शादी के बाद अगर पीरियड्स मिस हो जाएं तो अक्सर टेंशन होने लगती हैं कि कहीं प्रेग्नेंसीतो नहीं। जब आपने प्रेगनेंसी के लिए कुछ साल बाद की प्लानिंग कर रखी हों तब पीरियड्स में देरी होने पर तनाव काफी ज्यादा बढ़ जाता है। स्त्री रोग विशेषज्ञ अर्चना धवन बजाजका मानना है कि लाइफस्टाइल में बदलाव और एनवायरमेंट फैक्टर्स की वजह से मेंस्ट्रुअल साइकिल बिगड़ सकती है। ऐसी स्थिति होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए क्योंकि यह एक सीरियल प्रॉब्लम हो सकती है।
पीरियड्स एक सामान्य प्रक्रिया है। हर महीने उम्र और स्वास्थ्य के हिसाब से महिलाओं को तीन से सात दिन के बीच ब्लीडिंग होती है। आमतौर पर अगर पीरियड्स में रुकावट आती है और एक टाइम पीरियड के बीच ये शुरू नहीं होते है तो अनुमान लगाया जाता है कि महिला प्रेग्नेंट है। इसी वजह से संतान ना चाहने वाली या बच्चों के बीच अंतर की अपेक्षा से महिलाएं अपनी पीरियड्स साइकिल पर नजर रखती हैं। इसमें रुकावट आने पर उसेप्रेग्नेंसी का लक्षण समझ कर तनाव में आ जाती हैं। ऐसी महिलाओं को यह समझने की जरूरत है कि पीरियड्स में इररेगुलेरिटी केवल गर्भ धारण करने की वजह से ही नहीं होती बल्कि कई और वजहों से भी हो सकती है।
अगर आप ज्यादा स्ट्रेस्ड हैं तो स्ट्रेस हार्मोन के ऊपर सीधा असर पड़ता है जो कि एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे दो सेक्स हार्मोन के शरीर में ज्यादा या कम बनने के लिए जिम्मेदार होता है। ऐसे में अगर खून में स्ट्रेस हार्मोन बढ़ जाता है तो महिलाओं के पीरियड साइकिल पर इसका गहरा असर पड़ता है।
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जो महिलाएं गर्भनिरोधक दवाओं का इस्तेमाल कर रही होती हैं, उन्हें प्रेग्नेंसीमें डीले होने पर तनाव बढ़ने लगता है, जबकि बर्थ कंट्रोल पिल्स के साथ तालमेल बिठाने में शरीर को कई महीने लग जाते हैं। ऐसे में पीरियड्स इररेगुलर हो सकते हैं।
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पीरियड्स के लिए शरीर को एनर्जी चाहिए होती है और अगर आप जिम में बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करती हैं और एनर्जी लूज कर देती हैं, तो शरीर कमजोर हो जाता है और इसका असर पीरियड्स पर भी पड़ता है और वो इररेगुलर हो सकते हैं।
ओवरी में सिस्ट होने पर भी पीरियड्स पर इसका असर पड़ता है। इस वजह से सही समय पर पीरियड्सन आना पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम कहलाता है। कुछ टेस्ट होने के बाद यह पता लग सकता है कि आपको यह सिंड्रोम है कि नहीं। इसके लिए आपक अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
अगर आप लंबे समय तक बीमार रहीं और इसकी वजह से आपको दवाइयां लेनी पड़ी थीं तो भी आपके पीरियड्स कुछ दिनों के लिये टल सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ दवाइयां एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के लेबल पर असर डालती हैं।
अगर आपका वजनकिन्हीं वजहों से अचानक घट या बढ़ रहा है तो यह भी पीरियड्स में देरी की वजह हो सकती है। वजन के घटने या बढ़ने से हार्मोन में बदलाव आता है और पीरियड्स साइकिल प्रभावित होती है।
एक अन्थाय समस्या थायरॉइड भी है। पीरियड्स का अनियमित होना थायरॉइड के शुरुआती लक्षणों में से एक है। इस बीमारी में मासिक दर्म का इंटरवल 28 दिनों से ज्यादा का हो जाता है जिससे माहवारी आने में अधिक समय लगता है।
आप भी अगर पीरियड मिस कर चुकी हैं, तो अपनी डॉक्टर से सलाह लें और उसके बाद ही कोई दवा करें। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे जरूर शेयर करें। हेल्थ से जुड़ी अन्य अपडेट्स के लिए विजिट करती रहें हरजिंदगी।
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