आजकल वर्किंग महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है। महिलाएं बैंकिंग, मेडिकल सेवाओं और टीचिंग से आगे बढ़ते हुए जर्नलिज्म, मैनेजमेंट और फैशन डिजाइन जैसे नए पेशों में अपनी किस्मत आजमा रही हैं। इसमें फिजियोथेरेपी भी शुमार है और पिछले कुछ सालों में इसमें करियर की संभावनाएं और भी ज्यादा बढ़ गई हैं।
फिजियोथेरेपी से मिलता है कारगर इलाज
फिजियोथेरेपी में शरीर के बाहरी हिस्से का इलाज किया जाता है। थेरपी के मायने हैं एक्सरसाइज, इलेक्ट्रोथेरपी व मसाज। इन तकनीकों से स्टेप बाई स्टेप मरीजों की मांसपेशियों को मजबूत बनाया जाता है। मानसिक बीमारियों के शिकार लोगों को भी यह कई तरह की बीमारियों से लड़ने के लिए स्ट्रॉन्ग बना देती है।
इन कोर्सेस में लीजिए दाखिला
फिजियोथेरेपी के लिए आप डिप्लोमा, बैचलर, पीजी, एमफिल, पीएचडी तक के कोर्सेस में एडमिशन ले सकती हैं। बैचलर लेवल के कोर्स को बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी(बीपीटी) कहा जाता है। इसकी पढ़ाई सामान्य रूप से साढ़े चार साल की होती है। इसमें आखिरी छह महीने में इंटर्नशिप करनी होती। इसके बाद आप मास्टर ऑफ फिजियोथेरेपी( एमपीटी) करके इसमें स्पेशलाइजेशन कर सकती हैं। इसके तहत आप न्यूरोलॉजिकल फिजियोथेरेपी, ऑर्थोपीडिक फिजियोथेरेपी, अब्स्टेट्रीक्स फिजियोथेरेपी, पोस्ट ऑप्रेटिव फिजियोथेरेपी, कार्डियोवास्कुलर फिजियोथेरेपी, पिडियाट्रिक फिजियोथेरेपी जैसे कई विषयों में स्पेशलाइजेशन कर सकती है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
करियर काउंसलर तुषार राजदान बताते हैं, 'आज के समय में हमारी जीवनशैली बहुत आरामतलबी वाली हो गई है, ऐसे में शरीर में तरह-तरह की प्रॉब्लम आ जाती हैं और इन्हें ठीक करने के लिए फिजियोथेरेपी की जरूरत होती है। इसमें लोअर बैक की समस्याओं से लेकर घुटने और ओल्ड एज तक की समस्याएं आती हैं। अगर आपने 12वीं साइंड स्ट्रीम के साथ बायोलॉजी से की है तो आपके लिए फिजियोथेपी में संभावनाएं तलाशना आसान हो जाता है। इसके लिए आप सरकारी और प्राइवेट दोनों ही यूनिवर्सिटीज के ऑप्शन चुन सकती हैं। सरकारी कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए आपको स्टेट या सेंट्रल लेवल की प्रवेश परीक्षाएं पास करनी होंगी। प्राइवेट कॉलेजों में कुछ कॉलेजों में सीधे दाखिला मिल जाता है वहीं कुछ में प्रवेश परीक्षाएं पास करनी होती हैं।'
तुषार बताते हैं, 'कोर्स करने के बाद आप सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में बतौर फिजियोथेरेपिस्ट काम कर सकती हैं। आप बच्चों से लेकर बड़ों तक हर तरह के फिजियोथेरेपी के पेशंट्स से डील कर सकती हैं। फिजियोथेरेपी में डिप्लोमा करने के बाद आप कई विषयों में स्पेशलाइजेशन और रिसर्च कर सकती हैं जैसे कि फिजियोथेरेपी, रेस्पिरेटरी, स्पोर्ट्स, ऑर्थोपीडिक आदि। फिजियोथेरेपी की पढ़ाई करने के बाद आप अपना प्राइवेट क्लीनिक भी खोल सकती हैं।'
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