Low BP Symptoms: लो बीपी और हाई बीपी दोनों ही खतरनाक होते हैं। लो बीपी को मेडिकल टर्म में हाइपोटेंशन कहा जाता है। वहीं, हाई बीपी को हाइपरटेंशन कहा जाता है। अक्सर लोग हाई बीपी को तो सीरियसली लेते हैं, लेकिन लो बीपी को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। बता दें कि बीपी का लो रहना भी कम खतरनाक नहीं है। स्वस्थ वयस्कों में बीपी का लेवल 120/80 mmHg या उसके आस-पास होना चाहिए। अगर आपका बीपी 90/60 mmHg से कम है तो इसे लो बीपी माना जाता है। लो बीपी के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें खान-पान सही न होना, शरीर में पानी की कमी होना, स्ट्रेस, लंबे वक्त तक भूखे रहना वगरैह शामिल हैं। कुछ हेल्थ कंडीशन्स की वजह से भी बीपी लो रह सकता है। लो बीपी के लक्षणों को समय रहते पहचानना बहुत जरूरी है, नहीं तो गंभीर समस्या हो सकती है। इस बारे में बीएम बिरला हार्ट रिसर्च सेंटर के सीनियर इन्टवेंशन कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर धीमन कहली जानकारी दे रहे हैं।
अगर आपको अक्सर सिरदर्द की समस्या रहती है, तो यह भी लो बीपी का एक संकेत है। बीपी लो रहने पर कई लोगों को सिरदर्द होता है। कई लोगों के सिर में हमेशा हल्का दर्द बना रहता है। इसे नजरअंदाज न करें।
अगर आपको अक्सर कमजोरी महसूस होती है, चक्कर आते हैं, तो ये भी बीपी के लो होने का इशारा है। एक जगह बैठे रहने के बाद जब आप एकदम से उठते हैं, तो सब घूमता हुआ सा महसूस होता है, आंखों के आगे अंधेरा आ जाता है, धुंधला दिखाई देता है, या फिर पूरी नींद लेने के बाद भी थकान रहती है, तो इस पर ध्यान दें। कई बार जब बीपी एकदम से लो होता है, तो व्यक्ति बेहोश भी हो जाता है।
बीपी कम होने पर शरीर में खून का फ्लो सही तरीके से नहीं हो पाता है, जिसके चलते हाथ-पैर ठंडे होने लगते हैं। अगर किसी भी मौसम में आपके हाथ-पैर ठंडे रहते हैं, या फिर हाथ-पैरों में कपकपाहट महसूस होती है, तो यह लो बीपी का लक्षण है। इसकी वजह से हाथ और पैरों की उंगलियों की तरफ खून का प्रवार सही से नहीं हो पाता है।
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बीपी का अचानक से कम हो जाना या फिर कम ही बने रहना, खतरनाक हो सकता है। सांस लेने में परेशानी होना भी बीपी लो होने का संकेत है। अगर आपको थकान के साथ सांस लेने में मुश्किल हो रही है, लंबी सांस लेनी पड़ रही है, तो आपका बीपी लो हो सकता है।
दिल की धड़कन अचानक से बढ़ जाना भी लो बीपी का एक लक्षण है। ब्लड प्रेशर का मतलब खून के रक्त वाहनियों में बहने के दौरान इनकी दीवार पर पड़ने वाले दवाब से है। बीपी लो होने पर इस दवाब पर भी असर होता है, और दिल की धड़कन बढ़ सकती है।
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