आपने अक्सर देखा होगा कि ओवरवेट लोगों की डाइट नॉर्मल लोगों से ज्यादा होती है। किसी मोटे इंसान को फास्ट फूड या ओवरईटिंग करते देख आपने शायद उन्हें टोका हो या हैरानी भी जताई हो। दरअसल ओवरवेट होने पर
पाया गया है कि मोटाप के कुछ मामलों में ब्रेन का रिवार्ड सिस्टम बदल जाता है। इससे नॉर्मल वेट वाले लोगों की तुलना में उन्हें ज्यादा क्रेविंग होती है। इससे मोटापे के शिकार लोग क्रेविंग से परेशान हो जाते हैं और इसी का नतीजा होता है कि उनका वजन बढ़ने लगता है। दिमाग के रिवार्ड सिस्टम में इस तरह की गड़बड़ी कुछ लतों की वजह से भी हो सकती है।
मैग्नेटिक एनर्जी के जरिए कंट्रोल हो सकता है मोटापा
डीप ट्रांसक्रेनियल मैग्नेटिक स्टिम्युलेशन (डीटीएमएस ) एक ऐसा मेडिकल ट्रीटमेंट है, जिसमें मैग्नेटिक एनर्जी के जरिए दिमाग के कुछ स्पेसिफिक हिस्सों के न्यूरॉन्स को एक्टिवेट किया जाता है। डिप्रेशन और एडिक्टिव बिहेवियर को ठीक करने के लिए यह तरीका आजमाया जाता है। इस पर हुई स्टडीज से यह बात पता चली है कि इसे मोटापे के शिकार लोगों में दवाओं का सेवन और फूड क्रेविंग्स को कंट्रोल करने के लिए यह एक अच्छा विकल्प है।
स्टडी में शामिल प्रोफेसर लूजी ने बताया, 'इस स्टडी में यह बात साफ हुई है कि कैसे डीटीएमएस मोटापे के शिकार लोगों में फूड क्रेविंग्स को कंट्रोल करता है। हमने कुछ फूड मार्कर्स का भी पता लगाया जिन्हें फूड रिवार्ड से जोड़कर देखा जाता है। मसलन ग्लूकोस जेंडर के हिसाब से बदल जाता है, जो इस बात को दर्शाता है कि पुरुष और महिलाओं में फूड क्रेविंग को लेकर किस तरह का फर्क दिखता है।'
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