महिलाओं को टीबी के खतरों से सावधान होने की जरूरत है, क्योंकि दुनिया में टीबी के सबसे ज्यादा मरीज भारत में ही पाए जाते हैं। Global Tuberculosis Report 2017 के अनुसार साल 2016 में टीबी के 27 लाख नए केस दर्ज किए गए थे। वहीं 4.3 लाख लोग इस बीमारी की वजह से मारे गए। यह आंकड़ा दुनियाभर में टीबी से होने वाली मौतों का 26 फीसदी है।
महंगा है टीबी का इलाज
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टीबी का इलाज काफी महंगा है। इसके इलाज पर प्रति व्यक्ति 2 से 5 लाख का खर्च आता है। टीबी दुनिया की सबसे ज्यादा संक्रामक बीमारियों में से एक है। यह छींकने, खांसने और बात करने से आसानी संक्रमित व्यक्ति से फैलता है। इसके इलाज में 6 महीने से ज्यादा का समय लगता है। आमतौर पर पहले महीने में दवाएं लेने से इसके लक्षण दिखने बंद हो जाते हैं, लेकिन दवाएं अगर पूरे टाइम पीरियड के लिए नहीं ली जाएं तो इससे वापस प्रभावित होने का खतरा भी बना रहता है। इलाज पूरा न होने पर टीबी के और गंभीर होने की आशंका रहती है, जिसके इलाज में कई बार सालों लग जाते हैं।
lungs के साथ दूसरे हिस्से भी हो सकते हैं प्रभावित
टीबी में प्रॉब्लम इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि यह शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है जैसे कि lungs, spine, gastrointestinal tract, eyes, genitals आदि। आमतौर पर यह lungs से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन दूसरे बॉडी पार्ट्स के प्रभावित होने पर इसका असर देर से नजर आता है। इसी कारण कई बार इसका इलाज देर से शुरू होता है या फिर मरीज इसका गलत इलाज कराने लगते हैं। मरीज के ठीक होने के बाद भी उसमें टीबी के लक्षण नजर आ सकते हैं। चेस्ट एंड क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट एंड इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. कैलाश नाथ गुप्ता बताते हैं, 'आपके लिए यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि टीबी के इलाज के बाद scar carcinoma, obstructive airway disease और lung fibrosis जैसी बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि lungs का कैंसर होने के बाद lungs हमेशा के लिए कमजोर हो जाते हैं।' टीबी के इलाज की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि इसका जल्दी diagnosis हो, इलाज की प्रक्रिया पूरी की जाए, शरीर को मिलने वाले न्यूट्रीशन के स्तर में कमी न आए और इलाज के बाद भी फॉलो-आप जारी रखा जाए।
ये हैं टीबी के लक्षण
अगर आपको एक हफ्ते से ज्यादा लगातार खांसी आए, खांसी के साथ बलगम भी आ रहा हो, बलगम में खून भी आ रहा हो, भूख न लगे, वजन कम होने लगे, रात में बुखार आने लगे, ज्यादा पसीना आए, सांस लेते हुए सीने में दर्द हो तो यह टीबी का लक्षण हो सकता है। यह भी संभव है कि टीबी होने पर इनमें से कोई भी लक्षण नजर ना आए।
ऐसे बचाव करें टीबी से
प्रदूषण के कारण टीबी होने का खतरा रहता है, इसलिए स्वच्छ वातावरण में रहें, पौष्टिक भोजन करें। साथ ही अपनी इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग रखें। न्यूट्रिशन से भरपूर खासकर प्रोटीन डाइट जैसे कि सोयाबीन, दालें, मछली, अंडा, पनीर लें। कई बार टीबी का बैक्टीरिया शरीर में होने के बावजूद अच्छी इम्युनिटी होने पर एक्टिव नहीं हो पाता, जिससे आप टीबी से सुरक्षित रहती हैं। टीबी से बचाव के लिए ज्यादा भीड़ वाली जगहों पर ना जाएं। टीबी के मरीज से दूरी बनाए रखें।
टीबी होने की स्थिति में मास्क पहनकर रहें। मास्क नहीं पहना हो तो खांसने या छींकने से पहले मुंह को नैपकिन से ढंक लें। इस नैपकिन को ढंके हुए डस्टबिन में डालें। डस्टबिन की भी फिनाइल डालकर नियमित सफाई करें। टीबी के बारे में जागरूकता भी बनाए रखें ताकि इसके सभी पहलुओं से आप अच्छी तरह वाकिफ रहें और खुद को टीबी से मुक्त रखने के लिए अपनी ओर से सारे preemptive measures ले सकें।
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