करने में मदद करके आपके शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में भी मदद करती है। उदाहरण के लिए, अतिरिक्त एस्ट्रोजन हार्मोन असंतुलन और पीएमएस, हैवी पीरियड्स और वजन बढ़ने जैसे लक्षण पैदा कर सकता है।

चूकि एस्ट्रोजन को खत्म करने के लिए लिवर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, हल्दी इस तंत्र के माध्यम से हार्मोन विनियमन पर प्रभाव डाल सकती है।

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4) शरीर में हार्मोनल संतुलन को करती है कंट्रोल

यह एक फाइटो-एस्ट्रोजन (एस्ट्रोजन का एक पौधा स्रोत) है जो शरीर में हार्मोन के लेवल को संतुलित करता है।

इसमें मौजूद तीन प्रमुख गुण जैसे एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और लिवर डिटॉक्सिफिकेशन ऐसे हैं जो हल्दी को हार्मोन संतुलन और फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए अद्भुत बनाते हैं। ये तीनों तत्व हार्मोनल असंतुलन और फर्टिलिटी समस्याओं के लिए अंतर्निहित कारकों का इलाज कर सकते हैं।

अगर आप भी हार्मोन्‍स को बैलेंस करना चाहती हैं तो हल्‍दी को अपनी डाइट में जरूर शमिल करें। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए हमें कमेंट करके जरूर बताएं और जुड़ें रहें हमारी वेबसाइट हरजिंदगी के साथ।

Image Credit: Shutterstock & Freepik

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