पीठ का दर्द अक्सर बूढ़े लोगों की समस्या करार दे दिया जाता है, लेकिन आजकल यंग मदर्स को भी पीठ का दर्द रहने लगा है। 50 फीसदी से ज्यादा महिलाओं को प्रेगनेंसी के समय में पीठ दर्द की समस्या देखने में आती है, लेकिन प्रेगनेंसी के बाद भी 20 फीसदी महिलाओं में यह दर्द बना रहता है। छोटे बच्चे की देखभाल से महिलाओं पर काम का बोझ और ज्यादा बढ़ जाता है। डिलीवरी के बाद भी कुछ वजहों से पीठ का दर्द बना रहता है, जिन्हें जानने पर आप अपनी पीठ को आराम देने के लिए कर सकती हैं उपाय-
ब्रेस्टफीडिंग का तरीका हो सही
महिलाएं ब्रेस्टफीड कराते हुए कई बार जरूरत से ज्यादा झुक जाती हैं, जिसकी वजह से उनकी पीठ दर्द करने लगती है। इससे बचने के लिए उन्हें हमेशा बैक सपोर्ट के साथ बैठना चाहिए। फीड कराते हुए बच्चे को भी तकिए पर लिटा लें। इससे आप बहुत ज्यादा झुकने से बचेंगी और पीठ दर्द से बचाव होगा।
खाने से मिले पर्याप्त पोषण
सही पोषण नहीं मिल पाने का अर्थ यह नहीं है कि महिलाओं को न्युट्रिशन नहीं मिल रहा। इसका अर्थ यह है कि वे खाने में ऐसी डाइट नहीं ले रहीं, जिससे उन्हें पर्याप्त न्युट्रिशन मिल जाए। महिलाओं को ब्रेस्टफीड के लिए अतिरिक्त 500 कैलोरीज की जरूरत होती है। कैल्शियम, विटामिन सप्लीमेंट और सही न्यूट्रिशन प्लान से आपको पर्याप्त पोषण मिल सकता है, जिससे आप स्वस्थ रहेंगी।
बच्चे को उठाते हुए ना हो गलत पोस्चर
अक्सर महिलाएं जब बच्चे को उठाती हैं तो वे एकदम से नीचे झुकती हैं, इससे उनकी स्पाइन पर जरूरत से ज्यादा दबाव पड़ता है। बच्चा होने के बाद महिलाएं खुद से ज्यादा अपने बच्चे की केयर करती हैं। ऐसे में वे बार-बार अपने बच्चे को उठाने के लिए झुकती हैं और इससे उनकी पीठ का दर्द बढ़ जाता है। यंग मदर्स जब भी बच्चे को उठाएं तो उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे एकदम से बहुत ज्यादा ना झुकें। अगर झुकने की जरूरत है तो पहले वे हिप्स और घुटनों के सहारे नीचे बैठ जाएं, उसे बाद थोड़ा झुककर बच्चे को उठा लें।
गलत तरीके से ना करें एक्सरसाइज
महिलाएं इस बात के लिए बहुत अवेयर नहीं होतीं कि डिलीवरी के बाद उनकी स्थिति कैसी है और उसके मुताबिक उन्हें किस तरह की एक्सरसाइज करनी चाहिए। ऐसे में महिलाओं को बैक स्पेशलिस्ट की सलाह पर ही एक्सरसाइज करनी चाहिए। शुरुआत हल्की फुल्की एक्सरसाइज से होनी चाहिए और इसके बाद धीरे-धीरे वॉकिंग, जॉगिंग, कोर एक्सरसाइज करनी चाहिए। जब स्थिति पूरी तरह से सामान्य हो जाए तभी जुंबा, पिलाटे और फिर वेट ट्रेनिंग पर ध्यान देना चाहिए।
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