आजकल लोगों में सेहत को लेकर काफी सजगता देखने को मिल रही है, खासकर फिटनेस के प्रति लोग पहले से कहीं अधिक फिक्रमंद हो चले हैं। अब इसके पीछे की वजह चाहे जो भी हो पर फिटनेस और सेहत के प्रति लोगों का यह रुझान अपने आप में सकारात्मक संकेत है। पर इसके साथ ही सही जानकारी का होना भी जरूरी है ताकि किसी भी तरह ही असहजता और दुष्प्रभावों से बचाव हो सके।
इस आर्टिकल में ट्रेडमिल रनिंग के बारे में बात कर रहे हैं कि किस तरह से यह असल दौड़ से अलग सेहत के लिए लाभकारी साबित होती है। इसके साथ ही हम इसकी सीमाएं और इससे होने वाले संभावित नुकसान के बारे में भी बात करेंगे। दरअसल, हमने इस बारे में लखनऊ के फिटनेस कोच संदीप शुक्ला से बात की और उनसे मिली जानकारी यहां आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
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फिटनेस कोच संदीप शुक्ला बताते हैं कि जिन लोगों के लिए हर रोज मॉर्निंग वॉक के लिए बाहर जाना संभव नहीं है उनके लिए ट्रेडमिल अच्छा विकल्प है। घर, ऑफिस या जिम में एक निश्चित समय में ट्रेडमिल पर दौड़ लगा कर आवश्यक कैलोरी बर्न कर सकते हैं। इससे आपका समय भी बचता है और घर से बाहर रनिंग या वॉक के दौरान संभावित जोखिम से बचाव भी होता है। अब बात करें ट्रेडमिल पर रनिंग के फायदे की तो इससे सेहत को सीधे तौर पर कई सारे लाभ मिलते हैं।
ट्रेडमिल रनिंग से मिलने वाले सेहत लाभ
- ट्रेडमिल पर दौड़ना, वजन कम करने में सीधे तौर पर लाभकारी साबित होता है, इसके जरिए आप अपने हर रोज निश्चित कैलोरी बर्न कर अपने फिटनेस लक्ष्य को आसानी से पा सकते हैं।
- ट्रेडमिल पर चलने या एक रिदम में दौड़ने से शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है, जो कि दिल की सेहत के लिए लाभकारी होता है।
- ट्रेडमिल पर दौड़ने के दौरान मांसपेशियों का अधिक इस्तेमाल होता है, ऐसे में इससे मांसपेशिया मजबूत होती हैं। इस तरह से यह बॉडी के कोर स्ट्रेंथ को बढ़ाने में मदद करता है।
- ट्रेडमिल पर दौड़ना हड्डियों की सेहत के लिए भी लाभकारी होता है, इससे हड्डियों का घनत्व बढ़ता है और हड्डियां मजबूत बनती हैं।
- ट्रेडमिल पर दौड़ना कुछ हद तक मानसिक स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाता है। असल में जब आप एक रिदम में ट्रेडमिल पर दौड़ते हैं तो इससे शरीर में डोपामाइन और एंडोर्फिन नामक हैप्पी हार्मोन का संचार बढ़ता है, जो कि मानसिक सेहत के लिए बेहतर साबित होते हैं।
ट्रेडमिल रनिंग या असल दौड़, कौन है बेहतर
अब बात करें कि ट्रेडमिल रनिंग या असल दौड़, दोनों में से कौन अधिक बेहतर है तो इस बारे हमारे फिटनेस एक्सपर्ट संदीप शुक्ला कहते हैं कि देखा जाए तो दोनों की अपनी-अपनी कुछ सीमाएं हैं। जैसे कि ट्रेडमिल रनिंग के दौरान आप शुद्ध हवा, सुबह की धूप और प्रकृति के आनंद से वंचित रह जाते हैं। आप सिर्फ एक मशीन के सहारे बेतहाशा भाग रहे होते हैं, जो कैलोरी बर्न के लिहाज से भले ही अधिक फायदेमंद हो, पर यह मानसिक रूप से आपको ऊर्जा प्रदान नहीं कर पाती।
वहीं जब सुबह की शुद्ध ताजी हवा में दौड़ लगाते हैं तो ये आपकी मानसिक सेहत के लिए बेहद लाभकारी होती है। इसके साथ ही ताजी हवा मिलने से फेफड़ों की सेहत में भी सुधार होता है। वहीं सुबह के वक्त मिलने वाली धूप से विटामिन डी की पूर्ति होती है, जो हड्डियों के साथ ही पूरे शरीर के लिए लाभकारी होता है।
लेकिन अगर आप किसी ऐसी जगह रह रहे हैं, जहां प्रदूषण का स्तर काफी अधिक है, तो फिर वहां बाहर दौड़ लगाना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसी स्थिति में ट्रेडमिल रनिंग ही बेहतर विकल्प है, क्योंकि इससे आप बाहर प्रदूषण में निकलने के जोखिम से बच जाते हैं। साथ ही शरीर का आवश्यकता अनुसार वर्कआउट भी कर पाते हैं। तो इस तरह से देखा जाए तो ट्रेडमिल रनिंग और असल दौड़, दोनों के ही अपने फायदे और सीमाएं हैं।
उम्मीद करते हैं कि सेहत से जुड़ी यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी और अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों और परिचितों के साथ शेयर करना न भूलें। साथ ही अपनी राय हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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Image Credit:Freepik
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