टॉयलेट करने के नियमों के बारे में क्या कहता है आयुर्वेद, आप भी जानें

चलिए इस लेख में जानते हैं कि आयुर्वेद टॉयलेट के नियमों के बारे में क्या-क्या सुझाव देता है और क्या गलतियां नहीं करना चाहिए। 

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अच्छा! अगर आपसे यह सवाल किया जाए कि सुबह उठते ही सबसे पहले आप क्या करते हैं, तो फिर आपका जवाब क्या हो सकता है? शायद, आप बिना अधिक समय लिए ये ज़रूर बोले कि सबसे पहले बाथरूम, फिर ब्रश और नहाने के बाद अन्य काम।

लेकिन, अगर आपसे यह सवाल किया जाए कि आयुर्वेद में भी टॉयलेट को लेकर भी कुछ नियम है, तो फिर आपका जवाब क्या हो सकता है? खैर, सवाल-जवाब को पूर्ण विराम देते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार सुबह की दिनचर्या में कुछ आदतों को हमेशा शामिल रखना चाहिए और कुछ गलतियां करने से हमेशा बचना चाहिए। जैसे-हाइजीन टॉयलेट का हमेशा ध्यान रखना चाहिए। टॉयलेट के नियमों के बारे मेंआयुर्वेद की डॉक्टर रेखा राधामोनी कुछ विशेष जानकारी बताने जा रही हैं। आइए जानते हैं।

सुबह में टॉयलेट जाने का सही समय?

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लगभग ये सभी लोग जानते हैं कि सुबह-सुबह बेड से उठते ही सबसे पहले टॉयलेट जाने के बाद ही चाय का सेवन आदि कामों को करना चाहिए। लेकिन, सुबह-सुबह भी कब टॉयलेट जाना चाहिए ये बहुत कम लोग ही जानते हैं। ऐसे में डॉक्टर रेखा राधामोनी के अनुसार टॉयलेट जाने का उचित समय सूर्योदय से पहले का होना चाहिए। इससे भविष्य में हेल्थ दुरुस्त रहता रह सकता है और टॉयलेट की किसी भी परेशानी से बचा भी जा सकता है।

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इंडियन या वेस्टर्न टॉयलेट?

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आज के समय में लगभग हर कोई वेस्टर्न टॉयलेट को बाथरूम में लगाना पसंद करता है लेकिन, डॉक्टर रेखा राधामोनी के अनुसार वेस्टर्न बाथरूम के मुकाबले इंडियन टॉयलेट सबसे बेहतरीन है। इंडियन टॉयलेट के इस्तेमाल से बाथरूम अच्छे से होती है। इसके अलावा पेट और पैर की समस्या से बचने के लिए भी इंडियन टॉयलेट का इस्तेमाल करना फायदेमंद साबित हो सकता है।(घंटों टॉयलेट बाद पेट साफ नहीं हो रहा है आजमाएं ये नुस्‍खे)

टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल?

आजकल लगभग हर बड़े ऑफिस और घर में टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल होता है लेकिन, आयुर्वेद के अनुसार टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। इससे mucosal tissue यानि श्लेष्मल झिल्ली को नुकसान पहुंचने का डर रहता है। ऐसे में डॉक्टर रेखा राधामोनी के अनुसार टॉयलेट पेपर की जगह पानी का इस्तेमाल करना फायदेमंद साबित हो सकता है।

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इन बातों का भी रखें ध्यान

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ऐसे बहुत से लोग है, जो गर्म पानी या फिर चाय पीने के बाद ही टॉयलेट जाना पसंद करते हैं। ऐसे में रेखा राधामोनी के अनुसार का कहना है कि इस आदत को एक दिन के लिए नहीं बल्कि हमेशा के लिए फॉलो करना चाहिए। इसके अलावा कई आयुर्वेद जानकार का यह भी मानना है कि सुबह में मल त्याग करने के बाद नहाने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। सुबह में फ्रेश होने के बाद एक्सरसाइज करना भी सही माना जाता है।

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