कई बीमारियों में दवा और सर्जरी नहीं फिजियोथेरेपी है सही, जानिए एक्‍सपर्ट की राय

मौजूदा समय में अधिकांश लोग दवाइयों के झंझट से बचने के लिए फिजियोथेरेपी की ओर रुख कर रहे हैं, क्योंकि यह न केवल कम खर्चीला होता है, बल्कि इसके साइड इफेक्‍ट भी न के बराबर है।

physiotherapy health main

मानसिक तनाव, घुटनों, पीठ या कमर में दर्द जैसे कई रोगों से बचने या निपटने के लिए बिना दवा खाए या चीरा लगवाए फिजियोथेरेपी एक असरदार तरीका है। जी हां फिजियोथेरेपी यूं तो आधुनिक चिकित्सा पद्धति मानी जाती है, लेकिन भारत में सदियों से चले आ रहे मालिश व कसरत के नुस्खे का ही यह मिला-जुला रूप है। मौजूदा समय में अधिकांश लोग दवाइयों के झंझट से बचने के लिए फिजियोथेरेपी की ओर रुख कर रहे हैं, क्योंकि यह न केवल कम खर्चीला होता है, बल्कि इसके दुष्प्रभाव की आशंका न के बराबर होती है। आइए, सबसे पहले यह जान लेते हैं कि फिजियोथेरेपी है क्या?

फिजियोथेरेपी क्या है?

प्रशिक्षित फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा एक्‍सरसाइज के जरिए बॉडी की मसल्‍स को सही अनुपात में एक्टिव करने की विधा फिजियोथेरेपी कहलाती है। इसे हिंदी में फिजिकल ट्रीटमेंट पद्धति कहा जाता है। घंटों लगातार कुर्सी पर वक्त बिताने, गलत मुद्रा में बैठने और एक्‍सरसाइज या खेल के दौरान अंदरूनी खिंचाव या जख्मों की हीलिंग के लिए फिजियोथेरेपिस्ट की सेवा लेने की सलाह खुद चिकित्सक भी देते हैं।

physiotherapy health inside

नोएडा स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल में फिजियोथेरेपिस्ट एवं रिहैब क्लीनिक के प्रमुख डॉक्‍टर सुरेंद्र सिंह बताते हैं, सबसे पहले यह बताना जरूरी है कि केवल रोगी ही नहीं, बल्कि हेल्‍दी लोग भी चुस्त-दुरुस्त रहने के लिए फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह ले सकते हैं। मौजूदा समय में स्मार्ट और सिंपल हेल्थ सॉल्यूशन के लिए फिजियोथेरेपी काफी लोकप्रिय हुई है। इसकी लोकप्रियता और भरोसे का कारण यह भी है कि बाकी इलाज पद्धतियों से अलग फिजियोथेरेपी उच्च पेशेवर लोग ही करते हैं।

हर बड़े हॉस्पिटल में है फिजियोथेरेपी की सुविधा

डॉक्‍टर सिंह ने कहा कि अस्थमा और फ्रैक्चर पीड़ितों के अतिरिक्त गर्भवती महिला को भी फिजियोथेरेपी की सलाह दी जाती है। लगभग देश के हर बड़े अस्पताल में फिजियोथेरेपी की जाती है। वहीं, बुजुर्गो, मरीजों और कामकाजी लोगों के लिए घर तक फिजियोथेरेपी की सेवा पहुंचाने का भी चलन बढ़ा है। इसकी खास बात है कि फिजियोथेरेपिस्ट मरीज पर व्यक्तिगत तौर पर ध्यान देता है जो किसी हॉस्पिटल या क्लीनिक में संभव नहीं है। पेशवरों की निगरानी में एक्‍सरसाइज कार्यक्रमों के चलन ने भी घर पर उपलब्ध होने वाली फिजियोथेरेपी सेवा की लोकप्रियता बढ़ा दी है।

physiotherapy health inside

डॉक्‍टर सुरेंद्र की बात का समर्थन करते हुए हेल्थकेयर एट होम के फिजियोथेरेपिस्ट प्रमुख डॉक्‍टर गगन कपूर कहते हैं, घर पर फिजियोथेरेपी करवाने का चलन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण समय की कमी है। घर पर पेशेवर फिजियोथेरेपिस्ट मरीज की समस्या के सभी पहलुओं पर नजर डालता है और रोगी को भी उसके हीलर से अधिक समय मिल पाता है।

किन चीजों का ध्‍यान है जरूरी

फिजियोथेरेपी से पहले किन चीजों पर ध्यान दिया जाना जरूरी है, इस सवाल पर आईवीएच सीनियरकेयर के कंसल्टेंट फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्‍टर यशवंत प्रताप कहते हैं, अगर आप चाहते हैं कि आपको फिजियोथेरेपी का लंबे समय तक फायदा मिले तो इसके सभी सत्र पूरे किए जाने जरूरी हैं। फिजियोथेरेपी शुरू करने से पहले उसकी अवधि की जानकारी ले लेनी चाहिए। फिजियोथेरेपिस्ट को भी मरीज की स्थिति के विस्तृत आकलन के बाद ही इसे शुरू करना चाहिए।

Read more: मेनोपॉज के दौरान एस्‍ट्रोजन लेवल गिरने से बढ़ता है इस बीमारी का खतरा

उन्होंने कहा, अगर आप कामकाजी हैं और नियमित तौर पर हॉस्पिटल नहीं जा सकती तो घर पर ही फिजियोथेरेपिस्ट हायर कर सकती हैं। लेकिन सबसे जरूरी बात है कि आपको इस पद्धति का संपूर्ण लाभ उठाने के लिए पूरी ईमानदारी व भरोसे के साथ खुद को फिजियोथेरेपिस्ट को सौंपना होगा।

Recommended Video



HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP